अगर आपको बिज़नेस में कोई नुकसान होता है, तो इनकम टैक्स में इन नुक़्सानो को आप  अपने दूसरे बिज़नेस के प्रॉफिट से सेट ऑफ करके टैक्स बचा सकते है 

किसी भी बिज़नेस के Losses को अपने दूसरे बिज़नेस के प्रॉफिट से सेट ऑफ करने के लिए सबसे पहले आपको अपने बिज़नेस losses को 2 टाइप्स में अलग करना होगा 

बिज़नेस losses का पहला टाइप होगा , speculative बिज़नेस के loss और दूसरा टाइप होगा non speculative बिज़नेस के loss 

बिज़नेस losses को अलग - अलग टाइप्स में अलग इसलिए किया जाता है, क्योकि दोनों तरह के बिज़नेस losses को हम एक दूसरे बिज़नेस के प्रॉफिट से आपस में सेट ऑफ नहीं कर सकते 

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speculative बिज़नेस में सभी तरह के बिज़नेस को शामिल किया गया है , सिर्फ इंट्रा डे ट्रेडिंग, फ्यूचर & ऑप्शन से जुड़े बिज़नेस को छोड़कर   

speculative बिज़नेस के losses को आप अपने दूसरे बिज़नेस के प्रॉफिट से सेट ऑफ कर सकते है और इसके बाद भी कुछ losses बच जाते है , तो 

आप इन बचे हुए losses को आगे 8 वर्षो तक carry फॉरवर्ड कर सकते है और अपने दूसरे बिज़नेस प्रॉफिट से सेट ऑफ कर सकते है 

बिज़नेस से जुड़े losses के पुरे रूल्स को आसानी से example के साथ समझने के लिए आप हमारा पूरा आर्टिकल जरूर देखे