इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग से जुड़े इम्पोर्टेन्ट रूल्स – FAQs on income tax return

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FAQs on income tax return

FAQs on income tax return – आपने इनकम टैक्स रिटर्न का नाम तो सुना ही होगा और आप में से कई लोग इसे फाइल भी करते होंगे। सरकार द्धारा भी इनकम टैक्स रिटर्न के सम्बन्ध में समय – समय पर काफी बदलाव किये जाते रहते है, ताकि एक आम आदमी को इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने में अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

सरकार को भी अधिकांश रेवेन्यू लोगो द्धारा पेमेंट किये जाने वाले टैक्स से ही प्राप्त होती है, इसीलिए सरकार भी यही चाहती है, कि अधिक से अधिक लोग अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करे, ताकि सरकार की आमदनी भी बढ़ सके।

इसके अलावा इसको फाइल करने से लोगो द्धारा किये जाने वाले ट्रांजेक्शन भी सरकार की नजरो में आ जाते है, जिससे ब्लैक मनी को भी बढ़ावा नहीं मिलता है।

किसी भी देश के लोगो को उनके देश में लगाए जाने वाले टैक्स रूल्स के बारे में भी जानकारी होना बहुत जरुरी होता है, ताकि उनको बेवजह किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

आज के आर्टिकल (FAQs on income tax return ) में हम इनकम टैक्स से जुड़े बेसिक रूल्स के बारे में चर्चा करेंगे, ताकि भारत के एक आम आदमी को भी इनकम टैक्स से जुड़े रूल्स समझ में आ सके।

Table of Contents

Q.1 – इनकम टैक्स रिटर्न क्या होती है ?

Ans. इनकम टैक्स रिटर्न को शार्ट में ITR और हिंदी में आयकर रिटर्न कहा जाता है।

यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट होता है, जिसमे एक पर्सन द्धारा एक फाइनेंसियल ईयर में कमाई गयी इनकम की पूरी जानकारी होती है, जिसकी डिटेल्स उसके द्धारा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को दी जाती है। यह इनकम आपके द्धारा किन सोर्सेज से कमाई गयी है, के बारे में भी आपको पूरी जानकारी देनी होती है, जैसे – सैलरी, बिज़नेस etc .

आई टी आर में आपके द्धारा पेमेंट किये गए टैक्स, काटे गए टीडीएस, एडवांस टैक्स, रिफंड आदि सभी की डिटेल्स होती है। इसके अलावा इसमें आप अपने losses को भी सेट ऑफ और carry फॉरवर्ड कर सकते है।

इनकम टैक्स रिटर्न को साल में एक बार फाइल करना होता है।

यह भी देखे – इनकम टैक्स को समझने से पहले इन बेसिक वर्ड्स को समझे

Q.2 – इनकम टैक्स रिटर्न में किस पीरियड की इनकम को रिपोर्ट किया जाता है ?

Ans. इनकम टैक्स रिटर्न में आपकी एक फाइनेंसियल ईयर की इनकम को रिपोर्ट करना होता है।

फाइनेंसियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू और 31 मार्च को समाप्त होता है। जैसे – 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के पीरियड को फाइनेंसियल ईयर 2020-21 कहा जाता है। इस पूरे पीरियड में कमाई गयी इनकम को आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट करना होता है।

यह भी देखे – Income Tax kya Hai Aur Income Tax Ki Rates

Q.3 – इनकम टैक्स रिटर्न को आपके द्धारा कब फाइल करना जरुरी होता है ?

Ans. इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करना आपके लिए अनिवार्य है या नहीं, यह कुछ कंडीशंस पर डिपेंड करता है, जैसे –

  • अगर आप एक इंडिविजुअल है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा अगर आपकी टोटल इनकम एक फाइनेंसियल ईयर में 2 लाख 50 हजार से अधिक हो जाती है ;
  • किसी पर्सन ने आपका टीडीएस काट लिया है, तो बिना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करे आप इसका रिफंड क्लेम नहीं कर सकते है, इसलिए रिफंड क्लेम करने के लिए आपको आई टी आर फाइल करना होगा ;
  •  कंपनी, फर्म, LLP के केस में आपको आई टी आर फाइल करनी अनिवार्य होगी, प्रॉफिट या loss दोनों केस में।

अनिवार्य इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के सभी cases के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप यह देखे – इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करना कब अनिवार्य है ?

Q.4 – इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के लिए कौन – कौन से आईटीआर फॉर्म्स होते है ?

Ans. आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के लिए सबसे पहले आईटीआर फॉर्म्स का चुनाव करना होता है। आपको कौनसे आई टी आर फॉर्म्स में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी है, यह आपकी इनकम के सोर्स और स्टेटस पर डिपेंड करता है।

इनकम टैक्स एक्ट में 7 ITR Forms बताये गए है, जिनमे income tax returns फाइल की जा सकती है।

जैसे –

  • ITR 1 – सैलरी से इनकम होने पर इसे फाइल किया जाता है,
  • ITR 2 – कैपिटल गेन से इनकम होने पर इसे फाइल किया जाता है,
  • ITR 3 – बिज़नेस या प्रोफेशन से इनकम होने पर,
  • ITR 4 – Presumptive Scheme में रिटर्न फाइलिंग का चुनाव करने पर,
  • ITR 5 – फर्म, LLP, AOP/ BOI, artificial पर्सन, को – ऑपरेटिव सोसाइटी, लोकल अथॉरिटी द्धारा फाइल किया जाता है,
  • ITR 6 – कम्पनीज के ऊपर एप्लीकेबल
  • ITR 7 – ट्रस्ट, एनजीओ के द्धारा फाइल की जाती है।

इन सभी फॉर्म्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखे –  टैक्स रिटर्न फाइलिंग के सभी फॉर्म्स की डिटेल ( NEW FORMS)

Q.5 – इनकम टैक्स रिटर्न को कैसे फाइल करे ?

Ans. सभी टैक्सपेयर द्धारा इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन फाइल की जाती है, हालाँकि सीनियर सिटीजन ITR 1 और ITR 4 को ऑफलाइन भी फाइल कर सकते है।

ऑनलाइन फाइल करने के लिए सबसे पहले आपको https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/ पर विजिट करना होगा, उसके बाद अपने पैन नंबर की सहायता से इस पर लॉगिन करना होगा।

ITR 1 और ITR 4 को आप इनकम टैक्स पोर्टल पर ऑनलाइन कर सकते है, लेकिन बाकी आईटीआर फॉर्म्स को फाइल करने के लिए आपको सम्बंधित फॉर्म्स को पोर्टल से डाउनलोड करना होगा।

डाउनलोड करने के बाद आई टी आर फॉर्म्स को आपको ऑफलाइन भरना होगा और पूरा भरने के बाद इसे इनकम टैक्स ई फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करके अपलोड करना होगा।

Q.6 – इनकम टैक्स रिटर्न को अपलोड करने के बाद क्या करना होता है ?

Ans. इनकम टैक्स रिटर्न को अपलोड करने के बाद भी आपका रिटर्न फाइलिंग का काम खत्म नहीं होता है। अपलोड करने के बाद आपको इसे वेरीफाई करवाना होता है।

इनकम टैक्स रिटर्न को वेरीफाई करवाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्धारा ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके बताये गए है, जो कि है –

  • इनकम टैक्स रिटर्न को आधार ओटीपी से वेरीफाई किया जा सकता है।
  • इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से
  • इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड के माध्यम से,
  • ITR – V को साइन करके निर्धारित एड्रेस पर भेज कर।

Q.7 – ITR – V क्या होती है ?

Ans- इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के बाद इसे वेरीफाई करवाना होता है, जब तक इसे वेरीफाई नहीं करवाया जाता है, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रोसेस पूरी नहीं होती है।

ITR – V ( income tax return verification ) एक स्लिप होती है, जिसमे उस पर्सन का नाम, एड्रेस, पैन नंबर रहता है, जिसकी रिटर्न फाइल की गयी है। साथ ही इसमें रिटर्न का acknowledgement number भी रहता है, जो की हर रिटर्न के लिए यूनिक होता है।

ITR – V को टैक्सपेयर द्धारा साइन करके, इसमें लिखे हुए एड्रेस पर सामान्य पोस्ट या स्पीड पोस्ट से भेजना होता है। ITR – V को रिटर्न फाइलिंग के 120 दिनों के भीतर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भेजना होता है, इसके बाद भेजने पर इसे मान्य नहीं माना जायेगा और यह माना जायेगा कि आपने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल ही नहीं की है।

हालाँकि, अगर आप अपनी रिटर्न को ऑनलाइन वेरीफाई करवाते है, तो आपको ITR – V भेजने की जरुरत नहीं होती है।

Q.8 – क्या इनकम टैक्स रिटर्न के साथ कोई डॉक्यूमेंट भी जमा करवाना होता है ?

Ans- इनकम टैक्स रिटर्न के साथ आपको किसी भी तरह का कोई डाक्यूमेंट्स जमा नहीं करवाना होता है, जैसे – इन्वेस्टमेंट प्रूफ, डिडक्शन सर्टिफिकेट्स, इनकम प्रूफ आदि।

हालाँकि, वे सभी डाक्यूमेंट्स जो कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न को फाइलिंग में काम लिए थे, उनको अपने पास संभाल कर जरूर रखे, ताकि भविष्य में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्धारा मांगने पर आप उन्हें दिखा सके।

साथ ही कुछ केसेज में आपको रिटर्न फाइलिंग के बाद अलग से कुछ फॉर्म्स फाइल करने होते है, उन फॉर्म्स को फाइल नहीं करने पर आपकी रिटर्न आगे प्रोसेस नहीं की जाएगी।

जैसे – अगर आप सेक्शन 89 की रिलीफ क्लेम करते है, तो आपको फॉर्म 10E फाइल करना जरुरी होता है। इसके अलावा अगर आप सेक्शन 80GG में किराये के भुगतान की डिडक्शन क्लेम करते है, तो आपको फॉर्म 10BA फाइल करना होगा।

यह भी देखे – सेक्शन 89 की रिलीफ से कैसे हम टैक्स बचा सकते है

Q.9 – इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की Due Dates क्या है ?

Ans- आईटीआर फाइल करने की due dates अलग -अलग टैक्सपेयर के लिए अलग – अलग होती है, जैसे –

  • इंडिविजुअल – 31 जुलाई
  • कंपनी – 31 अक्टूबर
  • ऐसे पर्सन, जिनकी टैक्स ऑडिट होनी है – 31 अक्टूबर
  • फर्म के पार्टनर्स, जिनके अकाउंट्स की ऑडिट की जानी है – 31 अक्टूबर
  • टैक्सपेयर, जिनको सेक्शन 92E में रिपोर्ट सबमिट करनी है – 30 नवंबर
  • अन्य सभी टैक्सपेयर – 31 जुलाई

Q.10 – क्या इनकम टैक्स रिटर्न को Due Dates के बाद भी फाइल किया जा सकता है ?

Ans – इनकम टैक्स रिटर्न को ऊपर बताई गयी due dates के बाद भी फाइल किया जा सकता है, हालाँकि लास्ट डेट के बाद फाइल करने पर आपको इंटरेस्ट और पेनल्टी का भुगतान करना होगा।

Income tax returns को due dates के बाद लेकिन, सम्बंधित असेसमेंट ईयर के समाप्त होने से पहले फाइल किया जा सकता है। जैसे – फाइनेंसियल ईयर 2020-21 की रिटर्न को सम्बंधित असेसमेंट ईयर 2021-22 के समाप्त होने से पहले (31 मार्च 2022 ) फाइल किया जा सकता है।

Q.11 – इनकम टैक्स रिटर्न को Due Dates के बाद फाइल करने पर कितनी पेनल्टी लगायी जा सकती है ?

Ans – इनकम टैक्स रिटर्न को देरी से फाइल करने पर आपके ऊपर इंटरेस्ट और पेनल्टी दोनों लगाए जाते है। यदि, लास्ट डेट के बाद भी आपकी टैक्स लायबिलिटी बनी रहती है, तो आपके ऊपर सेक्शन 234 A/B/C में इंटरेस्ट लगाया जायेगा।

इसके अलावा सेक्शन 234F में आपके ऊपर 5000 से 10 हजार तक की पेनल्टी लगायी जाती है, लेकिन पेनल्टी की राशि सिर्फ 1000 की ही रहेगी, यदि आपकी टोटल इनकम 5 लाख से कम थी।

यह भी देखे – इनकम टैक्स रिटर्न last date के बाद फाइल करने पर कितना इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जायेगी ?

Q.12 – इनकम टैक्स रिटर्न को Due Date के बाद फाइल करने पर क्या नुकसान होते है ?

Ans – इनकम टैक्स रिटर्न को समय फाइल करना काफी जरुरी होता है, क्योकि ऐसा नहीं करने पर आपको काफी तरह के नुकसान भी उठाने पड़ते है।

जैसे –

  • आईटीआर की लेट फाइलिंग पर आपको इंटरेस्ट और पेनल्टी का पेमेंट करना होता है;
  • अगर बिज़नेस या कैपिटल गेन हेड में कोई losses है, तो आप उनको आगे के वर्षो में सेट ऑफ करने के लिए carry फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे ;
  • आपका इनकम टैक्स रिफंड बन रहा है, तो लेट फाइलिंग पर इस रिफंड पर मिलने वाला इंटरेस्ट कम हो जाता है।

Q.13 – आपकी कोई इनकम नहीं है और आपको सिर्फ बिज़नेस में नुकसान हो रहा है, तो क्या आपको आईटीआर फाइल करना अनिवार्य होगा ?

Ans. अगर आप कोई कंपनी या फर्म बना कर काम कर रहे है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा, चाहे आपको प्रॉफिट हो या नुकसान।

इसके अलावा अगर आप एक इंडिविजुअल है, तो सिर्फ नुकसान (loss ) के केस में आपको आई टी आर फाइल करना अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन अगर आप अपने losses को आगे के वर्षो में अपने दूसरे बिज़नेस की इनकम से सेट ऑफ करना चाहते है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न टाइम से फाइल करना अनिवार्य होगा।

Q.14 – इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने में गलती हो जाये तो क्या इस गलती को सुधारा जा सकता है ?

Ans. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(5) में आपको इनकम टैक्स रिटर्न में गलती होने पर इसे सुधारने का ऑप्शन दिया जाता है।

अगर आपकी रिटर्न फाइलिंग में कोई गलती हो जाती है, तो आप सेक्शन 139(5) में revise return फाइल करके इस गलती को सुधार सकते है। हालाँकि, अगर आपकी revise return में भी गलती हो जाती है, तो आप दुबारा से revise return फाइल करके इसे सुधार सकते है।

यह भी देखे – Filing of Revise Return – रिटर्न में गलती होने पर क्या करे ?

Q.15 – क्या आपको उस केस में भी रिटर्न फाइल करनी होगी, जब आपने अपने पूरे टैक्स का पेमेंट कर दिया हो ?

Ans. इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग और टैक्स का पेमेंट करना दोनों अलग – अलग चीजे है। अगर आप अपने पूरे टैक्स का पेमेंट भी कर देते है, तो भी आपकी आईटीआर को फाइलिंग करने की जिम्मेदारी बनी रहती है।

जब भी आप इनकम टैक्स का पेमेंट करते है, तो आप अपने हिसाब से इनकम आईटीआर में रिपोर्ट करते है और उसके हिसाब से उस पर टैक्स देते है। रिटर्न फाइलिंग के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके द्धारा फाइल की गयी रिटर्न में दी गयी डिटेल्स को चेक करता है और सही होने पर आपकी रिटर्न को प्रोसेस करता है।

इसलिए रिटर्न फाइलिंग एक दो तरफा काम है, जो कि आपके और डिपार्टमेंट दोनों द्धारा किया जाता है। टैक्स के पेमेंट करने के बाद भी रिटर्न फाइलिंग नहीं करने पर आप सेक्शन 234F में पेनल्टी के लिए दायी हो सकते है।

यह भी देखे – इनकम टैक्स रिटर्न कब डिफेक्टिव मानी जाती है ?

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