income tax rebate rules under section 87A in hindi– इनकम टैक्स एक्ट में छोटे टैक्सपेयर्स को टैक्स से राहत प्रदान करने के लिए एक टैक्सेबल लिमिट निर्धारित की गयी है, जिसे ” बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट ” कहा जाता है। यह टैक्सेबल लिमिट अलग – अलग उम्र के लोगों के लिए अलग – अलग होती है।
जैसे – 60 वर्ष से कम उम्र के इंडिविजुअल के लिए 2.50 लाख, 60 वर्ष से ज्यादा लेकिन 80 वर्ष से कम उम्र के इंडिविजुअल के लिए 3 लाख और 80 वर्ष से ज्यादा उम्र के इंडिविजुअल के केस में 5 लाख की एप्लीकेबल होती है।
अगर आपकी इनकम आपके ऊपर एप्लीकेबल टैक्स लिमिट से ज्यादा की हो जाती है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा।
लेकिन, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के समय आपको कितना टैक्स देना होगा या क्या टैक्स देना अनिवार्य होगा या क्या बिना इन्वेस्टमेंट के हम टैक्स बचा सकते है ?
आपके इन सभी सवालो के जवाब आपको इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 87A में देखने को मिलेंगे।
इसलिए आज के आर्टिकल में हम सेक्शन 87A क्या है और इस सेक्शन में हम कैसे अपना टैक्स बचा सकते है, के बारे में चर्चा करेंगे।
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सेक्शन 87A क्या है। income tax rebate rules under section 87A in hindi
इनकम टैक्स एक्ट 1961 का सेक्शन 87A ऐसी टैक्स रिबेट के बारे में बताता है, जो कि ऐसे करदाताओं को दी जाती है जिनकी इनकम एक निर्धारित लिमिट से कम की होती है । यह टैक्स रिबेट छोटे करदाताओं को टैक्स के बोझ से राहत प्रदान के लिए दी जाती है।
ध्यान रखिये यह एक टैक्स रिबेट है न कि टैक्स डिडक्शन। इसलिए इस टैक्स रिबेट के बाद आपका टैक्स अमाउंट कम होगा या जीरो होगा न कि आपकी टोटल इनकम।
सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट आपकी टोटल टैक्स लायबिलिटी में से दी जाती है। इस रिबेट को क्लेम करने के लिए पहले टैक्सपेयर की सभी हेड की ग्रॉस टोटल इनकम निकाली जाती है।
इसके बाद ग्रॉस टोटल इनकम से सभी एलिजिबल टैक्स डिडक्शन की छूट दी जाती है और टैक्सपेयर की नेट टैक्सेबल इनकम निकाली जाती है।
नेट टैक्सेबल इनकम निकालने के बाद इस इनकम पर आपके ऊपर एप्लीकेबल स्लैब रेट के आधार पर टैक्स निकाला जाता है। इस टैक्स अमाउंट से सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट निकाली जाती है।
सेक्शन 87A में अधिकतम Rs. 12,500 या इनकम टैक्स की राशि, दोनों में जो भी कम है, की छूट दी जायेगी।
Q – गुप्ता जी (65 वर्ष ) की टोटल इनकम 4 लाख की है। गुप्ता जी की इस इनकम पर 5000 की टैक्स लायबिलिटी आ रही है, तो उनके द्वारा नेट टैक्स पेयबल कितना होगा ?
Ans -गुप्ता जी की टैक्स लायबिलिटी 5000 की है। सेक्शन 87A में टैक्स अमाउंट या 12,500 जो भी कम हो कि टैक्स रिबेट दी जाएगी , इसलिए नेट टैक्स पेयबल होगा –
Income Tax on net income | Rs. 5000 |
Less : Rebate U/s 87A | Rs. 5000 |
Net income tax liabilities | Nil |
तो इस केस में गुप्ता जी को कुछ भी इनकम टैक्स जमा नहीं करवाना होगा। जबकि गुप्ता जी की इनकम बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट (3 लाख ) से ज्यादा की है।
नोट – सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट एजुकेशन सेस लगाने से पहले दी जाती है।
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सेक्शन 87A में इनकम टैक्स रिबेट कब दी जाती है ?
इस सेक्शन में छूट लेने से पहले ध्यान रखे कि यह छूट सिर्फ इंडिविजुअल को ही दी जाएगी, कंपनी , फर्म या LLP को सेक्शन 87A में टैक्स की रिबेट नहीं दी जायेगी।
इसके अलावा सभी इंडिविजुअल को भी यह टैक्स रिबेट नहीं दी जाएगी। सिर्फ उन्ही इंडिविजुअल को यह टैक्स रिबेट दी जाएगी, जो कि इस टैक्स रिबेट को क्लेम करने की शर्ते पूरी करते है।
सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट को क्लेम करने के लिए शर्ते –
- टैक्सपेयर भारत का सामान्य निवासी होना चाहिए, किसी भी नॉन रेजिडेंट को यह टैक्स रिबेट नहीं दी जायेगी ;
- टैक्सपेयर की टोटल इनकम 5 लाख (नई टैक्स रिजीम में 7 लाख ) से ज्यादा नहीं होनी चाहिये।
Gross Total Income *** Less : Tax Deduction 80C to 80U *** Net Income *** ( Rs. 5 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिये )
अगर आप सेक्शन 87A की रिबेट को क्लेम करना चाहते है, तो आपको यह दोनों शर्ते पूरी करनी होंगी। किसी भी एक शर्त को पूरी नहीं करने पर आप इस टैक्स रिबेट से वंचित रह सकते है।
जैसे – आपकी टोटल इनकम 5 लाख है, तो आप सेक्शन 87A की रिबेट क्लेम कर सकते है, लेकिन अगर आपकी इनकम 5,01,000 है, तो आपको यह टैक्स रिबेट नहीं दी जाएगी।
यानि 5 लाख से मात्र 1000 रुपये ऊपर होने पर भी आपको यह टैक्स डिडक्शन नहीं दी जाएगी। इसलिए इस टैक्स रिबेट को क्लेम करने के लिए आपकी इनकम 5 लाख से कम होनी अनिवार्य है।
सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम नहीं करने पर क्या होगा ?
सबसे पहले आप यह बात जान ले कि सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट आपको कहीं भी क्लेम करने की जरुरत नहीं होती है। इनकम टैक्स रिटर्न में यह टैक्स रिबेट ऑटोमैटिक तरीके से आपको प्राप्त हो जाती है।
यानि कि अगर आप इस टैक्स रिबेट को क्लेम करने के लिए एलिजिबल है, तो आईटीआर फॉर्म्स में यह टैक्स रिबेट आपको अपने आप ही मिल जाएगी।
सेक्शन 87a की रिबेट को क्लेम करने के लिए आपकी टोटल इनकम 5 लाख से कम होनी चाहिए। अगर यह 5 लाख से 1 भी रुपये ज्यादा होती है, तो आपको अपनी स्लैब रेट के अनुसार टैक्स देना होगा।
जैसे – आपकी टोटल इनकम 5 लाख की है। तो इस केस में आपकी टैक्स लायबिलिटी 12,500 की आ रही है, तो आपको सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट मिलने की वजह से जीरो टैक्स का पेमेंट करना होगा।
लेकिन अगर आपकी इनकम 5 लाख से ऊपर निकलती है, तो आपको यह टैक्स रिबेट नहीं मिलेगी और आपकी टोटल इनकम पर ” बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट ” से टैक्स लगाया जायेगा।
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क्या सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट नई और पुरानी स्लैब रेट दोनों में प्राप्त होगी ?
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में इनकम टैक्स लगाने की 2 स्लैब रेट होती है। इन दोनों स्लैब रेट सिस्टम में अलग – अलग टैक्स रेट होती है, लेकिन नई टैक्स स्लैब रेट में टैक्स देने पर आपके द्वारा कई तरह की टैक्स डिडक्शन क्लेम नहीं की जा सकती है।
हालाँकि, सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट के केस में यह सबसे अच्छी बात है कि यह टैक्स रिबेट इनकम टैक्स की नई और पुरानी दोनों स्लैब में दी जाती है। इसलिए आप किसी भी टैक्स स्कीम में टैक्स देने का ऑप्शन चुने, सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट क्लेम की जा सकेगी।
असेसमेंट ईयर 2024 -25 से नई टैक्स स्लैब में सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम करने के लिए कुल इनकम की लिमिट 5 लाख से बढाकर 7 लाख कर दी गयी है।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपकी इनकम 5 लाख से ज्यादा है, लेकिन 7 लाख से कम है और आप नई टैक्स रिजीम का चुनाव करते है, तो आपको कुछ भी टैक्स नहीं देना होगा।
जैसे – विरेन्द्र की कुल सैलरी 7.50 लाख की है। इस केस में अगर इनके द्वारा पुरानी टैक्स रिजीम अपनायी जाती है, तो 5 लाख से ज्यादा की इनकम होने पर विरेन्द्र को सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट नहीं मिलेगी और इस इनकम पर 28,600 का टैक्स देना होगा।
अगर इस केस में विरेन्द्र द्वारा नई टैक्स रिजीम को अपनाया जाता है, तो 7.50 लाख की इनकम से 50 हजार की स्टैण्डर्ड डिडक्शन मिलने के बाद उनकी नेट इनकम 7 लाख की रह जाएगी।
और 7 लाख तक की इनकम होने पर उन्हें सेक्शन 87A में 25,000 या टैक्स अमाउंट की टैक्स रिबेट मिल जाएगी। यानि की विरेन्द्र को नई टैक्स रिजीम को चुनने पर जीरो टैक्स और पुरानी टैक्स रिजीम को चुनने पर 28,600 का टैक्स देना पड़ रहा था।
ध्यान रखे टैक्स का अमाउंट आपको मिलने वाली टैक्स डिडक्शन और एग्जेम्पशन के साथ टैक्स रिजीम को चुनने पर भी डिपेंड करता है , इसलिए कोई भी टैक्स रिजीम को चुनने से पहले हमारा यह आर्टिकल जरूर देख ले। > कौनसी टैक्स स्लैब रेट चुने। old and new tax slab in hindi >
क्या कैपिटल गेन से इनकम होने पर सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम की जा सकती है ?
सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट भारत के रेजिडेंट और 5 लाख से कम इनकम वाले इंडिविजुअल द्वारा क्लेम की जा सकती है, लेकिन कैपिटल गेन के केस में इस रिबेट को क्लेम करने के लिए कुछ अलग रूल्स है।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में टैक्सपेयर को 2 तरह के कैपिटल गेन हो सकते है – लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म।
शार्ट टर्म कैपिटल गेन के केस में सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम की जा सकती है। लेकिन Equity शेयर्स या Equity ओरिएंटेड म्यूच्यूअल फंड्स की यूनिट्स को बेचने से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के केस में सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम नहीं की जा सकती है।
शार्ट टर्म कैपिटल गेन के केस में सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम करने पर कोई मनाही नहीं है।
जैसे – आपको शेयर्स को बेचने से 4 लाख का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ और इसके अलावा आपकी दूसरी कोई इनकम नहीं है, तो इस केस में आपको सिर्फ बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट का बेनिफिट मिलेगा।
आप इस केस में सेक्शन 87A टैक्स रिबेट क्लेम नहीं कर सकते है , भले ही आपकी इनकम 5 लाख से कम है।
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स्पेशल रेट से टैक्स लगने वाली इनकम के केस में सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट क्लेम करने के रूल्स क्या है ?
अधिकतर टैक्सपेयर यह सोचते है कि अगर उनकी टोटल इनकम 5 लाख से कम है, तो सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट मिलने की वजह से उन्हें कुछ भी टैक्स देना नहीं होता है। यह कहना कुछ हद तक सही भी है, लेकिन स्पेशल रेट से टैक्सेबल इनकम के केस में यह नहीं होता है।
अगर आपकी टोटल इनकम में कोई ऐसी इनकम शामिल है जिस पर स्पेशल रेट से टैक्स लगाया जाता है, तो सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट दी जाती है, लेकिन इसको क्लेम करने के रूल्स अलग होते है।
जैसे – आपकी सैलरी से 2.50 लाख की इनकम है और शेयर्स को बेचने से 1.50 लाख का आपको शार्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ है, तो इस केस में आपकी टोटल इनकम 4 लाख है और आपके द्वारा सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम की जा सकती है।
लेकिन, फिर भी आपको कुछ टैक्स का पेमेंट करना होगा, क्योकि शेयर्स को बेचने से होने वाले शार्ट टर्म कैपिटल गेन के केस में 15 % की रेट से टैक्स लगाया जाता है।
इसलिए 2.50 लाख के अमाउंट की आपको बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट की छूट दी जाएगी। बैलेंस 1.50 की इनकम पर 15 % की रेट से 22,500 की टैक्स लायबिलिटी होगी।
सेक्शन 87A में 12,500 या टैक्स अमाउंट, जो भी कम हो कि टैक्स में छूट दी जाएगी। इसलिए 22,500 में से 12,500 की टैक्स रिबेट दी जाएगी और 10 हजार की बैलेंस टैक्स लायबिलिटी होगी।
इसलिए स्पेशल इनकम के केस में 5 लाख से कम टोटल इनकम होने के केस में भी टैक्स देना होता है।
लेकिन, इस केस में अगर आप नई टैक्स रिजीम चुनते है, तो 7 लाख से कम इनकम होने पर आपको 25,000 या टैक्स अमाउंट , जो भी कम हो, की टैक्स रिबेट मिलेगी , जिससे आपको कुछ भी टैक्स का पेमेंट नहीं करना होगा।
ध्यान रखे लॉटरी, गेम्स आदि से होने वाली इनकम के केस में सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम नहीं की जा सकेगी।
जैसे – आपकी किसी गेम में जीतने से 1 लाख की इनकम होती है, तो इस पर आपको 30 % की रेट से टैक्स देना होगा। इस तरह की इनकम पर आपको बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट और सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट, दोनों ही प्राप्त नहीं होगी।
यह भी देखे – लॉटरी या गेम्स में जीतने पर टैक्स लगाने से जुड़े इन रूल्स को न भूले
अन्य नियम – income tax rebate rules under section 87A in hindi
- सेक्शन 87A की रिबेट HUF/AOP/BOI/फर्म/कम्पनी को प्राप्त नहीं होगी।
- Rs 12500 की रिबेट एजुकेशन Cess और सरचार्ज लगाने से पहले दी जायेगी।
- लिस्टेड शेयर्स को बेचने से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के केस में सेक्शन 87A की छूट नहीं दी जाएगी।
- सेक्शन 87A की रिबेट नई और पुरानी दोनों टैक्स स्लैब में दी जाएगी।
- नई टैक्स रिजीम में सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट 7 लाख की इनकम तक दी जाएगी।
सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम करने से जुड़े अलग – अलग केस
रवि (35 वर्ष ) की असेसमेंट ईयर 2024-25 में टोटल इनकम है,
केस 1 – Rs. 2,70,000
केस 2 – Rs . 5,00,000
केस 3 – Rs. 5,10,000
Mr. X की टैक्स कैलकुलेशन की जायेगी –
Case -1 | Case-2 | Case-3 | |
Net Income | 2,70,000 | 5,00,000 | 5,10,000 |
Income tax on net income | 1000 | 12,500 | 14,500 |
Less: Rebate U/s 87A | 1000 | 12,500 | NIL |
Net Tax | NIL | NIL | 14,500 |
Add : Surcharge(on Net Tax) | NIL | NIL | NIL* |
Total | NIL | NIL | 14,500 |
Add: Education Cess @4% | NIL | NIL | 580 |
Tax Liability | NIL | NIL | 15,080 |
* इंडिविजुअल पर सरचार्ज Total Income 50 लाख से अधिक होने पर लगाया जायेगा।
ध्यान रखे यह सभी केस पुरानी टैक्स रिजीम को चूज़ करने पर एप्लीकेबल होंगे। नई टैक्स रिजीम को चूज करने पर 7 लाख तक की इनकम होने पर सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्लेम की जा सकती है।
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Sir.
What is a sqrutni in income tax act?
Assessing officer ko jab lagta hai ki kisi assessee ne apni income kam report ki hai ya adhik loss claim kiye hai ya tax ka km payment kiya hai to assessing officer us assessee ko section 143(2) me notice jari karega . notice me assessee se return ki income ko support karne wale document mangwaye jate hai . in documents ko examine karne ke baad assessing officer assessment order pass karta hai, jisme assessee ki income or loss ko determine kiya gaya hota hai aur final tax liability batai jati hai (if any)
yeh puri process scrutiny assessment hoti hai .
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