income tax changes for ay 2022-23 | 1 अप्रैल 2022 से बदल जायेंगे इनकम टैक्स के ये 5 नियम

0
684
income tax changes for ay 2022-23

income tax changes for ay 2022-23 – 1 अप्रैल 2022 से नया फाइनेंसियल ईयर शुरू हो गया है और इनकम टैक्स एक्ट में होने वाले कई बदलाव भी लागू हो गए है ।

इनकम टैक्स के नए रूल्स और पुराने रूल्स में बदलाव एक आम आदमी को प्रभावित करेंगे या नही, इसके लिए हमे इन बदलावों को जानने और समझने की जरूरत है ।

आज के आर्टिकल (income tax changes for ay 2022-23) में हम इनकम टैक्स के 5 ऐसे बदलावों के बारे में जानेंगे, जो कि 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे ।

क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजेक्शनों पर इनकम टैक्स | tax on crypto currency  

बजट 2022 में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी से होने वाली इनकम को लॉटरी, गेम्स आदि से होने वाली इनकम की श्रेणी में मानकर 30 % की रेट से टैक्स लगाने की घोषणा की ।

अब वर्चुअल डिजिटल असेट्स ( क्रिप्टो करेंसी, NFT ) आदि से होने वाली इनकम पर 30 % की रेट से टैक्स लगाया जाएगा । साथ ही इस तरह की इनकम से आप किसी भी तरह के खर्चे, डिडक्शन या अलाउंस को भी क्लेम नही कर पाएंगे ।

वर्चुअल डिजिटल असेट्स से होने वाली इनकम पर आप स्लैब रेट का बेनिफिट भी नहीं ले सकते है । इसके अलावा अगर आप किसी से गिफ्ट में भी क्रिप्टो करेंसी प्राप्त कर रहे है, तो यह ट्रांजेक्शन भी इनकम टैक्स के दायरे में आएगा ।

क्रिप्टो करेंसी से होने वाले नुकसान (LOSSES) को आप किसी भी इनकम से सेट ऑफ नही कर सकते है । 

साथ ही अगर आप क्रिप्टो करेंसी के इंफ्रास्ट्रक्चर की माइनिंग से जुड़े कोई खर्चे करते है, तो इन खर्चों की भी आप टैक्स डिडक्शन क्लेम नही कर सकते है ।

यह भी देखे –

आईटीआर में होने वाली गलती को सुधारा जा सकेगा (income tax changes for ay 2022-23) – 

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में होने वाली गलती को सुधारने के लिए आप अपनी रिटर्न को revise कर सकते है, लेकिन रिटर्न को revise करने की एक टाइम लिमिट होती है । इस टाइम लिमिट के बाद आप अपनी रिटर्न में हुई गलती को नही सुधार सकते है ।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए इनकम टैक्स में अपडेटेड आईटीआर का कांसेप्ट लाया गया । अपडेटेड आईटीआर में आप संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति के 2 वर्ष तक अपडेटेड आईटीआर फ़ाइल कर सकते है ।

हालांकि, अपडेटेड आईटीआर आप उसी केस में फ़ाइल कर सकते है, जब आप किसी इनकम को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट करना भूल गए है और इसकी वजह से आपकी एडिशनल टैक्स लायबिलिटी बन रही है ।

सिर्फ losses या डिडक्शन को क्लेम करने के लिए ही आप अपडेटेड आईटीआर फाइलिंग का विकल्प नही अपना सकते है । इसके अलावा अपडेटेड आईटीआर में आपकी एडिशनल टैक्स लायबिलिटी पर आपको अतिरिक्त ब्याज का भुगतान भी करना पड़ेगा ।

अपडेटेड आईटीआर को फ़ाइल करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अगर आपके एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट में कोई ऐसी इनकम आ रही है, जिसको आपने अपनी रिटर्न में शामिल नहीं किया है, तो अपडेटेड आईटीआर में इसे शामिल करके आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इन्क्वायरी से बच सकते है ।

ध्यान रखे अपडेटेड आईटीआर फ़ाइल नही कर सकेंगे अगर इसमे रिफंड जनरेट हो रहा हो या आपकी टैक्स लायबिलिटी में कमी आ रही हो ।

यह भी देखे –

एम्प्लोयी प्रोविडेंट फण्ड के ब्याज पर टैक्स।  tax on provident fund interest 

अभी तक एम्प्लोयी प्रोविडेंट फण्ड (EPF) से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री होता था, लेकिन ईपीएफ से मिलने वाले फिक्स्ड और टैक्स फ्री ब्याज ने कई बड़े इन्वेस्टर का ध्यान ईपीएफ इन्वेस्टमेंट की तरफ खींचा, जिसकी वजह से गवर्नमेंट के टैक्स कलेक्शन में भी कमी आयी ।

ईपीएफ में इन्वेस्टमेंट का फायदा सिर्फ एक आम आदमी को मिले, इसके लिए सरकार ने इससे मिलने वाले ब्याज के टैक्सेशन रूल्स में बदलाव कर दिया । 

इन रूल्स के अनुसार अगर एक फाइनेंसियल ईयर में आपका ईपीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन 2 लाख 50 हजार से ज्यादा का होता है, तो 2 लाख 50 हजार से ऊपर के कॉन्ट्रिब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होगा ।

जैसे – आपने एक फाइनेंसियल ईयर में 3 लाख का ईपीएफ में कॉन्ट्रिब्यूशन किया, तो इस केस में 2,50,000 तक के कॉन्ट्रिब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होगा और बैलेंस 50,000 (3 लाख – 2.50 लाख ) पर प्राप्त ब्याज टैक्सेबल होगा ।

ध्यान रहे अगर आपके ईपीएफ में एम्प्लायर का कॉन्ट्रिब्यूशन नही है, तो आपके लिए एम्प्लोयी प्रोविडेंट फण्ड में कॉन्ट्रिब्यूशन की लिमिट 5 लाख की होगी ।

फर्स्ट टाइम घर खरीदने पर नही मिलेगी एडिशनल टैक्स डिडक्शन 

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80EEA में ऐसे पर्सन को टैक्स डिडक्शन दी जाती थी, जो कि पहली बार घर खरीद रहे है। लेकिन, यह डिडक्शन उन्ही लोगों को दी जाएगी, जिन्होंने घर खरीदने के लिए लोन 31 मार्च 2022 तक लिया है ।

31 मार्च 2022 के बाद होम लोन लेने पर टैक्सपेयर्स को सेक्शन 80EEA में 1.50 लाख की एडिशनल टैक्स डिडक्शन प्राप्त नही होगी ।

ध्यान रहे 31 मार्च 2022 के बाद भी टैक्सपेयर द्वारा होम लोन लेने पर सेक्शन 80C और सेक्शन 24 में होम लोन के ब्याज और प्रिंसिपल के भुगतान की छूट मिलती रहेगी ।

यह भी देखे –

कोविड -19 के ट्रीटमेंट पर मिले खर्चो पर टैक्स रिलीफ (income tax changes for ay 2022-23)

कोरोना के ट्रीटमेंट के लिए अगर किसी टैक्सपेयर को कोई राशि प्राप्त होती है, तो यह राशि टैक्स फ्री होगी। कोरोना के ट्रीटमेंट के लिए यह राशि टैक्सपेयर को खुद के या फैमिली मेंबर्स के लिए प्राप्त हो सकती है ।

इसके अलावा अगर किसी पर्सन की कोविड – 19 की वजह से मृत्यु हो जाती है और उस पर्सन की फैमिली मेंबर्स को उसके एम्प्लायर या किसी अन्य पर्सन से कोई राशि प्राप्त होती है, तो यह राशि भी टैक्स फ्री होगी ।

लेकिन, ध्यान रखे फैमिली मेंबर्स को प्राप्त राशि तभी टैक्स फ्री होगी जब यह टैक्सपेयर की मृत्यु के 1 वर्ष के भीतर प्राप्त हो और यह राशि 10 लाख तक की हो । 10 लाख से ज्यादा का पार्ट टैक्सेबल होगा ।

 

अगर आपको आर्टिकल (income tax changes for ay 2022-23) अच्छा लगा हो तो इसे आगे शेयर जरूर करे।

 

यह  भी देखे –

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here