income from house property in hindi – अधिकतर लोग आज के समय में अपनी हाउस प्रॉपर्टी को किराये पर देकर भी इनकम कमा रहे है। लेकिन अपनी प्रॉपर्टी से कमाई गयी किराये की इनकम पर भी टैक्स लगाया जाता है और इसे आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना अनिवार्य होता है।
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार एक पर्सन के पास इनकम कमाने के 5 head होते है और उनमे से एक हेड होता है income from house property का।
आज के आर्टिकल (income from house property in hindi) में हम हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम के Taxation और अन्य प्रावधानों के सम्बन्ध में चर्चा करेंगे।
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Table of Contents
इनकम टैक्स के हिसाब से हाउस प्रॉपर्टी क्या होती है ? Definition of house property for income tax purpose –
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार कोई भी बिल्डिंग या जमीन जो कि उस बिल्डिंग से जुडी हुई है, को हाउस प्रॉपर्टी माना जायेगा।
यानि कि अगर आप अपने घर, ऑफिस, दुकान या पार्किंग स्पेस को किराये पर देते है तो आपकी यह किराये की इनकम टैक्सेबल होगी और इस किराये की इनकम को आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में income from house property हेड में दिखाना होगा ।
लेकिन, अगर आपने कोई खाली जमीन या प्लाट को किराये पर दे रखा है तो यह इनकम आपकी income tax return में अन्य स्रोतों से आय (income from other source ) के अंतर्गत दिखाई जाएगी।
हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम किसके हाथों में टैक्सेबल होगी ?
House property से होने वाली इनकम उसके owner के हाथों में टैक्सेबल होगी। लेकिन यहाँ सवाल यह है कि house property का मालिक इनकम टैक्स के हिसाब से किसे माना जायेगा।
इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से हाउस प्रॉपर्टी के माने गए स्वामी ( owners ) –
- यदि कोई इंडिविजुअल अपनी किसी हाउस प्रॉपर्टी को अपने जीवन साथी या अपने माइनर चाइल्ड ( मैरिड डॉटर को छोड़कर ) को बिना किसी प्रतिफल के ट्रांसफर करता है, तो इस केस में वह इंडिविजुअल इनकम टैक्स लगाने के purpose से उस house प्रॉपर्टी का मालिक समझा जायेगा,
- किसी impartible estate का होल्डर,
- को -ऑपरेटिव सोसाइटी, कंपनी या अन्य एसोसिएशन ऑफ़ पर्सन (AOP ) का मेंबर जिसे जिसे कोई बिल्डिंग या उसका कोई भाग allot या लीज पर दिया गया है। यहाँ वह मेंबर owner माना जायेगा,
- power of attorney या 12 वर्ष से अधिक समय के लिए किसी प्रॉपर्टी को लीज पर दिया गया है , तो ऐसा पर्सन उस प्रॉपर्टी का इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से मालिक समझा जायेगा।
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किराये पर दी गयी हाउस प्रॉपर्टी की इनकम कैसे कैलकुलेट की जायेगी ?
किसी भी हाउस प्रॉपर्टी के owner पता लगाने के बाद उस owner को अपनी हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली किराये की इनकम की इनकम टैक्स के हिसाब से कैलकुलेशन करनी चाहिए।
calculation of income from a let out house property –
Gross annual value | *** |
Less : Municipal taxes | *** |
Net annual value | *** |
Less : Deduction under section 24 | |
1. Standard Deduction | *** |
2. Interest on borrowed capital | *** |
Income from house property | *** |
इस तरह हाउस प्रॉपर्टी की इनकम निकालने के बाद यह इनकम इंडिविजुअल की total income में जोड़ दी जाती है। जहाँ इस पर इनकम टैक्स की स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगाया जायेगा।
हाउस प्रॉपर्टी से इनकम में से किस प्रकार की इनकम टैक्स डिडक्शन दी जाती है ? deduction under section 24 –
House Property की gross annual value निकालने के बाद उसमे से municipal टैक्स का भुगतान करने के बाद इनकम टैक्स डिडक्शन की छूट दी जाती है।
सेक्शन 24 में house प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम से दी जाने वाली deduction के बारे में बताया गया है।
हाउस प्रॉपर्टी इनकम से मिलने वाली डिडक्शन है –
- Standard Deduction – house property की net annual value का 30 % ,
- Interest on borrowed capital – किसी house property के purchase, construction, repair, renewal या reconstruction के लिए लिए गए लोन के इंटरेस्ट की छूट।
नोट :
- हाउस प्रॉपर्टी के insurance, ग्राउंड रेंट, land revenue, रिपेयर्स, कलेक्शन चार्जेज, electricity, water supply,लिफ्टमैन सैलरी या किसी अन्य खर्चे की कोई डिडक्शन नहीं दी जाएगी।
- लोन के इंटरेस्ट की छूट accrual basis पर दी जाएगी। यानि कि इंटरेस्ट का भुगतान नहीं किया तो भी छूट दी जायेगी।
- Loan को प्राप्त करने के लिए दिए गए कमीशन या ब्रोकरेज की कोई छूट नहीं दी जायेगी।
- होम लोन को चुकाने के लिए लिये गए नये लोन के इंटरेस्ट की भी छूट दी जायेगी।
होम लोन के इंटरेस्ट की अधिकतम कितनी छूट दी जायेगी ?
इनकम टैक्स एक्ट में हाउस प्रॉपर्टी की इनकम में से होम लोन के इंटरेस्ट की अधिकतम छूट 2 तरह की बताई है – (1 ) 200000 (2 ) 30000 .
2 लाख की अधिकतम छूट तब दी जायेगी जब नीचे दी गयी शर्ते पूरी होंगी –
- होम लोन 1 अप्रैल 1999 के बाद लिया गया हो,
- यह लोन प्रॉपर्टी खरीदने या प्रॉपर्टी के कंस्ट्रक्शन के सम्बन्ध में होना चाहिये,
- प्रॉपर्टी की खरीद या कंस्ट्रक्शन लोन लेने वाले फाइनेंसियल ईयर के समाप्त होने के 5 वर्ष के भीतर समाप्त होना चाहिये,
- लोन लेने वाला पर्सन लोन पर भुगतान किये जाने वाले इंटरेस्ट को certify कर सके।
अगर यह 4 शर्ते पूरी होती है तो होम लोन के इंटरेस्ट की अधिकतम 2 लाख तक की छूट ली जा सकती है। और यदि जॉइंट होम लोन लिया गया है तो 2 लाख की अधिकतम छूट प्रति व्यक्ति प्राप्त होगी।
नोट – अगर हाउस प्रॉपर्टी किराये पर दी गयी है तो पुरे होम लोन के इंटरेस्ट की छूट ली जा सकती है, लेकिन हाउस प्रॉपर्टी खुद के रहने के काम आ रही है, तो अधिकतम 2 लाख के होम लोन इंटरेस्ट की छूट क्लेम की जा सकती है।
अगर ऊपर बतायी गयी शर्ते पूरी नहीं होती तो होम लोन के इंटरेस्ट की अधिकतम 30 हजार की छूट ही दी जायेगी।
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खुद के रहने के काम में आने वाली house property की इनकम कैसे कैलकुलेट की जायेगी ?
किसी भी house property की इनकम की कैलकुलेशन निकालने से पहले उसकी पूरे वर्ष के लिये gross annual value निकाली जाती है।
ऐसी हाउस प्रॉपर्टी जो कि किसी व्यक्ति द्वारा खुद के रहने के काम में ली जा रही है उसे इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से self occupied property कहा जाता है। और इन self occupied property की gross annual value हमेशा nil समझी जाती है।
लेकिन कोई भी हाउस प्रॉपर्टी self occupied property तब समझी जायेगी जब वह 2 कंडीशन पूरी करे –
- उस प्रॉपर्टी के किसी भी भाग को उस वर्ष में किसी भी समय किराये पर नहीं दिया गया हो, और
- वह व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी से किसी भी तरह के कोई बेनिफिट प्राप्त नहीं कर वह हो।
अगर यह दोनों कंडीशन पूरी हो रही है तो वह प्रॉपर्टी self occupied property मानी जायेगी और उसकी gross annual value nil समझी जायेगी।
इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति किसी कारण से अपनी प्रॉपर्टी में नहीं रह पा रहा हो तो वह प्रॉपर्टी भी self occupied house प्रॉपर्टी मानी जायेगी, यदि कुछ कंडीशन पूरी होती है –
- वह व्यक्ति अपनी नौकरी या बिज़नेस या प्रोफेशन के किसी अन्य जगह होने की वजह से उसे काम में नहीं ले पा रहा हो ,
- जिस जगह पर वह रह रहा है वहां उसके पास खुद की हाउस प्रॉपर्टी नहीं होनी चाहिये,
- अपनी प्रॉपर्टी को पूरे वर्ष में किसी भी समय किराये पर नहीं दी हो,
- किसी भी तरह के अन्य बेनिफिट उस प्रॉपर्टी से प्राप्त नहीं हो रहे हो।
अगर ये कंडीशन पूरी नहीं होती तो वह प्रॉपर्टी let out प्रॉपर्टी मानी जायेगी।
computation of income of self occupied house property –
Gross annual value | Nil |
Less : Municipal taxes | Nil |
Net annual value | Nil |
Less : Deduction under section 24 | |
1. Standard Deduction | Nil |
2. Interest on borrowed capital | Amount |
Income from house property | *** |
इस तरह यदि कोई होम लोन इंटरेस्ट है तो self occupied house property में हमेशा loss आएगा। इस loss को आप अन्य प्रॉफिट से सेट ऑफ कर सकते है।
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धन्यवाद !
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