income tax new rules – बजट 2021 में निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स एक्ट में काफी कुछ बदलाव किये थे, चाहे वो यूलिप के टैक्सेशन को लेकर हो या सीनियर सिटीजन को आईटीआर फाइलिंग से मुक्ति को लेकर। इन बदलावों से एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर पर काफी तरह के प्रभाव पड़ते है।
हालाँकि, बजट 2021 में इनकम टैक्स एक्ट में काफी बदलावों के बारे में बताया गया था, लेकिन आज हम उन बदलावों में सिर्फ 5 बदलावों के बारे में चर्चा करेंगे। एक इंडिविजुअल को इन 5 रूल्स के बारे में जरूर पता होना चाहिए , ताकि वह भी अपनी टैक्स प्लानिंग कर सके।
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ULIP TAXATION RULES
लाइफ इंश्योरेंस पालिसी के तहत मिलने वाली राशि सेक्शन 10(10D) में टैक्स से exempt होती है, अगर कुछ शर्तें पूरी होती है तो ।
यही रूल्स ULIP से मिलने वाली राशि पर भी लागू होते है ।
लेकिन, 1 फरवरी 2021 को पेश किए गए बजट में कुछ ULIP को टैक्स के दायरे में लाया गया । \इस बजट के अनुसार 1 फरवरी 2021 को जारी की गई यूलिप से मिलने वाली राशि टैक्सेबल होगी, अगर यूलिप के टाइम पीरियड में एक वर्ष में दिया गया प्रीमियम 2 लाख 50 हजार से ज्यादा का है ।
अगर टैक्सपेयर ने एक से ज्यादा यूलिप ले रखी है, तो भी इनसे मिलने वाली राशि टैक्सेबल होगी, अगर इन सबका एक वर्ष में पेमेंट किये जाने वाला कुल प्रीमियम 2 लाख 50 हजार से ज्यादा का होता है ।
लेकिन, इस रूल का एक अपवाद है । जिसके अनुसार यूलिप का प्रीमियम 2 लाख 50 हजार से ज्यादा का होने पर भी यूलिप से मिलने वाली राशि टैक्स फ्री होगी, अगर यह ULIP होल्डर की मृत्यु पर उसके फैमिली मेंबर्स को प्राप्त होती है ।
यूलिप क्या होती है ?
यूलिप ऐसी पॉलिसीज है, जिसमे इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस दोनों कंपोनेंट होते है और यह IRDA (ULIP) रेगुलेशन 2019 के तहत होती है ।
यह भी देखे – जीवन बीमा पॉलिसीज पर प्राप्त टैक्स छूट। जीवन बीमा का टैक्स ट्रीटमेंट। Life insurance policy maturity tax in hindi
सीनियर सिटीजन्स को आइटीआर फाइलिंग से मुक्ति –
बजट 2021 में एक नया सेक्शन 194P भी जोड़ा गया, जिसके अनुसार सीनियर सिटीज़न को आइटीआर फाइलिंग के झंझट से मुक्ति दी गयी ।
इस सेक्शन में सिर्फ 75 वर्ष से अधिक उम्र के सीनियर सिटीजन को ही शामिल किया गया है, 75 वर्ष से कम उम्र के सीनियर सिटीजन को आईटीआर फ़ाइल करना अनिवार्य होगा ।
सीनियर सिटीजन को आईटीआर फाइल नहीं करने की शर्ते –
- सीनियर सिटीजन 75 वर्ष से ज्यादा का हो
- वह भारत मे रेजिडेंट होना चाहिए ।
- Senior citizen की सिर्फ पेंशन और ब्याज की इनकम ही होनी चाहिए ।
- ब्याज की इनकम भी सिर्फ उसी बैंक से कमाई गई हो, जिसमे उसकी पेंशन आती हो ।
- सीनियर सिटीजन को बैंक में डिक्लेरेशन जमा करना होगा ।
सीनियर सिटीजन द्वारा बैंक में डिक्लेरेशन फ़ाइल करने के बाद बैंक सीनियर सिटीजन को मिलने वाली सभी डिडक्शन और exemption का ध्यान रखते हुए उसका टीडीएस काटेगा ।
यह भी देखे – जानिए, सीनियर सिटिज़न को मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स के बारे में। income tax benefits for senior citizens
टैक्स ऑडिट रूल्स
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 44AB के अनुसार किसी भी पर्सन को बिज़नेस में टैक्स ऑडिट करवाना अनिवार्य होगा, अगर उसका बिज़नेस टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा का होता है ।
बजट 2020 में इस लिमिट को बढ़ाकर 5 करोड़ किया गया , लेकिन बजट 2021 में इसे आगे और बढ़ाकर 10 करोड़ तक कर दिया गया।
लेकिन 10 करोड़ के टर्नओवर की लिमिट उसी केस में एप्लीकेबल होगी, जब जब उस पर्सन की कैश में प्राप्ति टर्नओवर के 5 % तक की ही हो और कुल खर्चो के 5 % तक का अमाउंट ही कैश में किया गया हो ।
यह भी देखे – टैक्स ऑडिट करवाना कब जरुरी है। टैक्स ऑडिट की पेनल्टी। what is tax audit section 44AB in hindi
होम लोन लेने की डेट बढ़ाई गई –
लोगों को खुद का घर लेने के लिए प्रेरित करने हेतु सरकार द्वारा लोगो को होम लोन लेने पर उसके ब्याज की 1 लाख 50 हजार की अतिरिक्त डिडक्शन शुरू की गई ।
यह डिडक्शन सेक्शन 80EEA में दी जाती है । हालांकि, यह डिडक्शन सिर्फ 31 मार्च 2021 तक लिए गए होम लोन के लिए ही दी जाएगी ।
लेकिन, सरकार ने बजट 2021 में होम लोन लेने की टाइम लिमिट 1 वर्ष और एक्सटेंड कर दी, जिसकी वजह से अब 31 मार्च 2022 तक लिए होम लोन पर चुकाए ब्याज की एडिशनल डिडक्शन प्राप्त की जा सकती है ।
यह भी देखे – होम लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स। home loan tax benefit in hindi
इनकम टैक्स नोटिस भेजने की टाइम लिमिट (income tax new rules )
अगर इनकम टैक्स ऑफिसर को किसी पर्सन की पुराने वर्षो में ऐसी कोई इनकम मिलती है, जिस पर टैक्स नही लगाया गया हो, तो टैक्स ऑफिसर उस पर्सन को इनकम टैक्स नोटिस भेज सकता है ।
इनकम टैक्स ऑफिसर द्वारा भेजा गया यह नोटिस निर्धारित टाइम लिमिट के भीतर होना चाहिए, नही तो यह नोटिस वैलिड नही होगा ।
टैक्स ऑफिसर द्वारा टैक्स नोटिस सभी पर्सन को भेजा जा सकता है, चाहे उस पर्सन ने अपनी रिटर्न फ़ाइल की हो या नही ।
टैक्स नोटिस भेजने की टाइम लिमिट –
- जिस वर्ष के लिए नोटिस भेजा जा रहा है, उससे संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति के 3 वर्ष के भीतर , जैसे – फाइनेंसियल ईयर 16 -17 का नोटिस उससे संबंधित असेसमेंट ईयर (2017-18) की समाप्ति के 3 वर्ष के भीतर ही भेजा जा सकता है । यानी कि इसके 3 वर्ष 31 मार्च 2021 को समाप्त होंगे ।
- अगर किसी टैक्सपेयर के संबंध में बुक्स ऑफ अकाउंट्स या कोई दूसरे डाक्यूमेंट्स टैक्स ऑफिसर के पास है और 50 लाख या ज्यादा की इनकम टैक्स लगने से छूट रही है, तो टैक्स ऑफिसर 10 वर्ष पुराने मामलों का नोटिस भी भेज सकता है ।
यह भी देखे – इनकम टैक्स नोटिस क्यों आते है। income tax notices in hindi
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