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faqs of computation of tax
मुझे मेरी इनकम पर टैक्स का पेमेंट कब करना होगा ?
फाइनेंसियल ईयर की समाप्ति के बाद ही इनकम पर टैक्स की कैलकुलेशन पूरी की जा सकती है । लेकिन, सरकार के पास फंड की कमी नही हो और टैक्स कलेक्शन की आसान प्रोसेस के लिए फाइनेंसियल ईयर के दौरान भी टैक्सपेयर से टैक्स कलेक्ट किया जाता रहता है ।
सरकार द्वारा टैक्सपेयर से अलग – अलग तरीके से इनकम टैक्स कलेक्ट किया जाता है –
- सेल्फ असेसमेंट टैक्स, एडवांस टैक्स
- टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस)
- टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (टीसीएस)
- Equalisation levy
1 अप्रैल से 31 मार्च तक के पीरियड को एक फाइनेंसियल ईयर माना जाता है । जैसे – 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के पीरियड को फाइनेंसियल ईयर 2023-24 कहा जायेगा ।
यह भी देखे –
- टीडीएस क्या होता है। सैलरी पर टीडीएस कैलकुलेशन को आसान तरीके से समझे।
- जीएसटी में टीसीएस क्या होता है ?
- एडवांस टैक्स क्या है। इन रूल्स से एडवांस टैक्स कैलकुलेशन को आसानी से समझे।
- equalisation levy क्या होती है और इसको चार्ज नहीं करने के क्या नुकसान हो सकते है ?
टैक्सपेयर की इनकम कैलकुलेट करने के कितने हेड होते है ?
टैक्सपेयर की इनकम को कैलकुलेट करने के 5 हेड होते है –
- सैलरी
- हाउस प्रॉपर्टी (income from house property)
- बिज़नेस & प्रोफेशन (profit & gains of business/profession)
- कैपिटल गेन
- अन्य सोर्सेज (income from other sources )
यह भी देखे –
- सैलरी इनकम पर टैक्स की कैलकुलेशन से जुड़े बेसिक कांसेप्ट
- बिज़नेस और प्रोफेशन में इन खर्चों की छूट लेकर कम करे अपना प्रॉफिट
- कैपिटल गेन टैक्स क्या होता है और ऐसी बातें जो आपको ध्यान में रखनी चाहिये
- 5 इनकम, जिन पर अन्य स्रोतों से आय के अंदर टैक्स लगाया जाता है
- हाउस प्रॉपर्टी से इनकम के सम्बन्ध में टैक्स लगाने की प्रोसेस क्या होती है ?
ग्रॉस टोटल इनकम क्या होती है ?
टैक्सपेयर की इनकम को कैलकुलेट करने के 5 हेड में जोड़ी गयी कुल इनकम को ग्रॉस टोटल इनकम कहा जाता है ।
टोटल इनकम और ग्रॉस टोटल इनकम में क्या अंतर होता है ?
टोटल इनकम वह इनकम होती है, जिस पर टैक्स लायबिलिटी निकाली जाती है । टोटल इनकम को टैक्सेबल इनकम भी कहा जाता है । टैक्सपेयर की ग्रॉस टोटल इनकम में से सेक्शन 80C से सेक्शन 80D की टैक्स डिडक्शन को क्लेम करने के बाद टोटल इनकम निकाली जाती है ।
Computation of gross total income and taxable income
Particulars | Amount |
Income from salary | XXX |
Income from house property | XXX |
Business & profession profit | XXX |
Capital gains | XXX |
Income from other sources | XXX |
Gross Total Income | XXX |
Less – Section 80C – section 80D deduction | (XXX) |
Total income/ Taxable Income | XXX |
टैक्स लायबिलिटी को निकालने से पहले टोटल इनकम को राउंड ऑफ (round off) कैसे किया जाता है ?
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 288A के अनुसार इनकम टैक्स लॉ के अनुसार निकाली गई टोटल इनकम को सबसे पास वाले दस के मल्टीपल (multiple) में राउंड ऑफ किया जाता है ।
राउंड ऑफ करने के लिए सबसे पहले टोटल इनकम में पैसों के हिस्से को इग्नोर (ignore ) किया जाता है । पैसों के हिस्से को इग्नोर करने के बाद भी अगर इनकम 10 के मल्टीपल में नही है और लास्ट फिगर 5 या 5 से ज्यादा है, तो अगले 10 के मल्टीपल में सबसे ज्यादा नंबर में इसे राउंड ऑफ कर दिया जाएगा ।
अगर लास्ट फिगर 5 से कम है, तो इसे पिछले 10 के मल्टीपल फिगर में राउंड ऑफ किया जाएगा ।
जैसे – आपकी इनकम 3,67,578.70 है, तो इस केस में 0.70 पैसे को इग्नोर कर दिया जाएगा और लास्ट डिजिट 5 या 5 से ज्यादा होने पर इसे अगले 10 के डिजिट में यानी 3,67,580 में राउंड ऑफ कर दिया जाएगा ।
अगर यह इनकम 3,67,573.70 होती, तो 0.70 पैसे को इग्नोर और लास्ट डिजिट 5 से कम है, इसलिए पिछले 10 के मल्टीपल में इसे राउंड ऑफ किया जाता यानी 3,67,570 में ।
क्या पर्सनल या घरेलू खर्चों की टैक्स डिडक्शन ली जा सकती है ?
पर्सनल खर्चों की टैक्स में छूट क्लेम नही की जा सकती है । आपके द्वारा सिर्फ उन्हीं टैक्स डिडक्शन को क्लेम किया जा सकता है, जिनको इनकम टैक्स एक्ट 1961 में बताया गया है ।
इसलिए किसी भी टैक्स डिडक्शन को क्लेम करने से पहले उसके रूल्स के बारे में जरूर जान ले ।
यह भी देखे –
- इनकम टैक्स डिडक्शन जो आपका टैक्स बचा सकती है। income tax deduction other than 80 c
- क्या आप 80C की इन डिडक्शन के बारे में जानते है ?
मेरी इनकम का अधिकतम हिस्सा चैरिटी में दिया जाता है, मेरी टैक्सेबल इनकम क्या होगी ?
इनकम मिलने के बाद आप अपनी इनकम को किस तरीके से खर्च करते है, यह सब आपके ऊपर डिपेंड करता है । अगर आप इसे चैरिटी में खर्च करते है, तो आप इसकी टैक्स छूट ले सकते है , लेकिन टैक्स छूट भी आपको उसी केस में मिलेगी जब आपने ऐसे संस्थानों को दान दिया है जिन्हें टैक्स में छूट प्राप्त है ।
अगर आप इनकम टैक्स में रजिस्टर्ड संस्थानो के अलावा किन्ही दूसरे संस्थानो के माध्यम से चैरिटी करते है, तो इसकी आपको टैक्स में छूट नही मिलेगी और आपको अपनी पूरी इनकम पर टैक्स देंना होगा ।
बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट क्या होती है ?
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में कम इनकम करने वाले पर्सन को टैक्स नही देना पड़े , इसके लिए एक बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट बताई गई है । इसका मतलब होता है एक मिनिमम लिमिट जिस तक इनकम होने पर आपको टैक्स नही देना होगा ।
60 वर्ष से कम उम्र के लिए यह 2.50 लाख, 60 वर्ष से ज्यादा लेकिन 80 वर्ष से कम होने पर 3 लाख और 80 वर्ष से ज्यादा इनकम होने पर 5 लाख की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट होती है ।
अगर किसी टैक्सपेयर की एक फाइनेंसियल ईयर में इनकम इस लिमिट तक है, तो उसे टैक्स नहीं देना होगा ।
टैक्स लायबिलिटी कैसे निकालते है ?
टैक्स लायबिलिटी निकालने के लिए किसी भी टैक्सपेयर की 5 हेड की इनकम को जोड़ कर ग्रॉस टोटल इनकम निकाली जाती है, इसके बाद टैक्स डिडक्शन को क्लेम करके टोटल इनकम निकाली जाती है ।
टोटल इनकम पर एप्लीकेबल रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है ।
Computation of total income and tax liability for the year
particulars | amount |
income from salary | XXX |
income from house property | XXX |
profit from business/profession | XXX |
capital gain | XXX |
income from other sources | XXX |
total | XXX |
Set off losses | XXX |
Gross total income | XXX |
less : tax deduction (80C-80U) | XXX |
Total income | XXX |
tax on total income | XXX |
less :section 87A rebate(if any) | (xxx) |
Add : surcharge | XXX |
Tax liability after surcharge | XXX |
Add : education cess | XXX |
Total Tax liability | XXX |
Less – tds/tcs/advance tax/self assessment tax | (xxx) |
Tax Payable | XXX |
टैक्स लायबिलिटी को राउंड ऑफ कैसे किया जाता है ?
सेक्शन 288B में टैक्स लायबिलिटी को राउंड ऑफ करने का तरीके भी टोटल इनकम को राउंड ऑफ करने के जैसा ही है ।
जैसे – आपकी टैक्स लायबिलिटी 10,889.90 की बन रही है, तो 0.90 पैसे को इग्नोर करेंगे और लास्ट डिजिट 5 या 5 से ज्यादा होने पर सबसे पास के 10 के मल्टीपल में राउंड ऑफ करेंगे । राउंड ऑफ करने के बाद आपकी टैक्स लायबिलिटी 10,890 की हो जाएगी ।
सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्या है और यह किसके द्वारा क्लेम की जा सकती है ?
सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट भारतीय रेजिडेंट इंडिविजुअल द्वारा क्लेम की जा सकती है । इस सेक्शन के अनुसार अगर इंडिविजुअल की टोटल इनकम 5 लाख से कम है, तो उसे 12,500 या टैक्स अमाउंट, जो भी कम है, की टैक्स में छूट दी जाएगी ।
नई टैक्स रिजीम में सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम करने की लिमिट 7 लाख है । ऐसे इंडिविजुअल जिनके द्वारा नई टैक्स रिजीम अपनायी जाती है और उनकी इनकम 7 लाख से कम है, को सेक्शन 87A में 25,000 या टैक्स अमाउंट, जो भी कम है, की टैक्स रिबेट दी जाएगी ।
यह भी देखे –
- सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्या होती है। टैक्स रिबेट क्लेम करने की शर्ते और तरीका क्या है।
- कौनसी टैक्स स्लैब रेट चुने ? old and new tax slab
- इन 6 टाइप्स के losses को सेट ऑफ के रूल्स को समझे |
क्या नॉन – रेजिडेंट, HUF या पार्टनरशिप फर्म द्वारा सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट क्लेम की जा सकती है ?
सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट सिर्फ रेजिडेंट इंडिविजुअल द्वारा ही क्लेम की जा सकती है, किसी दूसरे टैक्सपेयर द्वारा नही । इसलिए नॉन – रेजिडेंट, HUF और पार्टनरशिप फर्म को सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट नही मिलेगी ।
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https://incometaxindia.gov.in/pages/faqs.aspx
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