income tax return rules in hindi – आज के समय मे अधिकतर लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करना अनिवार्य हो गया है, साथ ही लोन लेने या दूसरे कारणों की वजह से भी कई लोग अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करना चाहते है ।
सरकार द्वारा भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रोसेस को काफी आसान बना दिया गया है । इसलिए काफी टैक्सपेयर अपनी रिटर्न को खुद ही फ़ाइल करते है, लेकिन, फिर भी रिटर्न फाइलिंग से जुड़ी कुछ छोटी – छोटी बातों के बारे हम अनजान रहते है और किसी टैक्स एक्सपर्ट से इस बारे में सलाह लेनी पड़ जाती है ।
आज के आर्टिकल (income tax return rules hindi) में हम आईटीआर फाइलिंग से जुड़ी कुछ छोटी – छोटी बातों पर चर्चा करेंगे, जिनसे आपको रिटर्न से जुड़ी काफी बातें जानने को मिलेंगी ।
Table of Contents
क्या एक से ज्यादा वर्षो की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल की जा सकती है ? (income tax return rules hindi)
अधिकतर लोगों का यही सवाल होता है कि उन्हें 2 या 3 वर्षो की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करनी है, क्या वह ऐसा कर सकते है ।
तो, इसका जवाब होगा, नही ।
पहले के समय मे 2 या 3 वर्षों की रिटर्न एक साथ फ़ाइल की जाती थी , लेकिन अब इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया है । वर्तमान में सिर्फ एक फाइनेंसियल ईयर की रिटर्न ही फ़ाइल की जा सकती है ।
हालांकि, अगर आपको कोई इनकम टैक्स नोटिस प्राप्त होता है, जिसमे आपको पहले के किसी वर्ष की इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने के लिए कहा जाता है, तो आप उस केस में उस वर्ष की रिटर्न फ़ाइल कर सकते है , अन्यथा नही ।
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क्या इनकम टैक्स रिटर्न को लास्ट डेट के बाद भी फ़ाइल किया जा सकता है ?
इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करने की एक लास्ट डेट होती है, उस डेट के बाद रिटर्न को फ़ाइल करने पर आपको टैक्स पर ब्याज और लेट फीस का पेमेंट करना होता है ।
लेकिन, किसी भी वर्ष की रिटर्न को लेट फीस के साथ फ़ाइल करने की भी एक टाइम लिमिट होती है और अगर यह टाइम लिमिट निकल जाती है, तो इसके बाद आप ब्याज या लेट फीस के साथ भी अपनी रिटर्न फ़ाइल नही कर सकते है ।
जैसे – असेसमेंट ईयर 2021 -22 की इनकम टैक्स रिटर्न (नॉन ऑडिट केस ) को फ़ाइल करने की लास्ट डेट 31 दिसंबर 2021 थी, इस डेट के बाद रिटर्न को ब्याज या पेनल्टी के साथ 31 मार्च 2022 तक फ़ाइल किया जा सकता है, लेकिन 31 मार्च 2022 के बाद लेट फीस के साथ भी इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल नही किया जा सकेगा ।
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क्या इनकम टैक्स रिटर्न को लेट फ़ाइल करने पर ब्याज और लेट फीस दोनों चार्ज की जाएगी ?
इनकम टैक्स रिटर्न को देरी से फ़ाइल करने पर आपको टैक्स पर ब्याज देना होगा और अगर आपका कोई टैक्स नही बन रहा है, तो कोई ब्याज नही देना होगा ।
टैक्स पर ब्याज आपसे सेक्शन 234A, सेक्शन 234B, सेक्शन 234C में चार्ज किया जाएगा ।
लेकिन, रिटर्न को देरी से फ़ाइल करने पर आपको लेट फीस का पेमेंट अनिवार्य रूप से करना होगा ।
आईटीआर को देरी से फ़ाइल करने पर लेट फीस सेक्शन 234F में लगाई जाएगी ।
जो कि 5 लाख से ज्यादा इनकम होने पर 5000 रुपये , 5 लाख से कम इनकम होने पर 1000 रुपये और 2.50 लाख से कम इनकम होने पर जीरो लेट फीस चार्ज की जाएगी ।
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क्या मुझे इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य होगा, अगर मेरी इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम है ?
नॉर्मली आपको इनकम टैक्स रिटर्न उसी केस में फ़ाइल करनी होगी, जब आपकी एक वर्ष में कमाई गयी टोटल इनकम 2 लाख 50 हजार से ज्यादा है ।
लेकिन, हाल ही में इनकम टैक्स एक्ट में कुछ ऐसे ट्रांजेक्शन भी जोड़े गए है, जिनके होने पर आपको टैक्सेबल लिमिट से कम इनकम होने पर भी आईटीआर फ़ाइल करना अनिवार्य होगा ।
जैसे – आपकी भारत के बाहर प्रॉपर्टी है या किसी अकॉउंट में आप साइनिंग अथॉरिटी है या आपने फॉरेन ट्रेवलिंग में 2 लाख या ज्यादा की राशि खर्च की है, आदि ।
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क्या सभी लोगो पर रिटर्न फाइलिंग के लिए 2 लाख 50 हजार की टैक्सेबल लिमिट एप्लीकेबल होगी ?
2 लाख 50 हजार की लिमिट सिर्फ 60 वर्ष से कम उम्र के इंडिविजुअल पर एप्लीकेबल होगी । अगर आपकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है, लेकिन 80 वर्ष से कम है, तो आपके ऊपर 3 लाख की लिमिट एप्लीकेबल होगी ।
80 वर्ष से ज्यादा की उम्र होने पर आपको 5 लाख से ज्यादा इनकम होने पर रिटर्न फ़ाइल करनी अनिवार्य होगी ।
हालांकि, कंपनी या फर्म को जीरो इनकम होने पर भी रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य होगा ।
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मैंने पैन कार्ड बनवा रखा है, क्या मुझे भी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करनी होगी ?
पैन कार्ड होने पर इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करना होगा, ऐसा कोई रूल नही है । इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करना है या नही, यह आपकी टोटल इनकम पर डिपेंड करता है ।
इसलिए मात्र पैन कार्ड के होने से ही आपको रिटर्न फ़ाइल नही करनी होगी ।
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इनकम टैक्स और इनकम टैक्स रिटर्न में क्या अंतर है ?
आपको अपने पूरे वर्ष में कमाई गयी इनकम की डिटेल्स को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में देना होता है । इस इनकम पर जो भी टैक्स बनाता है, उसे इनकम टैक्स के नाम से जाना जाता है ।
इनकम टैक्स को रिटर्न फ़ाइल करने से पहले सरकार को जमा करवाना होता है और जमा करवाये गए टैक्स की डिटेल को इनकम टैक्स रिटर्न में देना होगा, इस डिटेल को भरने के बाद ही आपकी रिटर्न जमा हो पाएगी ।
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अगर आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल नही करते है, तो क्या होगा ?
इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करना तब जरूरी होता है, जब आपकी टोटल इनकम ” basic exemption limit” से ज्यादा की होती है ।
अगर आपकी इनकम इस लिमिट से ज्यादा की है और आप अपनी रिटर्न फ़ाइल नही करते है, तो आपके पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस आने के चांसेज बढ़ जाते है ।
वर्तमान में सभी टैक्सपेयर के लिए एनुअल इनफार्मेशन स्टेटमेंट जनरेट होता है । इस स्टेटमेंट में आपके द्वारा कमाया गया ब्याज, डिविडेंड, सैलरी , खरीदे बेचे गए शेयर या प्रॉपर्टी आदि कई तरह के ट्रांजेक्शनों की डिटेल्स होती है ।
इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास आपको ट्रैक करने का तरीका होता है । इसलिए जब भी डिपार्टमेंट को आपकी इनकम और इन ट्रांजेक्शनों मे कुछ अंतर देखने को मिलता है, तो वह आपको इनकम टैक्स नोटिस जारी कर सकता है ।
नोटिस जारी करने के बाद अगर डिपार्टमेंट को आपकी कुछ एडिशनल कमाई के बारे में भी पता चलता है, तो वह आपके ऊपर ब्याज और पेनल्टी लगा सकता है, जो कि काफी ज्यादा होती है ।
इसलिए अगर आपकी इनकम टैक्सेबल लिमिट से ज्यादा है, तो रिटर्न फ़ाइल जरूर करे ।
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बैंक में मेरी 1 लाख की एफडी है और इसके अलावा मेरी कोई इनकम नही है, क्या मुझे इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करनी होगी ?
अगर आपकी कोई इनकम नही है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नही करना होगा ।
लेकिन, अगर एफडी के ब्याज पर आपका टीडीएस कटा है, टीडीएस अमाउंट को वापस लेने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करनी अनिवार्य होगी ।
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