higher rate of tds sec 206AB and sec 206CCA | इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने पर ज्यादा रेट से टैक्स काटने के रूल्स क्या है।

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higher rate of tds sec 206AB and sec 206CCA

higher rate of tds sec 206AB and sec 206CCA – अगर आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही कर रहे है, तो आपको काफी सारी परेशानियों के अलावा ज्यादा रेट से टीडीएस कटने की परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है ।

फाइनेंस एक्ट 2021 में सरकार ने एक नया रूल जोड़ा, जो कि ऐसे टैक्सपेयर्स पर लागू होता है जिन्होंने अपनीं इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही की है ।

इस रुल के अनुसार अगर कोई टैक्सपेयर अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही करता है, तो उस टैक्सपेयर का चालू वर्ष में नार्मल रेट से ज्यादा रेट से टीडीएस काटा जाएगा । 

इसी तरह यह रूल टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) के केस में भी एप्लीकेबल होता है । अगर टैक्सपेयर अपनी रिटर्न फ़ाइल नही करता है, तो उसका ज्यादा रेट से टैक्स कलेक्ट किया जाएगा ।

इस रूल के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 में सेक्शन 206AB और सेक्शन 206CCA जोड़े गए । 

इन सेक्शन के बारे में चर्चा करने से पहले आप यह जरूर जान ले कि सेक्शन 206AB और सेक्शन 206CCA सिर्फ “Specified Persons” पर ही एप्लीकेबल होते है, सभी पर्सन पर नही ।

अगर आप एक specified person नही है, तो यह सेक्शन आपके ऊपर लागू नही होंगे और आपका नार्मल रेट से ही टैक्स काटा जाएगा । specified पर्सन के बारे में हम आगे जानेंगे। 

आज के आर्टिकल में हम इन दोनों सेक्शन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।

सेक्शन 206AB और सेक्शन 206CCA किन टैक्सपेयर्स पर लागू होंगे ? higher rate of tds sec 206AB and sec 206CCA

सेक्शन 206AB और सेक्शन 206CCA को फाइनेंस एक्ट 2021 में इनकम टैक्स एक्ट 1961 में जोड़ा गया था । ये दोनों सेक्शन 1 जुलाई 2021 से सभी पर्सन पर लागू होते है ।

सेक्शन 206AB टीडीएस डिडक्टर पर एप्लीकेबल होता है, जिसके अनुसार अगर टीडीएस डिडक्टर किसी ” Specified person” को कोई पेमेंट करता है और यह पेमेंट टीडीएस के दायरे में आता है, तो टीडीएस डिडक्टर को नार्मल रेट से टैक्स नही काटकर हायर रेट से टीडीएस काटना होगा ।

यह हायर टीडीएस रेट क्या होगी, इसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे ।

इसी तरह सेक्शन 206CCA टैक्स कलेक्टर पर लागू होता है, जिसके अनुसार अगर टैक्स कलेक्टर किसी “Specified person” से कोई पेमेंट प्राप्त करते है, तो उन्हें इस तरह के पेमेंट पर ज्यादा रेट से टैक्स कलेक्ट (tcs) करना होगा ।

Specified Person कौन होते है ? 

किसी भी पर्सन का हायर रेट से टैक्स काटना है, तो उस पर्सन का ” Specified person ” होना अनिवार्य है । इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार Specified person की परिभाषा – 

ऐसे पर्सन जिन्होंने चालू वर्ष से पिछले 2 वर्षों में अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही की हो

और 

इन दोनों वर्षो में उस पर्सन के टीडीएस और टीसीएस की कुल राशि प्रत्येक वर्ष में 50,000 या इससे ज्यादा की हो ।

जैसे – Mr A को फाइनेंसियल ईयर 2021-22 में ABC लिमिटेड से दिसंबर 2021 में 1 लाख का ब्याज प्राप्त होता है । Mr. A ने अपने पिछले 2 वर्षो की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही की थी और इन दोनों वर्षो में उनका टीडीएस 50 हजार से ज्यादा का था । इस केस में Mr. A एक ” Specified Person ” है, इसलिए ABC लिमिटेड को ब्याज पेमेंट पर नार्मल रेट से ज्यादा का टीडीएस काटना होगा । 

यहां सवाल यह आता है कि Mr A ने अपने पिछले 2 वर्ष की रिटर्न फ़ाइल नही की थी और उनके टीडीएस और टीसीएस की कुल राशि 50 हजार से ज्यादा है, इसके बारे में ABC लिमिटेड को कैसे पता चलेगा ? 

तो इस सवाल के जवाब के बारे में हम आगे चर्चा करेंगे ।

क्या सिर्फ 1 वर्ष की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही करने पर भी हायर रेट से टैक्स काटा जाएगा ? 

सेक्शन 206AB और सेक्शन 206CCA को फाइनेंस एक्ट 2021 में लाया गया था । इन सेक्शन को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाने के लिए सरकार ने फाइनेंस एक्ट 2022 में इन दोनों सेक्शन में कुछ बदलाव (amendments) किये ।

फाइनेंस एक्ट 2022 के इन बदलावों के अनुसार अब टैक्सपेयर द्वारा सिर्फ एक वर्ष की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही करने और उस वर्ष में टीडीएस और टीसीएस की कुल राशि 50 हजार या ज्यादा रहने के केस में भी हायर रेट से टीडीएस डिडक्ट या टीसीएस कलेक्ट किया जाएगा ।

इसका मतलब यह हुआ कि फाइनेंस एक्ट 2022 में 2 वर्ष की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही करने की समय – सीमा को घटाकर सिर्फ एक वर्ष कर दिया है ।

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यह भी देखे –

इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही करने पर टैक्स काटने की हायर रेट क्या होगी ? 

हायर रेट से टैक्स सिर्फ “specified person” का ही काटा जाएगा , अगर आप एक specified person है, तो आपके ऊपर एप्लीकेबल हायर टीडीएस रेट्स होंगी – 

  • नार्मल टीडीएस रेट से दोगुनी या
  • 5%

इन दोनों में जो भी ज्यादा हो, उस रेट से टैक्स काटा जाएगा ।

हालांकि, यह बात जरूर ध्यान रखे कि अगर आप अपना पैन नंबर नही देते है या गलत पैन देते है, तो आपका 20% की रेट से टैक्स काटा जाएगा ।

जैसें – Mr A एक ” specified person है और उनको 40,000 का इंश्योरेंस कमीशन प्राप्त होता है । इस केस में इंश्योरेंस कमीशन पर टीडीएस रेट 5 % की है, लेकिन Mr A एक specified person है, इसलिए उनका नार्मल रेट की दोगुनी रेट या 5 %, जो भी ज्यादा है, की रेट से टैक्स कटेगा । इसलिए इस केस में Mr A का 10 % की रेट से टैक्स काटा जाएगा ।

अगर इस केस में Mr. A के पास पैन नही है या गलत पैन देते है, तो 10% की जगह 20% की रेट से टीडीएस काटा जाएगा ।

क्या कुछ टैक्सपेयर्स को हायर रेट से टीडीएस काटने से छूट दी गयी है ? 

फाइनेंस एक्ट 2021 में सेक्शन 206AB और सेक्शन 206CCA को लाते समय सरकार ने कुछ टैक्सपेयर को इन सेक्शन के लागू होने से छूट दी थी । 

यानी इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप सरकार द्वारा छूट दी गयी श्रेणी में आते है, तो आपका हायर रेट से टीडीएस नही काटा जाएगा, भले ही आप एक ” Specified Person ” है ।

सरकार द्वारा जिस तरह के पेमेंट पर छूट दी गयी है, उनकी लिस्ट – 

  • सैलरी ( सेक्शन 192)
  • ईपीएफ से premature withdrawal (सेक्शन 192A)
  • लॉटरी, कार्ड गेम्स या क्रॉसवर्ड पज़ल्स से कोई राशि जीतने पर (सेक्शन 194B)
  • हॉर्स रेस में कोई राशि जीतने पर ( सेक्शन 194BB)
  • Securitisation trust में इंवेस्टमेंट से इनकम के केस में ( सेक्शन 194LBC)
  • बैंक से कैश निकालने पर टीडीएस के केस में (सेक्शन 194N)
  • नॉन रेजिडेंट ( जिनका भारत मे कोई भी “permanent establishment” नही हो )

फाइनेंस एक्ट 2022 में इस लिस्ट को सरकार द्वारा थोड़ा और बढ़ा दिया, जिसके अनुसार कुछ और पेमेंट्स को भी इसमे जोड़ा गया ।

  • अचल संपत्ति पर टीडीएस (सेक्शन 194IA)
  • किराये के पेमेंट के केस में (सेक्शन 194IB)
  • कॉन्ट्रैक्ट और प्रोफेशनल सर्विसेज के लिए पेमेंट (सेक्शन 194M)
  • वर्चुअल डिजिटल असेट्स के ट्रांसफर के केस में (सेक्शन 194S – सिर्फ इंडिविजुअल/HUF, जिनका टर्नओवर 1 करोड़ या प्रोफेशनल रिसीट्स 50 लाख से कम हो )

इन सभी तरह के पेमेंट पर हायर रेट से टैक्स नही काटा जाएगा । जो भी पेमेंट इस लिस्ट में शामिल नही है, पर सेक्शन 206AB एप्लीकेबल होगा और उस पर हायर रेट से टैक्स काटा जाएगा (अगर Specified person की शर्तें पूरी होती है) ।

जैसे – अगर कोई पर्सन किसी गेम में 10 लाख जीतता है और उसने पिछले वर्ष की अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही की थी, तो भी उसका हायर रेट से टीडीएस नही कटेगा, क्योकि इस तरह के पेमेंट को सरकार द्वारा हायर रेट से टीडीएस काटने से छूट दी है । 

इसी तरह सैलरीड एम्प्लाइज के केस में भी हायर रेट से टीडीएस के रूल्स एप्लीकेबल नही होंगे ।

किसी पर्सन के “specified person” होने या नही होने के बारे में टीडीएस डिडक्टर या टीसीएस कलेक्टर कैसे पता कर सकते है ?

किसी भी पर्सन का हायर रेट से टैक्स काटने या टैक्स कलेक्ट करने के लिए “specified person” का पता लगाने की जिम्मेदारी टीडीएस डिडक्टर या टीसीएस कलेक्टर की होती है । इनकम टैक्स डिपार्टमेंट चाहता है कि टीडीएस डिडक्टर या टीसीएस कलेक्टर इस बारे में पूर्ण सावधानी भरते ।

“Specified person” के बारे में पता लगाने की प्रोसेस को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इनकम टैक्स पोर्टल पर इसकी सुविधा दी है । इस पोर्टल पर टीडीएस डिडक्टर या टीसीएस कलेक्टर ” compliance check for section 206AB & section 206CCA ” सुविधा का यूज़ करके specified person का पता लगा सकते है ।

इनकम टैक्स पोर्टल पर किसी भी पर्सन के पैन नंबर से सर्च करके उसके ” specified person” होने या नही होने का पता लगाया जा सकता है । अगर एक से अधिक पर्सन के बारे में पता करना हो तो ” bulk search” फैसिलिटी का यूज़ किया जा सकता है ।

सर्च की गई डिटेल्स को पीडीएफ फॉरमेट में डाउनलोड भी किया जा सकता है ।

यह भी देखे –

इनकम टैक्स पोर्टल पर ” specified person” की लिस्ट कैसे तैयार की जाती है ? 

फाइनेंस एक्ट 2022 के अनुसार सिर्फ एक वर्ष की रिटर्न फ़ाइल नही करने वाले और 50 हजार से ज्यादा के टीडीएस और टीसीएस की राशि होने वाले पर्सन को ही ” specified person” माना जाता है ।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा इस लिस्ट को तैयार करने की प्रोसेस – 

  • ” Specified persons” की लिस्ट को फाइनेंसियल ईयर की शुरुआत में ही तैयार कर लिया जाता है । जैसे – फाइनेंसियल ईयर 2022-23 के शुरुआत में प्रीवियस ईयर 2020-21 को बेस ईयर मानकर “specified persons” की लिस्ट तैयार कर ली जाएगी । ऐसे पर्सन जिन्होंने असेसमेंट ईयर 2021-22 में अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही की है और उनके टीडीएस और टीसीएस की कुल राशि 50,000 से ज्यादा है, का नाम इस लिस्ट में रहेगा ।
  • एक बार लिस्ट तैयार होने के बाद पूरे वर्ष में किसी नए पर्सन का नाम इसमे जोड़ा नही जाएगा । जिससे टैक्स डिडक्टर/कलेक्टर को किसी नाम को एक बार सर्च करने के बाद दुबारा सर्च करने की जरूरत नही रहेगी ।
  • अगर कोई “specified person” फाइनेंसियल ईयर 2022-23 में फाइनेंसियल ईयर 2021-22 की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल और वेरीफाई कर देता है, तो उसका नाम इस लिस्ट से हटा दिया जाएगा । इस लिस्ट से उस पर्सन का नाम रिटर्न को वेरीफाई करने की डेट से हटाया जाएगा ।
  • फाइनेंसियल ईयर 2021-22 में किसी पर्सन के टीडीएस और टीसीएस की कुल राशि 50,000 से कम रहती है, तो उसका नाम भी इस लिस्ट से हटा दिया जाएगा । यह नाम 2021-22 की इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की due date {सेक्शन 139(1) } से हटाया जाएगा ।
  • बिलेटेड या रिवाइज्ड रिटर्न/ टीडीएस रिटर्न (टीसीएस रिटर्न्स ) के केस में भी इस लिस्ट में से नाम हटाया जायेगा ।
  • नॉन रेजिडेंट जिसका भारत में कोई भी permanent establishment नही है, के केस में सेक्शन 206AB एप्लीकेबल नही होगा । साथ ही ऐसे नॉन – रेजिडेंट, जिनका भारत मे परमानेंट इस्टैब्लिशमेंट है, का नाम इस लिस्ट में नही आएगा । इसलिए ऐसे पर्सन का टीडीएस काटने/टीसीएस कलेक्ट करने में उचित सावधानी का यूज़ करे ।

हायर रेट से टीडीएस काटने के केस में सरकार द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन्स – डाउनलोड करे 

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 यह भी देखे – 

 

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