पेरेंट्स और बच्चों को गिफ्ट देकर करे टैक्स प्लानिंग 

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income tax saving rules hindi

income tax saving rules hindi – गिफ्ट के टैक्सेशन के केस में सबसे महत्वपुर्ण गिफ्ट की वैल्यू होती है । अगर गिफ्ट की टोटल वैल्यू 50,000 से ज्यादा की है, तो गिफ्ट प्राप्तकर्ता के हाथों में गिफ्ट की राशि पर टैक्स लगाया जाएगा ।

हालांकि, कुछ लोगों से मिलने वाले गिफ्ट को टैक्स से exempt भी किया गया है, इसमे रिलेटिव का नंबर सबसे पहले आता है ।

यानी, कि अगर आप अपने रिलेटिव्स से कोई गिफ्ट ले रहे है, तो यह टैक्स फ्री होगा, भले ही गिफ्ट की वैल्यू 50 हजार से ज्यादा की हो ।

रिलेटिव में कौन – कौन आते है, इसके बारे में अधिक जाने – gift tax rules in hindi | रिलेटिव में कौन – कौन शामिल है। किन – किन लोगो से प्राप्त गिफ्ट टैक्स फ्री होगा

गिफ्ट से होने वाली इनकम को इनकम टैक्स रिटर्न में ” income from other source” हेड में रिपोर्ट किया जाता है, जहां इस इनकम पर स्लैब रेट के आधार पर टैक्स लगाया जाता है ।

हालांकि, आज का आर्टिकल (income tax saving rules hindi ) पेरेंट्स और बच्चों को गिफ्ट देकर टैक्स प्लानिंग करने के बारे में है, इसलिए हम इसी टॉपिक पर ज्यादा चर्चा करेंगे ।

यह भी देखे – कौनसी टैक्स स्लैब रेट चुने। old and new tax slab in hindi

बच्चो को गिफ्ट देकर करे टैक्स प्लानिंग – 

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार अगर आप अपने रिलेटिव से कोई गिफ्ट लेते है, तो यह गिफ्ट टैक्स फ्री होते है, बिना इनकी वैल्यू को देखे ।

पिता – पुत्र आपस मे रिलेटिव की डेफिनेशन में कवर होते है, इसलिए पिता द्वारा अपने पुत्र को दिए गए गिफ्ट फ्री होंगे ।

लेकिन, जब भी रिलेटिव को गिफ्ट देकर टैक्स प्लानिंग की सोचे तो सबसे पहले clubbing के प्रावधानों का ध्यान जरूर रखे । 

क्योकि, जब भी clubbing के प्रावधान एप्लीकेबल होते है, तो दूसरे पर्सन की इनकम पर आपको टैक्स देना पड़ता है ।

जैसे – अगर आप अपने जीवनसाथी को 1 लाख का cash देते है और आपकी वाइफ द्वारा इस 1 लाख के अमाउंट की बैंक में एफडी करवाई जाती है, तो cash गिफ्ट पर तो कोई टैक्स नही लगाया जाएगा, लेकिन एफडी पर मिलने वाला ब्याज आपकी वाइफ की इनकम नही मानकर आपकी इनकम मानी जायेगी और आपको इस ब्याज पर टैक्स देना होगा ।

इसी तरह पुत्रवधु को गिफ्ट देने पर भी clubbing के नियम लागू होते है । साथ ही अगर आप अपने माइनर बच्चे को गिफ्ट देते है, तो भी clubbing के नियम लागू होंगे ।

ऊपर बताए तीनो केस में clubbing के नियम लागू होंगे । जिसके अनुसार अगर आप अपने जीवनसाथी, पुत्रवधु या माइनर चाइल्ड को कोई गिफ्ट देते है और इस गिफ्ट से उन्हें कोई इनकम होती है, तो यह इनकम आपकी टोटल इनकम में शामिल की जाएगी और इस पर आपको टैक्स देना होगा ।

हालांकि, major child पर clubbing के रूल लागू नही होंगे ।

अगर आप अपने 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को नकद या कोई प्रॉपर्टी गिफ्ट करते है, तो इनसे होने वाली इनकम को आपकी इनकम नही माना जायेगा और इस तरीके से आप टैक्स प्लानिंग कर सकते है ।

Example – gift tax 

 मान लीजिए आप 30 % की टैक्स स्लैब में आते है और आपके एक मकान किराये की एडिशनल इनकम है, जो कि 3 लाख (net) है । इस केस में अगर यह मकान आप अपने बच्चे को गिफ्ट में देते है, तो यह किराये की इनकम आपके बच्चे की इनकम मानी जाएगा । 

इस केस में आप ( 3,00,000 * 30% ) = 90,000 का टैक्स बचा सकते है । यह टैक्स प्लानिंग तभी करे जब आपके बच्चे की भी कोई दूसरी इनकम नही है ।

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पुत्रवधु के केस में किराए की इनकम पर टैक्स रूल्स

अगर आप यही मकान अपनी पुत्रवधु को गिफ्ट में देते है, तो इससे मिलने वाली किराये की इनकम पर आपको हमेशा टैक्स देना होगा ।

भारत मे ऐसे कई केसेज है जहां ससुर द्वारा अपनी पुत्रवधु को शादी के अवसर पर कोई मकान गिफ्ट में दिया जाता है, और इसके किराये की इनकम पर ससुर द्वारा ही हमेशा टैक्स दिया जाता है ।

हालांकि, पुत्रवधु द्वारा किराये की इनकम को आगे इन्वेस्ट किया जाता है, और इससे कोई इनकम होती है, तो यह इनकम पुत्रवधु की इनकम ही मानी जायेगी और इस पर clubbing के प्रावधान एप्लीकेबल नही होंगे ।

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पेरेंट्स को गिफ्ट देने पर टैक्सेशन रूल्स 

आप अपने पेरेंट्स को गिफ्ट देकर भी टैक्स प्लानिंग कर सकते है । पेरेंट्स को दिए गए गिफ्ट को भी इनकम टैक्स में टैक्सेबल गिफ्ट नही माना जाता है । 

साथ ही पेरेंट्स को दिए गए गिफ्ट पर भी clubbing के नियम लागू नही होते है । इसलिए अगर आप अपने पेरेंट्स के नाम से कोई इन्वेस्टमेंट करते है या कोई गिफ्ट देते है, जिससे कोई इनकम होती है , तो इस इनकम को आपके पेरेंट्स की इनकम ही माना जायेगा ।

जैसे – आपकी टैक्सेबल इनकम है और आप आपने पेरेंट्स के नाम से कोई शेयर खरीदते है और इन शेयर्स को बेचने से उनको प्रॉफिट होता है, तो आपके पेरेंट्स स्लैब रेट का फायदा उठा सकते है । 

इस केस में अगर आपने इन्वेस्टमेंट अपने नाम से ही किया होता, तो शेयर्स को बेचने से हुए प्रॉफिट पर आपको टैक्स देना होता ।

इस तरह आप अपने पेरेंट्स और बच्चो को गिफ्ट देकर टैक्स प्लानिंग कर सकते है ।

 

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