income tax return filing mandatory – इनकम टैक्स रिटर्न में आपके द्धारा एक फाइनेंसियल ईयर में कमाई गयी इनकम का ब्यौरा होता है। आपके द्धारा कितना टैक्स दिया जायेगा यह भी आपकी इनकम पर डिपेंड करता है।
टैक्स को बचाने के लिए आपके द्धारा इनकम टैक्स एक्ट में बताई गयी डिडक्शन को क्लेम किया जा सकता है। इन डिडक्शन की डिटेल भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न (ITR ) में देनी होगी।
कुछ डिडक्शन को क्लेम करने के लिए आपको कुछ फॉर्म भी भरने हो सकते है, जो कि ITR के अलावा होते है।
इस तरह इनकम टैक्स रिटर्न में आपके लगभग सभी फाइनेंसियल ट्रांजेक्शनों की डिटेल देनी होती है।
लेकिन, यहाँ सबसे इम्पोर्टेन्ट सवाल ये आता है कि कब आपको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी होगी।
क्या आप इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल नहीं करने का ऑप्शन चूज कर सकते है?
या अगर आप अपनी मर्जी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का ऑप्शन चूज करते है और बाद में आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से किसी तरह का कोई नोटिस प्राप्त होता है,
तो आप यह सोचते है कि अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते है, तो शायद आपके पास ये नोटिस नहीं आता।
इसीलिए जब भी आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने की प्लानिंग करे, तो आपको यह जरूर पता होना चाहिए कि क्या आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है ?
क्योकि जब इस question का आपके पास answer होता है, तो काफी चीजे आपके लिए सिंपल हो जायेगी।
इसलिए आज के आर्टिकल (income tax return filing mandatory ) में हम चर्चा करेंगे कि कब आपको income tax return file करना अनिवार्य है।
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किसी व्यक्ति के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना कब अनिवार्य है ? (income tax return filing mandatory)
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में उन इंडिविजुअल के बारे में बताया गया है, जिन्हे इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करना अनिवार्य है।
ऐसे इंडिविजुअल है –
- अगर आपकी एक फाइनेंसियल ईयर में कमाई गयी कुल इनकम basic exemption limit से अधिक है, कुल इनकम किसी भी तरह की डिडक्शन को घटाने से पहले की ली जाएगी
- अगर आपको अपना टीडीएस रिफंड क्लेम करना हो,
- आपकी फॉरेन में कोई सम्पति है या फॉरेन से कोई इनकम होती हो,
- फॉरेन में आपका कोई अकॉउंट हो या किसी अकॉउंट के आप beneficiary हो,
- loss को carry फॉरवर्ड करने के लिए,
- बिजली का बिल 1 लाख से अधिक होने पर,
- विदेश यात्रा में 2 लाख या इससे ज्यादा राशि खुद के या किसी और के ऊपर खर्च करने पर,
- एक या अधिक करंट अकॉउंट में 1 करोड़ से ज्यादा राशि जमा करवाने पर।
अगर आपके ऊपर कोई भी कंडीशन लागू होती है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा।
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कंपनी या फर्म के केस में –
अगर आपने कोई कंपनी या फर्म बना रखी है, तो भी इस केस में आपको कंपनी या फर्म के नाम से ITR फाइल करना अनिवार्य होगा।
कंपनी या फर्म के मामले में कोई मिनिमम इनकम की लिमिट नहीं है। अगर इनकी इनकम कम हो या फिर किसी वर्ष में नुकसान भी हुआ हो, तो भी ITR फाइल करना mandatory होगा।
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इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल नहीं करने पर पेनल्टी –
अगर आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है, तो आप इसे जरूर फाइल करे। अगर आप ITR due date तक फाइल नहीं करते है, तो आपके पेनल्टी लगायी जाएगी।
असेसमेंट ईयर 2020 -21 के लिए पेनल्टी की राशि –
- अगर आपकी इनकम 5 लाख से कम है, तो 31 दिसंबर के बाद फाइल करने पर 1000 की पेनल्टी लगायी जाएगी
- 5 लाख से अधिक इनकम होने पर due date के बाद रिटर्न फाइल करने पर 10000 की पेनल्टी लगेगी
- टैक्स ऑडिट के केस में 31 जनवरी की due date एप्लीकेबल होगी।
अगर आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य नहीं है और आप इसे due डेट के बाद फाइल करते है, तो भी पेनल्टी के प्रावधान एप्लीकेबल होंगे।
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यह भी देखे – इनकम टैक्स रिटर्न last date के बाद फाइल करने पर किस तरह इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जायेगी ?
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