ITR 1 form – सरकार द्धारा हमेशा यहीं कोशिश की जाती है कि एक आम आदमी अपनी खुद की इनकम टैक्स रिटर्न को खुद ही फाइल कर सके। इसलिए सरकार हमेशा इनकम टैक्स रिटर्न्स फाइलिंग को आसान करने के प्रयास करती रहती है।
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार द्धारा अलग – अलग करदाता के लिए अलग -अलग आईटीआर फॉर्म्स निर्धारित किये जाते है। वर्तमान में 7 आईटीआर फॉर्म्स नोटिफाई किये गए है।
एक छोटे करदाता पर अधिकतर केस में ITR 1 form एप्लीकेबल होता है। इसे सहज फॉर्म भी कहा जाता है।
आईटीआर 1 को सहज फॉर्म इसलिए कहा जाता है, क्योकि इसे फाइल करना काफी आसान होता है। साथ ही इसमें कई तरह की डिटेल्स आपके द्धारा पिछले वर्ष में फाइल की डिटेल्स से आटोमेटिक भी ले ली जाती है।
इस फॉर्म को आपके द्धारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से फाइल किया जा सकता है। ध्यान रखे ऑफलाइन आईटीआर सिर्फ कुछ लोगो के द्वारा ही फाइल की जा सकती है।
आज के आर्टिकल (ITR 1 form ) में ITR 1 form के बारे में पूरी डिटेल से चर्चा करेंगे, जिससे आप यह जान पाओगे कि यह किसके द्धारा फाइल की जा सकती है और किसके द्धारा इसे फाइल नहीं किया जा सकता है।
इस आर्टिकल में आगे बढ़ने से पहले कुछ बेसिक चीजों पर भी चर्चा करेंगे।
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आईटीआर क्या होती है ? itr meaning in hindi
आईटीआर का फुल फॉर्म होता है इनकम टैक्स रिटर्न।
यह इनकम टैक्स रिटर्न एक पर्सन को हर साल फाइल करनी पड़ती है। इसमें आपके द्धारा एक फाइनेंसियल ईयर में कमाई गयी इनकम, इन्वेस्टमेंट, टैक्स आदि की डिटेल्स होती है।
इसको फाइल करने की कुछ due dates भी होती है, इन due dates के बाद इसे फाइल करने पर आपके ऊपर पेनल्टी भी लगायी जाती है।
साथ ही अगर आपका कुछ टैक्स बकाया है, तो due dates के बाद आईटीआर फाइलिंग पर आपके ऊपर सेक्शन 234a में इंटरेस्ट भी लगाया जायेगा, जो कि पेनल्टी के अलावा होगा।
इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के लिए सरकार द्धारा अलग – अलग फॉर्म निर्धारित किये गए है, जो कि आपकी इनकम और आपके स्टेटस (कंपनी, फर्म या इंडिविजुअल ) पर डिपेंड करता है।
ये फॉर्म्स ITR 1 से ITR 7 तक है।
आईटीआर 1 फॉर्म क्या है ? ITR 1 form in hindi
इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के लिए सबसे पहला फॉर्म गवर्नमेंट द्धारा आईटीआर 1 बताया गया है।
भारत में सैलरीड लोगो पर आईटीआर 1 एप्लीकेबल होता है। अगर आपकी बिज़नेस या प्रोफेशन या कैपिटल गेन से इनकम है, तो आप आईटीआर 1 फाइल नहीं कर सकते है।
इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के केस में सबसे पहला आपका काम यहीं देखना होता है कि आपके ऊपर कौनसा आईटीआर फॉर्म एप्लीकेबल होगा।
यह भी ध्यान रखे अगर आपके द्धारा सही आईटीआर फॉर्म में रिटर्न नहीं भरी जाती है तो, आपकी रिटर्न को डिफेक्टिव रिटर्न माना जायेगा और इस गलती को सही करने के लिए आपके पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस भी आ सकता है।
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ITR 1 form किसके द्धारा फाइल किया सकता है ?
ITR 1 सिर्फ इंडिविजुअल द्धारा फाइल किया जा सकता है, एक कंपनी, फर्म या LLP द्धारा इसे फाइल नहीं किया जा सकता है।
इसे फाइल करने के लिए कुछ शर्ते होती है, अगर ये शर्ते पूरी होती है, तो इंडिविजुअल द्धारा इसे फाइल किया जा सकता है, अन्यथा उसे आईटीआर 1 की जगह दूसरा फॉर्म फाइल करना होगा।
आईटीआर 1 में रिटर्न फाइल करने के लिए शर्ते –
- इसे भारत में रेजिडेंट द्धारा ही फाइल किया जा सकता है,
- इंडिविजुअल की टोटल इनकम 50 लाख से कम होनी चाहिए,
- एग्रीकल्चर इनकम 5000 से अधिक नहीं हो,
- करदाता की इनकम में सिर्फ सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, other सोर्स की इनकम ही होनी चाहिए
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किन पर्सन के द्धारा ITR 1 form में रिटर्न फाइल नहीं की जा सकती ?
ऊपर बताई शर्तो को पूरा करने वाले इंडिविजुअल द्धारा ही आई टी आर – 1 फाइल किया जा सकता है,
लेकिन कुछ पर्सन को इस फॉर्म को फाइल करने की साफ़ तौर पर मनाही दी गयी है, चाहे ऐसे बताये गए पर्सन ऊपर बताई गयी केटेगरी में आते हो।
अगर आपके द्धारा नीचे बताई गयी एक भी कंडीशन पूरी होती है, तो इसे आपके द्धारा फाइल नहीं किया जा सकता –
- यदि आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हो;
- वर्ष में किसी भी समय अनलिस्टेड शेयर्स को होल्ड कर रखा हो;
- बिज़नेस या प्रोफेशन हेड में इनकम हो;
- कैपिटल गेन हेड में इनकम होने पर;
- लाटरी या गेम्स में कोई राशि जीतने पर;
- भारत के बाहर कोई असेट्स (including financial interest in any entity ) होने पर;
- भारत के बाहर किसी अकॉउंट में साइनिंग अथॉरिटी या भारत के बाहर किसी सोर्स से इनकम होने पर;
- 5000 से अधिक एग्रीकल्चरल इनकम होने पर;
- एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी से इनकम के केस में;
- losses को carry फॉरवर्ड करना हो;
- Resident but not ordinarily resident और नॉन रेजिडेंट;
- आपके द्धारा फॉरेन में पेमेंट किये गए टैक्स की रिलीफ क्लेम करने के लिए
अगर आप ऊपर बताये गए किसी भी कंडीशन को पूरा करते है, तो ITR 1 फॉर्म आपके द्धारा फाइल नहीं किया जा सकता।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना इंडिविजुअल के लिए अनिवार्य कब होगा ?
अगर कोई इंडिविजुअल नीचे बताये गयी किसी कंडीशन को पूरा करता है. तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होगा। लास्ट डेट के बाद इसे फाइल करने पर सेक्शन 234 F में पेनल्टीज लगायी जाएगी।
ये कंडीशंस है –
- इंडिविजुअल की कुल इनकम 2 लाख 50 हजार से अधिक होने पर,
- सीनियर सिटीजन के केस में 3 लाख और सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष से अधिक ) के केस में 5 लाख की लिमिट एप्लीकेबल होगी,
- एक या अधिक करंट अकॉउंट में 1 करोड़ से अधिक राशि जमा करवाने पर,
- फॉरेन ट्रेवल में 2 लाख या अधिक की राशि खर्च करने पर, चाहे खुद के लिए या किसी अन्य के लिए,
- 1 लाख से अधिक बिजली का बिल होने पर
इन किसी भी कंडीशन को पूरा करने पर अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को जरूर फाइल करे।
आईटीआर फाइल करने के बाद इसे वेरीफाई कैसे करवाये ?
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की प्रोसेस तब तक पूरी नहीं होती है जब तक आप इसे वेरीफाई नहीं करवा देते है। इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के बाद इसे वेरीफाई करवाना नहीं भूले। अन्यथा आपकी रिटर्न प्रोसेस नहीं की जाएगी।
इसको वेरीफाई करने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्धारा आपको 30 दिन दिए जाते है, जो कि रिटर्न फाइलिंग की डेट से गिने जाते है।
जैसे – आपने 1 जुलाई को अपनी रिटर्न फाइल की है, तो इसे 30 जुलाई तक वेरीफाई करवा सकते है। अगर आप इसे 30 जुलाई तक वेरीफाई करवा देते है, तो आपकी रिटर्न फाइलिंग की डेट 1 जुलाई मानी जाएगी।
30 जुलाई के बाद वेरीफाई करवाते है, तो रिटर्न को वेरीफाई करवाने की डेट ही रिटर्न फाइलिंग की डेट मानी जाएगी। इससे आपको नुकसान यह होगा कि अगर आपकी रिटर्न फाइलिंग की due date 31 जुलाई है और
आप इसे 3 अगस्त को वेरीफाई करवा रहे है, तो आपकी रिटर्न फाइलिंग की डेट 3 अगस्त मानी जाएगी और due डेट के बाद रिटर्न फाइल करने पर आपको लेट फीस का पेमेंट करना होगा।
ITR वेरीफाई करवाने के तरीके –
- डिजिटल सिग्नेचर के द्धारा, या
- इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड(EVC ) के द्धारा या
- आधार ओटीपी से या
- रिटर्न की फिजिकल कॉपी को साइन करके बेंगलोर भेज कर।
conclusion – ITR 1 form
अगर आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है या आप इसे अपनी इच्छा से फाइल करना चाहते है, या टीडीएस रिफंड के लिए फाइल कर रहे है, तो इसे फाइल करने से पहले अपने ऊपर एप्लीकेबल आईटीआर फॉर्म के बारे में जरूर जान ले।
आईटीआर 1 सिर्फ आप उसी केस में फाइल कर सकते है जब आपकी सिर्फ सैलरी से इनकम हो। बिज़नेस या कैपिटल गेन से इनकम होने के केस में आप आईटीआर 2 या आईटीआर 3 के जरिये ही अपनी रिटर्न फाइल कर सकते है।
इस आर्टिकल में ITR 1 form के बारे में जानकारी दी गयी है, बाकि अन्य फॉर्म्स के बारे में अन्य आर्टिकल्स में चर्चा की जाएगी।
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