Home loan tax benefit in hindi – लोगो के पास खुद का घर हो, इसी सोच को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा लोगो को होम लोन लेने पर काफी सुविधाएं दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक लोग खुद का घर खरीदने के लिए प्रेरित हो सके।
इसी वजह से होम लोन लेने वाले लोगो को सरकार द्वारा होम लोन के पेमेंट की इनकम टैक्स में छूट दी जाती है। साथ ही अधिकांश बैंको और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन ने भी होम लोन की इंटरेस्ट रेट को काफी कम कर दिया है, ताकि अधिकतर लोग घर खरीदने के लिए लोन लेने में डरे नहीं।
आज के हमारे आर्टिकल (home loan tax benefit in hindi) में हम होम लोन से जुड़े टैक्स बेनिफिट्स के बारे में चर्चा करेंगे।
Table of Contents
होम लोन क्या होता है ?
होम लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, जो कि आपके द्वारा बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीटूशन से घर खरीदने के लिए लिया जाता है।
ये बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीटूशन आपकी फाइनेंसियल कंडीशन को देखते हुए आपको लोन के रूप में एक मुश्त राशि देते है, जो कि आपको एक निर्धारित टाइम पर चुकानी होती है।
यह लोन नया घर खरीदने या पुराने घर की मरम्मत करवाने के लिए भी लिया जा सकता है।
लोन का पेमेंट आपके द्वारा मंथली बेसिस पर एक निर्धारित समय तक करना होता है, जो कि 30 वर्षो तक भी हो सकता है।
अपने इस लोन पर आपको एक निर्धारित रेट से ब्याज भी देना होता है, जो कि 6.5 % से 15 % वार्षिक तक हो सकता है। यह बैंक के ऊपर डिपेंड करता है कि वह आपको कितनी ब्याज दर ऑफर करता है।
होम लोन पर टैक्स बेनिफिट्स कैसे क्लेम करे ?
जब भी आप होम लोन की क़िस्त का पेमेंट करते है, तो इस होम लोन की क़िस्त में दो चीजे होती है – (1 ) होम लोन के प्रिंसिपल का पेमेंट और (2) होम लोन के इंटरेस्ट का पेमेंट ।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में आपको होम लोन के प्रिंसिपल और इंटरेस्ट दोनों की ही टैक्स में छूट दी जाती है, लेकिन अलग -अलग इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन में।
इसलिए होम लोन के पेमेंट की टैक्स में छूट भी सही सेक्शन में क्लेम करना जरुरी होता है, ताकि हम गलत या ज्यादा डिडक्शन क्लेम नहीं करे।
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होम लोन के प्रिंसिपल पार्ट के भुगतान की छूट
जब भी हम होम लोन चुकाते है, तो उसमे प्रिंसिपल और ब्याज की राशि शामिल होती है। जैसे – आपकी महीने की होम लोन की क़िस्त 20 हजार की है, तो इसमें 12 हजार ब्याज का और 8000 का मूलधन हो सकता है।
जब भी हमे होम लोन की छूट क्लेम करनी होती है, तो हम सबसे पहले बैंक से होम लोन का सर्टिफिकेट प्राप्त करते है, इस सर्टिफिकेट में होम लोन के ब्याज और मूलधन ( प्रिंसिपल ) की राशि अलग – अलग दी हुई होती है।
होम लोन के प्रिंसिपल पार्ट के पेमेंट की सेक्शन 80C में छूट क्लेम की जा सकती है।
यह अधिकतम 1.5 लाख तक की हो सकती है। इस 1.50 लाख की लिमिट में अन्य एलिजिबल टैक्स डिडक्शन (सेक्शन 80C ) भी शामिल होती होती है। यानि कि सेक्शन 80C में क्लेम की जाने वाली कुल टैक्स डिडक्शन की राशि 1.5 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती है।
जैसे – आपने टैक्स सेविंग म्यूच्यूअल फंड में 50 हजार का निवेश किया है और 30 हजार की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है। इनके अलावा पुरे वर्ष में 3 लाख के होम लोन का पेमेंट किया है , इसमें 2 लाख का प्रिंसिपल है और 1 लाख का ब्याज शामिल है।
इस केस में 50 हजार के म्यूच्यूअल फंड का निवेश, 30 हजार की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और 2 लाख का होम लोन का प्रिंसिपल रीपेमेंट, सेक्शन 80C के छूट में डिडक्शन क्लेम करने के लिए एलिजिबल है।
यह कुल राशि 2.80 लाख की हो जाती है, लेकिन सेक्शन 80सी की कुल लिमिट 1.50 लाख तक की ही है। इसलिए इस केस में आप सिर्फ 1.50 लाख की टैक्स डिडक्शन ही क्लेम कर सकते है और बैलेंस राशि आपकी बिना टैक्स छूट के ही रह जाएगी।
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होम लोन की टैक्स छूट कब से क्लेम कर सकते है ?
होम लोन की छूट आपकी हाउस प्रॉपर्टी के कंस्ट्रक्शन के पूरा होने के बाद क्लेम की जा सकती है या आप बिलकुल तैयार घर में शिफ्ट हो रहे है।
अगर आप होम लोन के प्रिंसिपल पार्ट की छूट क्लेम कर रहे है, तो ध्यान रखे इसकी टैक्स छूट नकद आधार पर दी जाती है। यानि कि एक वर्ष में आपने जितने प्रिंसिपल का पेमेंट किया गया है उतने ही प्रिंसिपल अमाउंट की छूट दी जाती है।
अगर प्रिंसिपल राशि due हो गयी लेकिन उसका पेमेंट नहीं किया गया है ,तो इसकी सेक्शन 80C में छूट क्लेम नहीं की जा सकेगी।
जैसे – आपको एक वर्ष में 2 लाख के होम लोन के प्रिंसिपल पार्ट का पेमेंट करना था, लेकिन आपने सिर्फ 1 लाख के प्रिंसिपल का ही पेमेंट किया। तो इस केस में आपको सिर्फ 1 लाख के पेमेंट की ही टैक्स में छूट दी जाएगी , जिस पार्ट का आपने पेमेंट नहीं किया उसकी छूट आपको नहीं दी जाएगी।
लेकिन, अगर अगले वर्ष आप उस बचे हुए पार्ट का भी भुगतान कर देते है, तो उस वर्ष ( जिस वर्ष पेमेंट किया है ) में आप इसकी टैक्स छूट क्लेम कर सकते है।
होम लोन के प्रिंसिपल पार्ट के पेमेंट की टैक्स छूट के साथ में आप हाउस प्रॉपर्टी के सम्बन्ध में स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन चार्जेज और अन्य खर्चो की भी सेक्शन 80C में छूट क्लेम कर सकते है है। इन खर्चो की छूट सिर्फ उसी वर्ष में दी जाती है, जिसमे ये खर्चे हुए थे।
ध्यान रखे , जिस हाउस प्रॉपर्टी के सम्बन्ध में आपने सेक्शन 80C में छूट ली थी , अगर उस हाउस प्रॉपर्टी को 5 वर्ष के भीतर बेचा जाता है तो प्रिंसिपल पार्ट की जितनी छूट आपने सेक्शन 80C में अब तक क्लेम की है, वह छूट आपकी इनकम मानी जाएगी और उस पर आपको अब टैक्स देना होगा।
यह इनकम उस वर्ष में मानी जाएगी जिसमे आपने अपनी हाउस प्रॉपर्टी को बेचा था।
जैसे – आपने दिसंबर 2023 में होम लोन लेकर एक घर ख़रीदा। इस घर को आपने 3 वर्ष के बाद 2026 में बेच दिया। इन तीन वर्षो (2023 से 2026) में आपने करीब 3 लाख की टैक्स छूट सेक्शन 80C में क्लेम की थी।
तो 2026 में इस 3 लाख की राशि को आपकी इनकम माना जायेगा और इस पर टैक्स लगाया जायेगा।
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होम लोन के इंटरेस्ट की डिडक्शन
होम लोन के इंटरेस्ट के पार्ट की छूट आपको अलग से सेक्शन 24 में क्लेम करनी होती है । यह हाउस प्रॉपर्टी की इनकम से की जाने वाली डिडक्शन होती है।
आपने जिस हाउस प्रॉपर्टी के लिए होम लोन लिया है, उस प्रॉपर्टी को चाहे आपके द्वारा रेंट पर चलाया जाये या अपने रहने के काम (निवास स्थान के रूप में) में लिया जाये , आप सेक्शन 24 में इसके होम लोन के ब्याज की छूट क्लेम कर सकते है।
जैसे – इनकम टैक्स एक्ट के रूल्स के अनुसार अगर आप हाउस प्रॉपर्टी को अपने निवास स्थान के रूप में काम लेते है, तो इस हाउस प्रॉपर्टी की रेंट वैल्यू को इनकम टैक्स रिटर्न में जीरो माना जाता है।
जब आप इस प्रॉपर्टी के ऊपर लिए गए होम लोन पर ब्याज (2 लाख ) का भुगतान करते है, तो वह इसकी रेंट वैल्यू जो कि जीरो है, से घटायी (माइनस ) जाती है। जिसकी वजह से नेगेटिव राशि आ जाती है। यानि कि 2 लाख का लॉस।
इस 2 लाख को आप अपनी किसी भी दूसरी इनकम से सेट ऑफ कर सकते है और अगर कोई दूसरी इनकम नहीं है, तो आप इस लॉस को आगे के वर्षो में कैरी फॉरवर्ड कर सकते है। ताकि जब भी आपकी कोई दूसरी इनकम हो, आप उसे इस लॉस से सेट ऑफ कर सके।
ध्यान रखे, यदि हाउस प्रॉपर्टी आपके निवास स्थान के रूप में उपयोग की जाती है, तो आप अधिकतम 2 लाख तक के इंटरेस्ट की ही छूट क्लेम कर सकते है, चाहे आपने ज्यादा इंटरेस्ट का भुगतान किया हो।
लेकिन, अगर आप इस हाउस प्रॉपर्टी को किराये पर चलाते है तो अधिकतम कितनी भी छूट ली जा सकती है, इसकी कोई भी लिमिट नहीं है।
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होम लोन के ब्याज की छूट कब ली जा सकती है ?
होम लोन के ब्याज की छूट आपको accrual basis पर दी जाती है न कि payment basis पर।
इसका मतलब यह हुआ कि 1 वर्ष में जितना इंटरेस्ट due हो गया उसकी डिडक्शन दी जायेगी, भले ही पेमेंट कम या ज्यादा किया गया हो।
जैसे – 2 लाख के ब्याज का आपको पेमेंट करना था, लेकिन आपने सिर्फ एक लाख के ब्याज का ही पेमेंट किया, तो इस केस में पुरे 2 लाख के ब्याज की सेक्शन 24 में डिडक्शन क्लेम कर सकते है।
अन्य रूल्स –
सेक्शन 24 में अधिकतम 2 लाख के इंटरेस्ट की छूट लेने के लिए यह आवश्यक है कि जिस फाइनेंसियल ईयर में हाउस प्रॉपर्टी के लिए लोन लिया गया है उस फाइनेंसियल ईयर के समाप्त होने के 5 वर्षो के भीतर हाउस प्रॉपर्टी खरीद ली जानी चाहिये या उसका कंस्ट्रक्शन कम्पलीट हो जाना चाहिये।
अगर ऐसा नहीं होता है तो आपको 2 लाख की छूट की जगह अधिकतम Rs. 30000 की छूट ही मिलेगी।
इसके अलावा यदि हाउसिंग लोन री – कंस्ट्रक्शन, रिन्यूअल या रिपेयर के लिए लिया गया है, तो भी Rs. 30000 की ही अधिकतम छूट प्राप्त होगी।
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क्या हाउस प्रॉपर्टी के कंस्ट्रक्शन पूरा होने से पहले के इंटरेस्ट की छूट प्राप्त होगी ?
यदि आपके द्वारा हाउस प्रॉपर्टी को खरीदने या Construction के लिए लोन लिया गया था और उस पर इंटरेस्ट पेयबल है, जो कि हाउस प्रॉपर्टी को खरीदने या कंस्ट्रक्शन करने के पहले के वर्षो से सम्बन्धित है, तो इस इंटरेस्ट की भी आपको छूट प्राप्त होगी।
यह छूट 5 बराबर किस्तों (इन्सटॉलमेंट ) में दी जायेगी, जो कि उस फाइनेंसियल ईयर से शुरू होगी, जब हाउस प्रॉपर्टी खरीदी गयी थी या जब कंस्ट्रक्शन पूरा हुआ था।
लेकिन लोन अगर रिपेयर, रिन्यूअल या री – कंस्ट्रक्शन के लिए लिया गया है, तो Pre-construction period के इंटरेस्ट की छूट नहीं दी जायेगी।
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जॉइंट होम लोन पर टैक्स डिडक्शन
यदि एक से अधिक लोगों के नाम से होम लोन लिया गया है तो उन सभी व्यक्तियों को होम लोन के Principal और इंटरेस्ट की छूट दी जायेगी।
यह छूट सभी को उनके प्रॉपर्टी में हिस्से के अनुपात में दी जाएगी। सभी को – एप्लिकेंट को अलग -अलग अधिकतम 1.5 लाख (प्रिंसिपल -सेक्शन 80C ) और 2 लाख (ब्याज – सेक्शन 24 ) की छूट प्राप्त होगी।
जैसे – हसबैंड और वाइफ दोनों के नाम से जॉइंट होम लोन लेने पर दोनों को छूट प्राप्त होगी।
पहली बार घर खरीदने वालो के लिए होम लोन के इंटरेस्ट की छूट | सेक्शन 80EE
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80EE में पहली बार घर खरीदने वालो के लिए अधिकतम Rs. 50000 की एडिशनल छूट की व्यवस्था की गयी थी । यह छूट सेक्शन 80C और सेक्शन 24 की छूट के अलावा दी जाएगी।
इस सेक्शन में छूट पाने के लिए आवश्यक शर्ते –
- लोन बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 को sanction किया गया होना चाहिये ।
- लोन की राशि 35 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- घर की वैल्यू 50 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- इंडिविजुअल के पास लोन sanction की date को अन्य कोई घर नहीं हो।
- डिडक्शन असेसमेंट ईयर 2017-18 और आगे के वर्षो में दी जायेगी।
सेक्शन 80EEA | home loan tax benefit in hindi
बजट 2019 में सेक्शन 80EEA लाया गया, यह सेक्शन भी पहली बार घर खरीदने वाले लोगों के लिए इनकम टैक्स छूट प्रदान करता है। इस सेक्शन में छूट लेने के लिए भी कुछ कंडीशन का पूरा होना जरुरी था।
ये कंडीशंस है –
- होम लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 तक लिया जाना चाहिए, और
- घर की वैल्यू 45,00,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिये, और
- घर खरीदने वाला फर्स्ट टाइम buyer होना चाहिए।
अगर ये सभी कंडीशंस पूरी होती है, तो इस सेक्शन में इंटरेस्ट पार्ट की अधिकतम 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट दी जायेगी।
हालाँकि बजट 2020 में एक नयी स्लैब रेट प्रस्तावित की गयी है, जो कि ऑप्शनल है। अगर आप नई स्लैब रेट से टैक्स देने का चुनाव करते है, तो आपको होम लोन के इंटरेस्ट और प्रिंसिपल पार्ट की छूट नहीं दी जायेगी।
यानि कि नई स्लैब रेट से टैक्स देने का चुनाव करने पर आपको सेक्शन 80 सी, सेक्शन 24 और सेक्शन 80EEA में होम लोन की टैक्स में छूट नहीं दी जाएगी।
अगर आपको होम लोन के टैक्स बेनिफिट के बारे में हमारी जानकारी अच्छी लगी हो तो इस आर्टिकल को आगे शेयर जरूर करे।
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ek govt.employee apni patni k naam se 2013 me home loan 12 lac liya, fir 2016 me apne naam se 7 lac home loan liya to kya woh dono home loan me deposit principal amount aur intrest ka labh apne salary me le sakta hai.
सिर्फ आपके नाम से जो होम लोन है उसी की आपको छूट मिलेगी। आपकी वाइफ के नाम से लोन की आपको छूट नहीं मिलेगी, लेकिन अगर आपने जोइंट होम लोन लिया है, तो इसकी आप दोनों को छूट मिल सकती है।
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