एम्प्लाइज को रिटायर होने के बाद मिलने वाली पेंशन इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार टैक्सेबल होती है। यह एम्प्लोयी को उसकी सेवाओं के बदले में दी जाती है।

पेंशन की इनकम को इनकम टैक्स रिटर्न में सैलरी हेड में रिपोर्ट किया जाता है, जहाँ इस पर स्लैब रेट के अनुसार इनकम टैक्स लगाया जाता है।

पेंशन इनकम पर टैक्स लगाने के लिए पेंशन को सबसे पहले 2 टाइप्स में अलग किया जाता है, क्योकि इन दोनों टाइप्स पर पेंशन के रूल्स अलग -अलग होते है।

पेंशन को 2 टाइप्स में अलग किया जाता है , 1 ) कम्यूटेड पेंशन , 2 ) अनकम्यूटेड पेंशन। कम्यूटेड पेंशन रिटायरमेंट पर एक साथ मिलने वालीै, जबकि अनकम्यूटेड पेंशन हर महीने दी जाने वाली पेंशन होती है।

सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के एम्प्लाइज को मिलने वाली पेंशन के टैक्सेशन के रूल्स अलग - अलग होते है , लेकिन हर महीने मिलने वाली पेंशन दोनों के लिए टैक्सेबल होती है।

इनकम टैक्स, जीएसटी और फाइनेंस से सम्बंधित जानकारी और अपडेट्स के लिए हमारे टेलीग्राम अकॉउंट को जरूर ज्वाइन करे।

टेलीग्राम चैनल

पेंशन पर इनकम टैक्स लगाने के 7 बेहद इम्पोर्टेन्ट रूल्स को जानने के लिए आप हमारा पूरा आर्टिकल देखे।