itr filing by salaried employees – कौनसे आईटीआर फॉर्म्स में फाइल करे ?

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itr filing by salaried employees

itr filing by salaried employees – टैक्सपेयर को हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी होती है, जिसमे उनको अपनी इनकम और टैक्स लायबिलिटी का ब्यौरा देना होता है।

करदाता द्धारा इनकम टैक्स रिटर्न अलग – अलग फॉर्म में भरी जाती है, जो कि उसके स्टेटस (इंडिविजुअल, कंपनी etc ) और इनकम के टाइप्स के ऊपर डिपेंड करता है।

इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करने के लिए सरकार द्धारा नोटिफाई किये गए 7 टाइप्स के इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (itr forms ) वर्तमान में चलन में है।

गलत ITR फॉर्म्स का चुनाव करने पर आपकी रिटर्न गलत हो सकती है और आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस भी प्राप्त हो सकता है, इसलिए सभी फॉर्म में अपनी Return फाइल करना जरुरी होता है।

एक टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न को फाइल करना ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि उसे समय पर फाइल करना भी उतना ही जरुरी होता है। ताकि वह इंटरेस्ट और पेनल्टी से भी बच सके।

आज के आर्टिकल (itr filing by salaried employees) में हम सैलरीड एम्प्लाइज द्धारा income tax return फाइलिंग से जुड़े फॉर्म्स के बारे में चर्चा करेंगे।

itr filing by salaried employees

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार किसी भी पर्सन को अपनी इनकम टैक्स रिटर्न तब फाइल करनी पड़ती है, जब उसकी एक फाइनेंसियल ईयर में कुल इनकम basic exemption limit से अधिक होती है। हालाँकि कुछ स्पेशल केस में टैक्सेबल लिमिट से कम इनकम होने पर भी itr फाइल करनी हो सकती है।

अगर किसी एम्प्लोयी का टीडीएस काटा गया है और उसकी कुल इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम है, तो वह अपनी income tax return फाइल करके इसका रिफंड क्लेम कर सकता है।

भारत में अधिकतर सैलरीड एम्प्लाइज द्धारा ITR 1 फाइल की जाती है, जिसे सहज रिटर्न भी कहा जाता है। सैलरीड एम्प्लाइज को रिटर्न फाइलिंग में ज्यादा परेशानी नहीं आये इसलिए सरक़ार द्धारा इस फॉर्म को काफी आसान बनाया गया है।

Salaried Employees को इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म्स के चुनाव में क्या सावधानी बरतनी चाहिये ?

सैलरीड एम्प्लोयी को इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में सबसे पहले सही ITR फॉर्म्स का चुनाव करने में सावधानी बरतनी चाहिये।

सही आई टी आर फॉर्म्स का चुनाव करने के लिए सबसे पहले अपनी इनकम के सोर्स के बारे में बता करना चाहिए और कुछ सवालों के जवाब ढूढ़ने चाहिए, जैसे –

  • क्या उसकी सिर्फ सैलरी से इनकम है ?
  • क्या उसने उस वर्ष में किसी तरह की प्रॉपर्टी, शेयर्स या म्यूच्यूअल फंड्स की यूनिट्स को सेल किया है ?
  • सैलरी के अलावा बिज़नेस से इनकम भी है ?
  • बिज़नेस या कैपिटल गेन हेड के कोई loss है ?
  • किसी तरह की लाटरी या गेम्स में कोई राशि जीती है ?

इन सभी सवालो के जवाब जानने के बाद ही itr फॉर्म्स का चुनाव करना चाहिए।

ऊपर बताई गयी केटेगरी में अलग -अलग ITR फॉर्म्स अप्लाई होते है, जिनके बारे में हम आगे अलग – अलग चर्चा करेंगे।

क्या एम्प्लोयी की सिर्फ सैलरी से इनकम है ?

अगर किसी employee की सिर्फ सैलरी से ही इनकम है, तो उसके द्धारा itr 1 फाइल किया जायेगा, लेकिन यह फॉर्म सिर्फ 50 लाख तक की इनकम वाले एम्प्लोयी द्धारा ही भरा जा सकता है।

itr 1 आपके द्धारा सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी और other सोर्स (लाटरी/गेमिंग को छोड़कर ) की इनकम होने के केस में भरा जा सकता है। अगर आपकी कैपिटल गेन या बिज़नेस से इनकम है तो यह फॉर्म नहीं भरे।

50 लाख से अधिक इनकम होने के केस में ITR – 2 फाइल किया जायेगा।

क्या एम्प्लोयी की कैपिटल गेन हेड में कोई इनकम या loss है ?

अगर किसी एम्प्लोयी द्धारा पिछले फाइनेंसियल ईयर में किसी तरह की कोई कैपिटल असेट्स बेचीं जाती है, जैसे – जमीन, बिल्डिंग, गोल्ड, शेयर या म्यूच्यूअल फण्ड की यूनिट्स etc. तो उस एम्प्लोयी द्धारा ITR 2 फाइल किया जायेगा।

यानि कि एम्प्लोयी की सैलरी के साथ, कैपिटल गेन हेड में कोई इनकम या नुक़सान है या उसकी इनकम 50 लाख से अधिक है या उसकी एग्रीकल्चर से इनकम 5000 से ज्यादा की है, तो उसके द्धारा itr 1 की जगह itr 2 फाइल किया जायेगा।

हालाँकि, अगर एम्प्लोयी की बिज़नेस से भी कोई इनकम होती है, तो उसके द्धारा ITR 1 और ITR 2 दोनों ही फाइल नहीं किये जायेंगे।

Salaried Employee की बिज़नेस से इनकम होने पर – 

अगर किसी एम्प्लोयी की सैलरी के अलावा बिज़नेस से भी इनकम है, तो उसके द्धारा ITR 3 फाइल किया जायेगा।

सैलरीड एम्प्लोयी द्धारा ITR 3 भरा जायेगा, जब उसकी सैलरी और बिज़नेस दोनों से इनकम है। साथ में उसकी हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन या other source से इनकम भी हो सकती है।

इसके अलावा अगर एम्प्लोयी की बिज़नेस से कोई इनकम नहीं है, लेकिन उसको अपने बिज़नेस losses को carry forward करना है, तो भी वह ITR 3 भर सकता है।

बिज़नेस से इनकम होने पर ITR 4 भी भरा जा सकता है, जिसके लिए आप यदि आप भी बिज़नेस करते है तो ये स्कीम्स बचा सकती आपका टैक्स  देख सकते है।

एम्प्लोयी ने लाटरी या गेम्स में कोई राशि जीती हो – 

अगर एम्प्लोयी द्धारा लाटरी या गेम्स में कोई राशि जीती जाती है, तो उसके द्धारा ITR 2 भरी जायेगी।

इसके अलावा यदि कोई एम्प्लोयी किसी कंपनी में डायरेक्टर है या किसी अनलिस्टेड कंपनी के शेयर्स में इन्वेस्ट किया है तो भी उसके द्धारा ITR 2 ही भरी जाएगी।

इनकम टैक्स रिटर्न कैसे फाइल करे ? itr filing by salaried employees

यदि किसी एम्प्लोयी पर ITR 1 या ITR 4 एप्लीकेबल होता है, तो वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई फाइलिंग वेबसाइट पर जाकर इनकम टैक्स रिटर्न को ऑनलाइन फाइल कर सकते है।

ITR 2 या ITR 3 की ऍप्लिकेबिलिटी के केस में करदाता द्धारा इन फॉर्म्स को पहले डाउनलोड करना होगा और इसके बाद इन्हे सही से भरके इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई फाइलिंग वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।

 

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