Clubbing of Income के इन प्रावधानों के बारे में नहीं पता तो हो सकती आपकी इनकम के कैलकुलेशन में गलती।

0
9668
clubbing of income

Clubbing of Income –  सामान्य रूप से करदाता को अपनी इनकम पर टैक्स देना होता है, लेकिन कई बार करदाता अपनी टैक्स Liability को कम करने के लिए अपनी इनकम का कुछ हिस्सा या कोई सम्पति जिससे इनकम होती है, अपने जीवनसाथी या minor Child को Transfer कर देता है ।

ऐसी परिस्थतियों से बचने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में Clubbing of Income के प्रावधान लागू किये गये है ।


Clubbing of Income के प्रावधानों के अनुसार कुछ विशेष परिस्थतियों में किसी अन्य पर्सन की इनकम करदाता की Total Income में शामिल की जायेगी और करदाता उस इनकम पर टैक्स देने के लिए उत्तरदायी है ।

यह भी जाने :

ऐसे cases जहाँ clubbing of income के प्रावधान लागू होंगे  –

  • Transfer of Income Without Transfer of Assets

यदि कोई Individual सम्पति को Transfer किये बिना उससे होने वाली इनकम को ट्रांसफर करता है, तो ऐसी स्थिति में इनकम Transferor की Total Income में शामिल की जायेगी । ऐसी स्थिति में ट्रांसफर के Revocable या Irrevocable होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा ।

For Example-

श्रीमान A ने प्रॉपर्टी को ट्रांसफर किये बिना, उससे होने वाली किराये की Income को अपनी वाइफ को ट्रांसफर कर दिया, ऐसी स्थिति में किराये की Income श्रीमान A की Total Income में Clubbed (जोड़ी जायेगी ) की जाएगी । यानि कि Clubbing of Income के Provision लागू होंगे।

  • Income Arising From Revocable Transfer of Assets

किसी सम्पति का Revocable ट्रांसफर किया जाता है, तो उस सम्पति से होने वाली इनकम Transferor की Total Income में Clubbed की जाएगी ।

Revocable ट्रांसफर तब माना जाता है, जब Transferor को सम्पति या इनकम के सम्पूर्ण या किसी भाग को Direct या Indirect रूप से पुनः ट्रांसफर का कोई प्रावधान हो अथवा अधिकार को पुनः स्थापित करने का अधिकार दिया गया है ।

लेकिन अगर सम्पति का Revocable ट्रांसफर Beneficiary/Transferee के जीवनकाल में रद्द नहीं हो तथा Transferor उस इनकम से Direct या Indirect कोई लाभ प्राप्त नहीं करता, तो यह Revocable ट्रांसफर नहीं माना जायेगा और इनकम को Transferee की इनकम माना जायेगा।

  • Income By Way of remuneration From a Concern In Which The Individual Has Substantial Interest-

किसी ऐसे संस्थान जिसमे Individual का पर्याप्त हित हो, से उसके जीवनसाथी को Salary, Commission, Fees or Any Other Form of Remuneration (Cash Or Kind ) प्राप्त होता है ,तो इस प्रकार की इनकम को Individual की Total Income में शामिल किया जायेगा ।

लेकिन यह प्रावधान लागू नहीं होगा, जहाँ पर जीवनसाथी के पास तकनीकी या पेशेवर योग्यता हो और उसे इन्ही के आधार पर इनकम प्राप्त होती है, तो ऐसी स्थिति में इनकम जीवनसाथी के हाथों में टैक्सेबल होगी ।



कुछ परिस्थतियों में Husband और Wife दोनों का संस्थान में पर्याप्त हित होता है और दोनों को संस्थान से Remuneration प्राप्त होता है, तो इस प्रकार की इनकम को उस जीवनसाथी की इनकम में शामिल किया जायेगा, जिसकी इनकम ज्यादा होगी ( Remuneration की इनकम को शामिल किए बिना ) ।

कोई Individual किसी संस्थान में पर्याप्त हित रखने वाला तब माना जायेगा , जब वह Previous Year में किसी भी समय अकेले या अपने Relatives के साथ मिलकर –

– यदि संस्थान कंपनी है, तो कंपनी में 20 % या अधिक मताधिकार वाले Equity Shares का Beneficial Owner है अथवा,

– किसी अन्य मामले में संस्थान के लाभ का न्यूनतम 20 % का अधिकारी हो ।

यह भी जाने : home loan पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स

  • Income Arising To The Spouse From An Assets Transferred Without Adequate Consideration –

जीवनसाथी को Direct या Indirect रूप से किसी सम्पति , जो कि अलग रहने के समझौते के सम्बन्ध में अथवा पर्याप्त प्रतिफल के अतिरिक्त है, का ट्रांसफर है, तो ऐसी सम्पति से होने वाली इनकम को Transferor की कुल आय में शामिल किया जायेगा ।

परन्तु ऐसी इनकम से होने वाली इनकम को Transferor की कुल में शामिल नहीं किया जायेगा एवं ऐसी इनकम Transferee की कुल आय में शामिल की जायेगी ।

  • Income From Assets Transfer To Son’s Wife –

जब सास अथवा ससुर द्वारा अपनी पुत्रवधू को पर्याप्त प्रतिफल के बिना किसी एसेट्स को Transfer किया जाता है, तो ऐसी एसेट्स से होने वाली इनकम Transferor (सास अथवा ससुर) की इनकम मानी जायेगी, लेकिन ऐसा तभी माना जाएगा जब सास और ससुर का पुत्रवधु से रिलेशन एसेट्स को Transfer और इनकम होने पर, दोनों समय विधमान हो ।

  • Transfer of Assets For The Benefit of The Spouse or Son’s Wife –

Individual द्वारा Direct या Indirect रूप से पर्याप्त प्रतिफल के बिना किसी पर्सन या AOP को एसेट्स Transfer की जाती है एवं ऐसी एसेट्स से Transferee को इनकम होती है,

तो ऐसी इनकम उस Individual की इनकम में उस सीमा तक शामिल की जाएगी, जिस सीमा तक इनकम को Transferee द्वारा Transferor के जीवनसाथी या Son’s Wife के तुरंत अथवा deferred Benefit के लिए Use किया जाता है ।

  • Clubbing of Minor’s Income –

Minor को होने वाली सभी इनकम उसके Parents की इनकम में शामिल की जायेगी । यह इनकम उस Parents की इनकम में शामिल की जाएगी, जिसकी कुल इनकम Minor की इनकम शामिल किये बिना अधिक है ।

हालाँकि जिस Parents की इनकम में Minor की इनकम शामिल की जाती है , उसे सेक्शन 10 (32 ) में ₹ 1500 प्रति बच्चा की Maximum छूट प्राप्त होगी ।


लेकिन कुछ Cases में Minor की इनकम Club नहीं की जाती है , For Examples –

  1. यदि इनकम Minor Child के Manual Efforts से प्राप्त हो, या
  2. इनकम Minor Child की कुशलता, योग्यता, अथवा विशेषज्ञ ज्ञान, अथवा अनुभव से प्राप्त हुई हो, या
  3. इनकम ऐसे Child की हो, जो सेक्शन 80 U में निर्दिष्ट प्रकार की असमर्थता से ग्रसित हो ।

अगर Parents का Divorce हो गया हो तो ऐसी स्थिति में Minor की इनकम उस Parents की इनकम में शामिल की जाएगी जो Previous Year में बच्चे को अपने पास रखता है ।

यह भी जाने : इनकम टैक्स रिटर्न last date के बाद फाइल करने पर कितना इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जायेगी ?

  • Income From Assets Transferred To HUF –

यदि कोई Individual जो की HUF का मेम्बर है, अपनी Self Generated Assets को अपर्याप्त अथवा बिना प्रतिफल के परिवार की सम्पति में मिला देता है, और ऐसी परिवर्तित एसेट्स या उसके किसी भाग से इनकम होती है, तो वह इनकम Individual की इनकम में Club की जाएगी न कि HUF की इनकम में ।

अगर परिवर्तित एसेट्स भविष्य में कभी HUF के Partial या Full विभाजन से Individual के जीवनसाथी को प्राप्त होती है, तो यह जीवनसाथी को Indirect Transfer माना जायेगा और यह Individual की Income में Club की जाएगी ।

अगर आपको Clubbing of Income आर्टिकल अच्छा लगा तो इसे शेयर जरूर करे।

यह भी जाने :

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here