इनकम टैक्स रिटर्न क्या होती है और फाइलिंग के फायदे – नुकसान।

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Income Tax ki limit kya hai

Income Tax ki limit kya hai  – इनकम टैक्स रिटर्न को आसान शब्दों में समझे तो यह एक तरह का फॉर्म होता है जिसमे आपको अपने द्वारा कमाई गयी इनकम और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है। इनकम टैक्स रिटर्न को शार्ट में आईटीआर भी कहा जाता है और यह उन सभी लोगों को भरनी जरुरी होती है, जो कि किसी न किसी तरह से पैसे कमा रहे है।

लेकिन, यहाँ यह बात करना बहुत जरुरी है कि आप कितने पैसे कमा रहे तब आपको आईटीआर भरना जरुरी होगा, क्या इसकी कोई लिमिट है या फिर कुछ भी इनकम करने पर आपको आईटीआर भरना जरुरी होगा।

इस सवाल का जवाब देने से पहले मैं यह बताना चाहूंगा कि आपको आईटीआर भरना जरुरी है या नहीं, यह सबसे पहले डिपेंड करता है कि इनकम टैक्स के अनुसार आपका स्टेटस क्या है। इनकम टैक्स एक्ट में आपके अलग – अलग स्टेटस हो सकते है, जैसे – इंडिविजुअल, फर्म, कंपनी, एल एल पी आदि।

इन सभी स्टेटस के लिए आईटीआर फाइल करने से जुड़े रूल्स अलग -अलग है, जिनको हम आगे बिलकुल आसान तरीके से कुछ रियल लाइफ केस के साथ समझेंगे।

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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के क्या फायदे है ? 

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग आपको कई तरह के बेनिफिट देती है। इससे कई तरह के लीगल और फाइनेंसियल बेनिफिट भी होते है। यह आपको अपने फाइनेंसियल को मैनेज करने, टैक्स बेनिफिट्स प्राप्त करने और देश के रेवेन्यू सिस्टम को बेहतर बनाने में काफी मदद करती है।

आईटीआर (ITR ) फाइल करने के फायदे

  1. जब भी आपको बैंक से लोन लेना हो तो बैंक आपसे पिछले 3 वर्ष की इनकम टैक्स रिटर्न मांगता है, यदि आप अपनी रिटर्न फाइल नहीं करते है तो बैंक आपको लोन नहीं देगा। यानि कि बैंक से लोन लेने के लिए भी आईटीआर बहुत ही जरुरी डॉक्यूमेंट है।
  2. विदेश जाने के लिए आपको पहले वीजा लेना पड़ता है और बिना आपकी इनकम टैक्स रिटर्न देखे आपको वीजा नहीं दिया जायेगा। यानि कि वीजा प्रोसेसिंग के लिये भी इनकम टैक्स रिटर्न अनिवार्य है,
  3. यदि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपनी इनकम प्रूफ करनी हो तो इनकम टैक्स रिटर्न आपकी इनकम के प्रूफ का इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट है,
  4. अगर आपकी कोई भी टैक्सेबल इनकम नहीं है, लेकिन आपका टैक्स काट लिया गया है तो इस टैक्स का रिफंड क्लेम करने के लिये भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा, क्योकि इसके बिना आप रिफंड क्लेम नहीं कर सकते है।
  5. आप कोई बिज़नेस करते है और आपको कोई नुकसान होता है तो इस बिज़नेस लॉस का इनकम टैक्स में बेनिफिट लेने के लिए आपको आईटीआर रिटर्न फाइल करना जरुरी होगा। इसी तरह कैपिटल गेन हेड में भी नुकसान होने पर उसको सेट ऑफ और कैरी फॉरवर्ड करने के लिए रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा।
  6. अगर आपके लिए आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है, तो ब्याज और पेनल्टी से बचने के लिए भी आईटीआर फाइल करना जरुरी होगा।
  7. सरकारी टेंडर के लिए अप्लाई करने के लिए।
  8. सबसे आखिरी में लेकिन सबसे जरुरी देश के विकास मे अपना सहयोग देने के लिये।

इन सभी फायदों को प्राप्त करने के लिए अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करे। ध्यान रखे आईटीआर फाइलिंग आपके भविष्य में भी काफी काम आ सकती है।

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 इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने पर हमें क्या नुकसान हो सकते है ?

जब हम इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के फायदों के बारे में बात कर रहे है, तो इसके नुकसानों के बारे में भी हमें जान लेना चाहिए। इन नुकसानों का आपके ऊपर कैसे असर पड़ सकता है, इसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।

लेकिन सबसे पहले आप यह जान ले कि आईटीआर फाइलिंग की 2 तारीखें होती है, पहली देय तिथि ( due dates ) और दूसरी लास्ट डेट।

इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की due date निकल जाने के बाद आपको आईटीआर फाइल करने के लिए कुछ ब्याज और लेट फीस का पेमेंट करना होगा और उसके बाद आप अपनी रिटर्न फाइल कर सकते है।  लेकिन,

लास्ट डेट निकल जाने के बाद आप अपनी रिटर्न को ब्याज और लेट फीस के साथ भी फाइल नहीं कर सकते है।

रिटर्न को नहीं फाइल करने या देरी से फाइल करने के नुक़सान –

  1. अगर आप अपनी आईटीआर को due date के बाद फाइल करते है ,तो आप अपने बिज़नेस और कैपिटल गेन हेड के Losses को आगे के वर्षों में कैरी फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे।
  1. due date के बाद आईटीआर फाइल करने पर, आपको Due Date से लेकर आईटीआर फाइल करने की तारीख तक बकाया टैक्स पर, 1% प्रत्येक महीने या महीने के पार्ट के लिये ब्याज का पेमेंट करना होगा, जैसे – due date 31 जुलाई है और आप 2 अक्टूबर को रिटर्न फाइल कर रहे है, तो आपको 3 महीने का ब्याज (अक्टूबर महीना भी शामिल ) देना होगा।
  1. देय तारीख़ के बाद रिटर्न फाइल करने पर आपको आपकी आईटीआर सेक्शन 143(1 ) में प्रोसेस किये जाने की तारीख से रिफंड दिए जाने तक की तारीख तक ही रिफंड पर ब्याज प्राप्त होगा , यानि कि रिफंड पर कम ब्याज प्राप्त होगा।
  1. इनकम टैक्स रिटर्न को due date के बाद फाइल करने पर आपको  234F में लेट फीस का पेमेंट करना होगा।
  2. अगर आप लास्ट डेट तक अपनी रिटर्न फाइल नहीं करते है, तो आपके पास सिर्फ अपडेटेड रिटर्न के माध्यम से अपनी आईटीआर फाइल करने का मौका रहेगा, लेकिन इसके लिए आपको अतिरिक्त ब्याज का भुगतान करना होगा।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना किनके लिए अनिवार्य है ?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरुरी है या नहीं, यह आपके स्टेटस, इनकम की लिमिट, विदेशी इनकम, रेजिडेंशियल स्टेटस और अन्य कारणों पर निर्भर करती है,

इनकम टैक्स रिटर्न किन के लिए फाइल करना जरुरी है ?

  1. कंपनी के लिए ( चाहे प्रॉफिट हो या Loss, रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है )
  2. फर्म के लिए (LLP और साझेदारी फर्म )
  3. ऐसे प्रत्येक व्यक्ति के लिए जिसकी इनकम बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट से ज्यादा हो जाती है ।
टैक्सपेयर Basic Exemption Limit
व्यक्ति(60 वर्ष से कम )/HUF/AOP/BOI/Artificial Jurisdiction Person 2.50 लाख
व्यक्ति ( भारत में निवासी ) जो 60 साल या 60 साल से ज्यादा का हो  3 लाख
व्यक्ति ( भारत में निवासी ) जो 80 साल या 80 साल से ज्यादा का हो 5 लाख
  1. व्यक्ति ( भारत में निवासी ) जिसकी भारत के बाहर कोई सम्पति है या जिसे भारत के बाहर किसी खाते में साइन करने का अधिकार है ।
  2. ध्यान रखे अगर आप नॉन – रेजिडेंट है, तो आपके लिए सिर्फ एक ही बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट 2.50 लाख की एप्लीकेबल होगी, चाहे आपकी उम्र कितनी भी हो।
  3. अगर किसी व्यक्ति का एक फाइनेंसियल ईयर में बिजली का बिल एक लाख से अधिक आता है (बजट 2019 )
  4. अपने लिए या किसी और के लिए फॉरेन टूर पर 2 लाख से अधिक खर्च करते है
  5. बैंक या co -operative society में खुलवाए करंट अकॉउंट में 1 करोड़ से ज्यादा राशि जमा होने पर
  6. एक इंडिविजुअल या HUF या AOP या BOI या आर्टिफीसियल पर्सन जिसकी कैपिटल गेन से इनकम है और बिना किसी डिडक्शन को घटाये या sections 54,54B,54D,54EC,54F,54G,54GA,54GB की exemption को क्लेम किये टोटल इनकम basic exemption limit से अधिक है।

ध्यान रखे जिन लोगो को आईटीआर फाइल करना जरुरी है, उन्हें अपनी आईटीआर को due डेट या इससे पहले जरूर फाइल करनी चाहिये ताकि वो इसे देरी से फाइल करने के नुकसानों से बच सके ।

Q – इनकम टैक्स कितने अमाउंट पर लगता है ?

A – आपकी टोटल इनकम 5 लाख से ज्यादा है, तो आपको इनकम टैक्स देना होगा। 5 लाख से कम इनकम होने पर आपको कुछ भी टैक्स नहीं देना होगा। ध्यान रखे 2.50 से ज्यादा इनकम होने पर आईटीआर फाइल करना जरुरी होगा और 5 लाख से ज्यादा इनकम होने पर आपको टैक्स देना होगा।

5 लाख से कम इनकम होने पर आपको सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट मिल जाती है, जिसकी वजह से 5 लाख से कम इनकम होने पर आपको कुछ भी टैक्स का पेमेंट नहीं करना होता है।

लेकिन, लाटरी या ऑनलाइन गेम्स से इनकम या शेयर्स को बेचने से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होता है, तो इसे केस में आपको 5 लाख से कम इनकम होने पर भी टैक्स का पेमेंट करना होगा।

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इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की due dates –

करदाता का प्रकार Due Dates/Last Dates
ऐसे पर्सन जिसके अकाउंट्स की सेक्शन 44AB में ऑडिट होनी हो

 

31th october
ऐसे करदाता जिनके खातों की audit नहीं होनी हो 31st july
करदाता जिसे International Transaction (Under Section 92E) की रिपोर्ट Furnish करनी हो 30th November

 

ये इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की due डेट्स होती है। इन तारीखों के बाद लेट फीस के साथ रिटर्न फाइल कर सकते है। आईटीआर फाइलिंग की लास्ट डेट सम्बंधित असेसमेंट ईयर की 31 दिसंबर होती है।

जैसे – फाइनेंसियल ईयर 2023 -24 की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट सम्बंधित असेसमेंट ईयर (2024 -25 ) की 31 दिसंबर होगी। इस लास्ट डेट के बाद रिटर्न फाइल नहीं की जा सकती है।

Examples – Income Tax ki limit kya hai

(1) अशोक एक सैलरीड एम्प्लोयी है, उनकी फाइनेंसियल ईयर 2023 -24 में कुल सैलरी 3,00,000 है तो उन्हें आईटीआर फाइल करना अनिवार्य होगा। उनके लिए आईटीआर फाइलिंग की due date 31 जुलाई 2024 होगी।

अगर अशोक 31 जुलाई 2024 तक अपनी आईटीआर फाइल नहीं कर पाते है तो वो 31 दिसंबर 2024 तक अपनी रिटर्न लेट फीस के साथ फाइल कर सकते है ।

ध्यान रखे 31 जुलाई 2024 के बाद बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर उन्हें बकाया टैक्स राशि पर प्रत्येक महीने और महीने के पार्ट के लिए 1% प्रत्येक महीने की दर से ब्याज और सेक्शन 234F की लेट फीस का भुगतान करना पड़ेगा ।

यह भी देखे – बिलेटेड रिटर्न्स क्या होती है। बिलेटेड रिटर्न को फ़ाइल करते समय किन बातों का ध्यान रखे |

(2) रमेश की फाइनेंसियल ईयर 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024 -25 ) में कुल इनकम 2,00,000 है। इस केस में रमेश को अपनी आईटीआर फाइल करना अनिवार्य नहीं है, लेकिन वह अपनी इच्छा से रिटर्न फाइल करना चाहते है, तो वो 31 जुलाई 2024 तक अपनी आईटीआर फाइल कर सकते है।

रमेश 31 जुलाई 2024 तक आईटीआर फाइल नहीं करते है, तो वह 31 दिसंबर 2024 तक अपनी बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते है।

बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर उन्हें किसी तरह की कोई भी लेट फीस या ब्याज का पेमेंट नहीं करना होगा। क्योकि 2.50 लाख से कम इनकम होने पर सेक्शन 234F में कोई भी लेट फीस नहीं लगायी जाती है।

(3) दिनेश की फाइनेंसियल ईयर फाइनेंसियल ईयर 2023 -24 में सिर्फ कमीशन से Rs.1,50,000 की इनकम है। उनकी इस इनकम पर 15,000 का टैक्स काट लिया गया है। इसके अलावा उनकी दूसरी कोई भी इनकम नहीं है।

इस केस में दिनेश की टैक्सेबल इनकम नहीं है, इसलिए वह कमीशन पर काटे गए टैक्स का रिफंड क्लेम कर सकते है।  रिफंड क्लेम करने के लिए उन्हें अपनी आईटीआर फाइल करना आवश्यक है । वह 31 जुलाई 2024 तक अपनी आईटीआर फाइल करके टैक्स रिफंड क्लेम कर सकते है ।

आईटीआर फाइलिंग में देरी होने पर वह बिलेटेड रिटर्न के माध्यम से भी रिफंड क्लेम कर सकते है।

(4) गुप्ता जी (उम्र 81 वर्ष ) की असेसमेंट ईयर 2024-25 (F.Y. 2023-24 ) में कुल 6.50 लाख की पेंशन आती है। उनके पास 1,50,000 के टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट है, जिनकी सेक्शन 80C में टैक्स छूट मिलती है। इसके अलावा उनके 40,000 के मेडिकल खर्चे है।

गुप्ता जी की उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है, इसलिए उनके ऊपर 5 लाख की बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट एप्लीकेबल होगी। इस केस में अगर गुप्ता जी की सभी टैक्स डिडक्शन को क्लेम करने के बाद नेट इनकम देखते है, तो वह 5 लाख से कम हो जाती है, जबकि उनके लिए आईटीआर फाइल करना अनिवार्य तब होगा जब उनकी इनकम 5 लाख से ज्यादा की होती है।

लेकिन, ध्यान रखे बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट आपकी ग्रॉस टोटल इनकम पर लागू होती है न कि नेट इनकम पर। इस केस में गुप्ता जी की ग्रॉस टोटल इनकम 6.50 लाख है, जो कि बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट (5 लाख ) से ज्यादा है, इसलिए उन्हें 31 जुलाई 2024 तक आपकी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा।

यह भी देखे –  सीनियर सिटीजन इनकम टैक्स रूल्स, एलिजिबिलिटी, डिडक्शन्स, एग्जेम्पशन और रिटायरमेंट बेनिफिट्स

(5) राजेश की असेसमेंट ईयर 2024 -25 में कुल सैलरी 2 लाख और शेयर्स से 1.20 लाख का लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन है।  ध्यान रखे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1 लाख की लिमिट तक टैक्स फ्री होता है।

लेकिन, आईटीआर फाइलिंग के लिए इन सभी टैक्स डिडक्शन को क्लेम करने से पहले की इनकम देखी जाती है, इस केस में राजेश की कुल इनकम 3.20 लाख है , जो कि 2.50 लाख से ज्यादा है।

इसलिए उन्हें 31 जुलाई 2024 तक अपनी आईटीआर फाइल करना अनिवार्य होगा।

(6) महावीर योग सेंटर (ट्रस्ट ) की असेसमेंट ईयर 2024-25 में सेक्शन 11 & 12 की छूट देने से पहले कुल इनकम 1.80 लाख , तो महावीर योग सेंटर को अपनी आईटीआर फाइल करना जरुरी नहीं है, क्योकि उनकी कुल आय सेक्शन 11 & 12 की छूट देने से पहले ही बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट (2.50 लाख ) से कम है ।

यह भी देखे – ट्रस्ट और एनजीओ (NGO) के री – रजिस्ट्रेशन से जुड़े रूल्स।

(7) राहुल की असेसमेंट ईयर 2024 -25 में कुल इनकम 4 लाख है । राहुल एक पार्टनरशिप फर्म के वर्किंग पार्टनर है। इस केस में अगर फर्म के अकाउंट्स की ऑडिट नहीं होनी है, तो राहुल को 31 जुलाई 2024 तक आईटीआर फाइल  होगा।

और अगर फर्म के अकाउंट्स की ऑडिट होनी है, तो राहुल के लिए आईटीआर फाइलिंग के लिए due date 31 अक्टूबर 2024 होगी।

अगर आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सोच रहे है , तो रिटर्न फाइल करने से पहले यह जरूर देखे –इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करते समय इन बातों को न भूले

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2 COMMENTS

    • आपने यह नहीं बताया कि आपने जो 11 लाख की ट्रांजेक्शन की है उनका सोर्स क्या है ? टैक्स आपको अपनी इनकम के हिसाब से देना पड़ेगा। आपने 1 वर्ष में जितनी इनकम कमाई है उसके हिसाब से आपको टैक्स देना पड़ेगा। आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करनी चाहिए, क्योकि बाद में अगर आपके पास कभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस आता है और उसमे आपसे इन 11 लाख के ट्रांजेक्शन का सोर्स पूछा जाता है तो आप उसे अपनी इनकम टैक्स रिटर्न से बता सके।

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