income tax deduction other than 80 c in hindi- आज के समय में सरकार द्वारा ऐसी काफी योजनायें बनायीं जाती है, जिनमे इन्वेस्ट करके टैक्सपेयर द्वारा अपना टैक्स बचाया जा सकता है। इसके अलावा टैक्सपेयर को होने वाले कई बेसिक खर्चो की भी टैक्स में डिडक्शन दी जाती है।
हालाँकि, इनमे से अधिकतर डिडक्शन सेक्शन 80C में क्लेम की जाती है, लेकिन सेक्शन 80C के अलावा भी काफी ऐसी डिडक्शन्स होती है, जिनमे आपके द्वारा टैक्स डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।
आज के आर्टिकल में हम सेक्शन 80C के अलावा मिलने वाली डिडक्शन पर चर्चा करेंगे। ये सभी डिडक्शन 80C की 1 लाख 50 हजार की लिमिट के अलावा प्राप्त होगी।
Table of Contents
सेक्शन 80 सी के अलावा इनकम टैक्स छूट – income tax deduction other than section 80 c in hindi
सेक्शन 80 E – deduction of higher education interest
एक Individual (व्यक्ति ) द्वारा Higher एजुकेशन पर लिए गए लोन के ब्याज की सेक्शन 80E में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है। इस सेक्शन में सिर्फ इंडिविजुअल को ही डिडक्शन प्राप्त होती है, किसी कंपनी, फर्म या HUF को नहीं।
यहाँ Higher एजुकेशन से मतलब सीनियर सेकेंडरी एग्जामिनेशन को पास करने के बाद आगे की पढाई करने से है। यदि आगे की पढाई भारत के बाहर भी की गयी है तो भी सेक्शन 80E में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।
आपके द्वारा Higher एजुकेशन के लिए लोन अपने स्वयं या जीवनसाथी या अपने बच्चो के लिए लिया जा सकता है। लेकिन इस सेक्शन में डिडक्शन लेने के लिए यह अनिवार्य है कि लोन सिर्फ बैंक, या Notified फाइनेंसियल इंस्टीटूशन या अप्रूवड चैरिटेबल इंस्टीटूशन से लिया गया हो।
इस सेक्शन में अधिकतम छूट लेने की कोई सीमा नहीं है। यानि एक फाइनेंसियल ईयर में हायर एजुकेशन पर लिए गए लोन पर चुकाए गए पूरे ब्याज की छूट प्राप्त होगी, लेकिन लोन के प्रिंसिपल पार्ट की कोई छूट नहीं दी जाएगी।
सेक्शन 80E में डिडक्शन क्लेम करने के लिए बैंक से लोन सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा, जिसमे इंटरेस्ट और प्रिंसिपल पार्ट को अलग – अलग दिखाया गया होता है।
हायर एजुकेशन पर लिए गए लोन पर चुकाए गए ब्याज की अधिकतम 8 वर्ष या जब तक पूरे ब्याज का भुगतान नहीं कर दिया जाता, जो भी पहले हो डिडक्शन ली जा सकती है। जैसे – अगर आपने असेसमेंट ईयर 2021-22 में डिडक्शन ली है, तो आगे 7 वर्षो तक चुकाए जाने वाले ब्याज की छूट ले सकते है।
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सेक्शन 80EEA – deduction of home loan interest
बजट 2019 में इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन 80EEA जोड़ा गया। इस सेक्शन में नए घर खरीदने वालो को 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट देने की घोषणा की गयी है।
इसके लिए कुछ कंडीशन पूरी होनी जरुरी है, जैसे –
- घर की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 45 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए,
- 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 तक लोन सैंक्शन होना चाहिए,
- लोन लेने वाला व्यक्ति फर्स्ट टाइम buyer होना चाहिए।
यदि ये तीनो कंडीशन पूरी होती है , तो सेक्शन 80EEA में 1.5 लाख की छूट ली जा सकती है।
बजट 2019 के बाद एक व्यक्ति होम लोन इंटरेस्ट की कुल 3.5 लाख की छूट ले सकता है। सेक्शन 24B में 2 लाख और सेक्शन 80EEA में 1.5 लाख की इनकम टैक्स छूट ली जा सकती है।
सेक्शन 80EEB – इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल के खरीद पर छूट
budget 2019 में इनकम टैक्स एक्ट 1961 में एक और नया सेक्शन जोड़ा गया, जिसका नाम है सेक्शन 80EEB .
इस सेक्शन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लोन लेता है, तो उस लोन के ब्याज की उसे छूट प्राप्त होगी।
section 80EEB में अधिकतम 1.5 लाख तक की छूट प्राप्त की जा सकती है, लेकिन उसके लिए कुछ कंडीशन पूरी होनी जरुरी है, जैसे –
- सेक्शन 80eeb में डिडक्शन सिर्फ इंडिविजुअल को ही दी जाएगी, कोई भी कंपनी, फर्म, AOP या BOI इसमें छूट का दावा नहीं कर सकते।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 तक लिया गया होना चाहिए।
- यह लोन सिर्फ फाइनेंसियल इंस्टीटूशन या NBFC से ही लिया जाना चाहिए।
अगर ये कंडीशन पूरी होती है तो आप सेक्शन 80eeb में 1.5 लाख की छूट ले सकते है।
सेक्शन 80 G – डोनेशन
सेक्शन 80 G में कुछ निर्धारित फण्ड या चैरिटेबल इंस्टीटूशन को दिये गए डोनेशन की छूट दी जाती है। यानि की अगर आपने निर्धारित फण्ड या चैरिटेबल इंस्टीटूशन को कुछ राशि दान में दी है, तो इस राशि की आप सेक्शन 80G में छूट क्लेम कर सकते है और अपना टैक्स बचा सकते है।
80G में कोई भी टैक्सपेयर छूट ले सकता है, जैसे – इंडिविजुअल, फर्म या कंपनी या कोई भी अन्य पर्सन चाहे वह रेजिडेंट हो या Non रेजिडेंट। इस सेक्शन में डिडक्शन क्लेम करने के लिए आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में Donee का नाम, पता, पैन कार्ड नंबर और जितनी राशि दान में दी है , की जानकारी देनी पड़ती है।
इस सेक्शन में छूट लेने के लिए आवश्यक यह है कि Cash में दिया गया डोनेशन Rs. 2,000 से ज्यादा नहीं होना चाहिये। यदि Rs. 2000 से ज्यादा का Donation Cash में दिया गया है, तो इसकी आपको छूट प्राप्त नहीं होगी। इसलिए अगर आप दो हजार से ज्यादा का दान दे रहे है तो वह Cash के अलावा अन्य किसी mode में होना चाहिये।
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सेक्शन 80 GG – भुगतान किए गए किराये की इनकम टैक्स डिडक्शन
यदि आप एक बिज़नेस पर्सन है या ऐसे Salaried employee है जिनको HRA प्राप्त नहीं होता है, और अपने रहने के लिए किसी furnished या unfurnished घर के लिए किराये का भुगतान करते है, तो आप दिये गए किराये कि राशि की इस सेक्शन में छूट प्राप्त कर सकते है।
इस सेक्शन में आपको छूट प्राप्त नहीं होगी, यदि
- आपके पास या आपके जीवनसाथी या माइनर चाइल्ड या HUF जिसके आप मेंबर है के पास उस जगह पर रेजिडेंशियल accommodation है जहाँ आप काम करते है या बिज़नेस & प्रोफेशन करते है।
- यदि आपके पास या आपके जीवनसाथी या माइनर चाइल्ड या HUF जिसके आप मेंबर है के पास रेजिडेंशियल accommodation उस जगह पर न होकर किसी अन्य लोकेशन पर है और आप उस घर की हाउस प्रॉपर्टी से इनकम दिखाते हुए concession क्लेम ( होम लोन इंटरेस्ट ) करते है, तो आपको सेक्शन 80 GG में छूट नहीं मिलेगी।
Amount of Deduction – निम् में सबसे कम अमाउंट की इस सेक्शन में डिडक्शन प्राप्त होगी –
- Rs. 5000 Per month
- 25% of total income
- वास्तव में चुकाया गया किराया – 10 % of total income
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Section 80 QQB – deduction on रॉयल्टी (income tax deduction other than 80 c in hindi)
अगर आप एक लेखक है और आपको कोई रॉयल्टी से इनकम हो रही है, तो आप इस सेक्शन में डिडक्शन क्लेम कर सकते है। इस सेक्शन में आप 3 लाख या रॉयल्टी इनकम जो भी कम है की डिडक्शन प्राप्त कर सकते है।
डिडक्शन प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्ते :
- इस सेक्शन में सिर्फ Individual जो कि रेजिडेंट है, को ही छूट दी जायेगी।
- इंडिविजुअल किसी Book का लेखक (Author ) या सयुंक्त लेखक ( Joint author ) होना चाहिये।
- जिस book का वह author या joint author है वह Literary, artistic, या scientific nature की ही होनी चाहिये।
- Book में brochures, commentaries, guides, journals, magazines, newspapers, pamphlets, text book for schools, tracts & अन्य समान नेचर की पब्लिकेशन को शामिल नहीं किया गया है।
- इंडिविजुअल की Gross total income में रॉयल्टी की इनकम शामिल होनी चाहिए।
- यदि रॉयल्टी भारत के बाहर प्राप्त की जा रही है तो डिडक्शन प्राप्त करने के लिए जरुरी है कि रॉयल्टी की राशि फाइनेंसियल ईयर समाप्त होने के 6 महीने के भीतर या RBI या निर्धारित authority के द्वारा निश्चित की गयी समय सीमा के भीतर भारत लायी जाये।
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Section 80 TTA – सेविंग इंटरेस्ट की इनकम टैक्स छूट
अधिकतर लोग सेविंग अकाउंट में कमाए गए ब्याज की राशि को इनकम टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट नहीं करते, जो कि गलत है। सेविंग अकाउंट में कमाया गया ब्याज अन्य स्रोत्तों से आय में करयोग्य होता है।
लेकिन सेक्शन 80 TTA में सेविंग बैंक अकाउंट के ब्याज की डिडक्शन ली जा सकती है। इस सेक्शन में Rs. 10000 या ब्याज की राशि, जो भी कम है की छूट ली जा सकती है।
सेविंग अकाउंट किसी बैंक, co- ऑपरेटिव सोसाइटी (जो कि बैंकिंग के बिज़नेस में लगी हो) या पोस्ट ऑफिस में हो सकता है।
section 80TTB – बैंक और पोस्ट ऑफिस की जमा पर ब्याज की इनकम टैक्स छूट
बजट 2018 में सीनियर सिटीजन को टैक्स में राहत देने के लिए सेक्शन 80TTB लाया गया।
सेक्शन 80TTB के अनुसार ऐसा व्यक्ति जो कि 60 वर्ष या 60 वर्ष से अधिक का है, वह अपने सेविंग बैंक इंटरेस्ट या फिक्स्ड डिपाजिट के ब्याज या पोस्ट ऑफिस में जमा पर ब्याज की छूट ले सकता है। यह छूट फाइनेंसियल ईयर 2018 -19 से ली जा सकती है।
section 80TTB में Rs. 50,000 या ब्याज की राशि, जो भी कम हो की छूट ली जा सकती है।
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I am Accountant or other salary person. So i should be itr 4 or 3 explain this matter sir