e verification scheme 2021 –इनकम टैक्स की कंप्लायंस को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा काफी प्रयास किये जा रहे है । इनकम टैक्स डिपार्टमेंट चाहता है कि भारत मे टैक्स व्यवस्था पारदर्शी हो, ताकि सभी टैक्सपेयर खुद से टैक्स कंप्लायंस कर सके ।
इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 13 दिसंबर 2021 को ई – वेरफिकेशन स्कीम 2021 को नोटिफाई किया था ।
ई – वेरफिकेशन स्कीम इनकम टैक्स रिटर्न के ई वेरफिकेशन से बिल्कुल अलग है, इन दोनों को एक समझने की गलती न करे ।
वर्तमान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है और इसी की सहायता से टैक्सपेयर के साथ फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों की डिटेल्स को ऑनलाइन शेयर और वेरीफाई करना चाहता है ।
वर्तमान में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपने अलग – अलग सोर्सेज से टैक्सपेयर के संबंध में डिटेल्स कलेक्ट करता है । अलग – अलग सोर्सज से प्राप्त डिटेल्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्सपेयर द्वारा फ़ाइल की गई इनकम टैक्स रिटर्न से मिलान किया जाता है ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास उपलब्ध सूचना और टैक्सपेयर की रिटर्न में किसी ट्रांजेक्शन की कम या ज्यादा रिपोर्टिंग के संबंध में टैक्सपेयर को इन फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों को वेरीफाई करने के लिए कहा जा सकता है ।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास उपलब्ध सूचना –
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्सपेयर के फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों से जुड़ी अधिक से अधिक सूचना जुटाने का प्रयास किया जाता है । इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टैक्सपेयर के संबंध में सूचना बैंक, फाइनेंसियल इंस्टीट्यूशन, म्यूच्यूअल फंड्स, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार, लिस्टेड कम्पनीज आदि से प्राप्त होती है ।
सभी सोर्सेज से प्राप्त सूचना को फॉर्म 26AS में दिखाया जाता है । वर्तमान में टैक्सपेयर के संबंध में काफी अधिक सूचनाएं कलेक्ट किये जाने की वजह से और इन सूचनाओं का सही यूज़ हो, इसके लिए अब इन्हें फॉर्म 26AS की जगह एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में दिखाए जाने लगा है ।
AIS में उपलब्ध सूचना के संबंध में टैक्सपेयर को विरोध करने का अधिकार है, अगर टैक्सपेयर AIS में उपलब्ध सूचना के संबंध में संतुष्ट नही है या AIS में उपलब्ध सूचना गलत है, तो टैक्सपेयर इसके संबंध में शिकायत कर सकता है ।
टैक्सपेयर से शिकायत मिलने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपने सोर्स से इस सूचना की वास्तविकता की जांच करता है । अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस सूचना को सही बताता है, तो टैक्सपेयर के लिए e verification scheme में असेसमेंट किया जा सकता है ।
यह भी देखे –
- फॉर्म 26 as क्या है और इनकम टैक्स रिटर्न भरने में यह क्यों जरुरी है ?
- Annual Information Statement (AIS) क्या होता है और इसके ट्रांजेक्शनों के कारण इनकम टैक्स नोटिस क्यों आ जाता है ?
ई – वेरफिकेशन स्कीम 2021 क्या है ? e verification scheme
AIS में उपलब्ध सूचना और टैक्सपेयर द्वारा फ़ाइल की गई इनकम टैक्स रिटर्न में अंतर है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्सपेयर को ई – वेरफिकेशन के लिए नोटिस भेजा जाता है ।
ई – वेरफिकेशन का नोटिस प्राप्त होने के बाद टैक्सपेयर को अपने फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन को प्रूफ के साथ एक्सप्लेन करना होगा । टैक्सपेयर से प्राप्त प्रूफ को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा चेक किया जाएगा, अगर डिपार्टमेंट इस प्रूफ से सन्तुष्ट होता है, तो वह टैक्सपेयर द्वारा बताई गई सूचना को सही मान लेगा और एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) को अपडेट कर देगा ।
लेकिन, डिपार्टमेंट टैक्सपेयर से प्राप्त सूचना से सन्तुष्ट नही होता है, तो वह आगे की कार्यवाही शुरू कर सकता है ।
ई – वेरिफिकेशन की पूरी प्रोसेस डिजिटल है, इसमे टैक्सपेयर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के चक्कर लगाने की जरूरत नही रहती है ।
टैक्सपेयर को ई – वेरफिकेशन का नोटिस भी ऑनलाइन ही प्राप्त होता है और ऑनलाइन ही इसका रिप्लाई करना होता है । इसके बाद ई – वेरफिकेशन की रिपोर्ट भी टैक्सपेयर को ऑनलाइन ही प्राप्त होती है ।
ई – वेरफिकेशन स्कीम टैक्सपेयर के लिए फायदेमंद है, क्योकि यह टैक्सपेयर को अपने पास उपलब्ध प्रूफ से अपने फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों को समझाने का अवसर प्रदान करती है ।
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ई – वेरफिकेशन रिपोर्ट मिलने के बाद टैक्सपेयर क्या करे ? e verification scheme report
ई – वेरफिकेशन रिपोर्ट में टैक्सपेयर को किसी भी तरह की कम रिपोर्टिंग या नॉन रिपोर्टिंग की सूचना मिलती है, जिसकी वजह से टैक्सपेयर की इनकम बढ़ सकती है, तो टैक्सपेयर को अपडेटेड रिटर्न फ़ाइल करनी होगी ।
टैक्सपेयर द्वारा संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति के बाद 2 वर्ष के भीतर अपडेटेड रिटर्न फ़ाइल की जा सकती है । अपडेटेड रिटर्न फाइल करने पर टैक्सपेयर को टैक्स अमाउंट और ब्याज पर एडिशनल टैक्स का पेमेंट भी करना होता है ।
हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फाइनेंसियल ईयर 2019-20 से जुड़े 68,000 केसेज में ई – वेरफिकेशन का नोटिस भेजा है ।
यह स्कीम टैक्सपेयर को ओरिजिनल रिटर्न और डिपार्टमेंट के पास उपलब्ध सूचना में मिस-मैच को स्वीकार करने का और अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइलिंग का ऑप्शन प्रदान करती है ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया गया e verification scheme 2021 notice –
यह भी देखे –
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एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS ) को कैसे चेक करे ?
एनुअल इनफार्मेशन स्कीम में टैक्सपेयर के टैक्स और फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों से सम्बंधित डिटेल्स होती है। AIS को इनकम टैक्स की ई फाइलिंग वेबसाइट पर देखा जा सकता है। हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने AIS से जुडी मोबाइल एप भी लांच की है।
इस एप को डाउनलोड करके भी टैक्सपेयर द्वारा AIS को चेक किया जा सकता है।
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