Annual Information Statement – इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा काफी प्रयास किये जाते रहते है। इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्सपेयर को ” Pre – filled ” आईटीआर फॉर्म की सुविधा दी जाने लगी है।
Pre – filled आईटीआर फॉर्म्स के आने के कारण टैक्सपेयर को अपनी फाइनेंस और टैक्स सम्बन्धी जैसी कई तरह की सूचना को अपने आईटीआर फॉर्म्स में भरने की जरुरत नहीं होती है, क्योकि इन फॉर्म्स में पहले से यह सूचना उपलब्ध रहती है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि जब आपने अभी तक अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं की है और न ही आपने अपनी यह सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शेयर की है, तो आपकी यह सूचना इन ” pre -filled ” आईटीआर फॉर्म्स में कहाँ से आयी।
तो इसका सीधा सा जवाब है एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement – AIS ) के माध्यम से।
अब यह एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट क्या होता है, इसके बारे में हम आज के आर्टिकल में जानेंगे, लेकिन उससे पहले आप यह आर्टिकल जरूर देखे , जिससे आपको यह समझ में आ जायेगा कि Annual Information Statement में यह सूचना कहा से आती है ?
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एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट क्या होता है। what is Annual Information Statement
एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट को शार्ट में ” AIS ” भी कहा जाता है। यह एक स्टेटमेंट होता है जिसमे टैक्सपेयर के फाइनेंसियल और टैक्स रिलेटेड ट्रांजेक्शनों की सूचना होती है। यह सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अलग -अलग सोर्सेज से एकत्रित की जाती है।
इस फॉर्म में आपको टीडीएस, टीसीएस, बैंक में कैश डिपाजिट, बैंक इंटरेस्ट, शेयर्स & सिक्योरिटीज की खरीद – बिक्री, डिविडेंड आदि जैसी सूचना देखने को मिलती है।
टैक्सपेयर को AIS में उपलब्ध सूचना को अपने पास उपलब्ध सूचना से मैच करना चाहिए, अगर इन दोनों में अंतर है, तो उसे एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट में बदलाव करने के लिए फीडबैक फॉर्म भरना होता है। यह फीडबैक फॉर्म टैक्सपेयर द्वारा इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद भरा जा सकता है।
AIS के माध्यम से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास अलग -अलग टैक्सपेयर से रिलेटेड जानकारी उपलब्ध रहती है। अगर किसी टैक्सपेयर द्वारा फाइल की गयी इनकम टैक्स रिटर्न की इनफार्मेशन और एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट में उपलब्ध सूचना में अंतर आता है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उस पर्सन को इनकम टैक्स नोटिस जारी कर देगा।
इसीलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले अपने एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट को देखना बेहद जरुरी हो गया है।
इसके अलावा जिन लोगो द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं की जाती है, उनकी सूचना भी AIS के माध्यम से टैक्स डिपार्टमेंट के पास रहती है, इसलिए नॉन – कंप्लायंस और टैक्स चोरी को काफी हद तक रोका जाने लगा है।
Annual Information Statement को इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करके डाउनलोड किया जा सकता है।
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Annual Information Statement vs Form 26AS | फॉर्म 26AS और एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट में क्या अंतर है ?
एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा 2021 में लांच किया गया था, जबकि फॉर्म 26AS काफी पहले से चलन में है।
AIS को फॉर्म 26AS के बड़े रूप के तौर पर लांच किया गया था और जब एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट पूरी तरह से चलन में आ जायेगा, तो फॉर्म 26AS को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा बंद कर दिया जायेगा।
फॉर्म 26AS में भी आपके फाइनेंसियल और टैक्स रिलेटेड ट्रान्जेशनो की जानकारी रहती है, जैसे – प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन, हाई वैल्यू इन्वेस्टमेंट, टीडीएस , टीसीएस से जुडी जानकारी आदि।
लेकिन, Annual Information Statement में आपको फॉर्म 26AS से ज्यादा जानकारी देखने को मिलेगी, जैसे – सेविंग अकॉउंट इंटरेस्ट, फिक्स्ड डिपाजिट इंटरेस्ट, डिविडेंड, प्राप्त किराया, इममूवेबल प्रॉपर्टीज और शेयर्स & सिक्योरिटीज के खरीद – बिक्री के ट्रांजेक्शन, फॉरेन रेमिटेंस, जीएसटी टर्नओवर, टीडीएस, टीसीएस, टीडीएस रिफंड, इनकम टैक्स असेसमेंट की जानकारी आदि।
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How to download AIS | एनुअल इन्फोर्मशन स्टेटमेंट कैसे डाउनलोड करे ?
इनकम टैक्स रिटर्न को भरने के लिए एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट काफी इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट होता है, लेकिन कई टैक्सपेयर को इसको डाउनलोड करने में परेशानी होती है। AIS को डाउनलोड करने के लिए आपको कुछ स्टेप्स का पालन करना होता है।
AIS download steps –
- सबसे पहले आपको इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉगिन करना होगा – https://www.incometax.gov.in/
- लॉगिन करने के बाद “services ” टैब पर क्लिक करे और उसके बाद ” Annual Information Statement (AIS) ” पर क्लिक करे।
- इसके बाद आपको 2 ऑप्शन शो होंगे, 1 ) taxpayer information summary (TIS ) , 2) Annual Information Statement (AIS)
- इनमे से आपको AIS को सलेक्ट करके फाइनेंसियल ईयर को सलेक्ट करना होगा और डाउनलोड करना होगा।
ध्यान रखे AIS पासवर्ड प्रोटेक्टेड होता है, इसको ओपन करने के लिए आपको पासवर्ड डालना होगा।
annual information statement download password – AIS को खोलने के लिए आपको अपने पैन (in lower case ) और डेट ऑफ़ बर्थ को DDMMYEAR के फॉर्मेट में बिना किसी स्पेस के डालना होगा।
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Annual Information Statement (AIS) के कम्पोनेंट क्या होते है ?
एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट की सूचना दो पार्ट में होती है, पार्ट A और पार्ट B .
Part A
AIS के पार्ट A में टैक्सपेयर से रिलेटेड जनरल इन्फोर्मशन होती है, जैसे – टैक्सपेयर का नाम, एड्रेस, पैन, आधार, डेट ऑफ़ बर्थ, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि।
Part B
- टीडीएस/टीसीएस इनफार्मेशन – इसमें टैक्सपेयर के टीडीएस और टीसीएस से जुडी जानकारी होती है। इसमें टीडीएस/टीसीएस कोड, डिस्क्रिप्शन और वैल्यू की डिटेल्स रहती है।
- SFT इनफार्मेशन – इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अलग -अलग संस्थानों, बैंको/ कम्पनियों से स्टेटमेंट ऑफ़ फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों (SFT ) के माध्यम से एकत्रित की गयी सूचना की जानकारी इसमें रहती है। SFT कोड, डिस्क्रिप्शन और वैल्यू की जानकारी रहती है।
- पेमेंट ऑफ़ टैक्स – इसमें टैक्सपेयर से कलेक्ट किये गए टैक्सेज की जानकारी होती है, जैसे – एडवांस टैक्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स आदि।
- डिमांड & रिफंड – इसमें टैक्सपेयर के लिए किसी फाइनेंसियल ईयर के सम्बन्ध में जारी की गयी डिमांड और टैक्स रिफंड की डिटेल्स रहती है।
- अन्य सूचना – इसमें टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अन्य सोर्सेज से एकत्रित की गयी सूचना की जानकारी होती है, जैसे – सैलरी , रिफंड पर ब्याज, फॉरेन भेजी गयी राशि, फॉरेन करेंसी की खरीद आदि।
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Annual Information Statement के सम्बन्ध में क्या करे और क्या न करे ?
एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट के केस में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा कुछ Do’s & Don’ts शेयर किये गए है, जिनका आप अवश्य ध्यान रखे।
AIS के सम्बन्ध में इन चीजों को करे ( Do’s )
- AIS अपडेट होता रहता है, इसलिए इसे निरन्तर चेक करते रहे।
- अपने Taxpayer information summary (TIS ) की सूचना को इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले जरूर चेक करे, क्योकि TIS में आपको अपडेटेड इनफार्मेशन देखने को मिलेगी।
- AIS में गलत इनफार्मेशन होने पर सही फीडबैक जरूर दे, इससे आपका एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट अपडेट हो जायेगा।
- AIS की लेटेस्ट यूटिलिटी को यूज़ में ले।
Annual Information Statement (AIS ) के सम्बन्ध में इन चीजों को न करे (Don’ts )
- अपने ई फाइलिंग पासवर्ड को किसी के साथ भी शेयर न करे।
- एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट की सूचना के सम्बन्ध में गलत फीडबैक न दे।
- AIS के पुराने वर्जन को यूज़ में न ले।
Annual Information Statement के सम्बन्ध में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किये गए FAQs की पीडीएफ डाउनलोड करे – एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट पीडीएफ
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