job work under gst in hindi – एक पर्सन जब goods को किसी अन्य पर्सन को ट्रांसफर करता है, तो इसे सप्लाई माना जाता है और goods की सप्लाई होने पर उस ट्रांज़ैक्शन पर जीएसटी लगाया जाता है।
लेकिन अगर वह पर्सन उस goods को sell न करके उस पर कुछ काम करवाने के लिए आगे भेजता है, तो यह प्रोसेस जॉब वर्क मानी जाती है।
जॉब वर्क के केस में यह transaction सप्लाई नहीं माना जाता और जीएसटी के दायरे में नहीं आता है।
आज के आर्टिकल में हम जानेंगे –
- job work kya jota hai – what is job work under gst
- क्या जॉब वर्कर को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी होता है ?
- गुड्स को जॉब वर्कर के पास भेजने के नियम क्या होते है ?
- जॉब वर्कर द्वारा गुड्स को वापस कब तक प्रिंसिपल को भेजना जरुरी होते है ?
- क्या गुड्स को जॉब वर्कर द्वारा बेचा जा सकता है ?
- जॉब वर्क के केस में इन इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूल्स क्या है ?
- job work की प्रोसेस में waste और स्क्रैप का क्या ट्रीटमेंट किया जायेगा ?
- जॉब वर्क पर गुड्स को भेजने के लिए क्या -क्या डाक्यूमेंट्स जरुरी होते है ?
Table of Contents
What is JOB WORK under gst ? ( जॉब वर्क क्या है )
Job work का मतलब है किसी रजिस्टर्ड पर्सन द्वारा किसी goods को किसी अन्य पर्सन को किसी treatment या process के लिए भेजना।
रजिस्टर्ड पर्सन जो कि goods भेज रहा है को प्रिंसिपल और जो पर्सन गुड्स को प्राप्त कर रहा है उसे जॉब वर्कर कहते है।
जैसे :- सोने के बिस्किट की ज्वेलरी बनाने के लिए किसी कारीगर को माल भेजा जाता है, तो वह कारीगर जॉब वर्कर और जो पर्सन बिस्किट भेज रहा है वह प्रिंसिपल होता है।
यदि जॉब वर्कर अपने goods पर कुछ काम करता है, तो यह जॉब वर्क के केस में नहीं आयेगा।
क्या जॉब वर्कर को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी है ? (Registration of Job worker under Gst in hindi )
जॉब वर्कर को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी है या नहीं, इसके लिए 3 rules है, जो की है –
- Voluntary – Job worker अपनी इच्छा से जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।
- Turnover based – यदि जॉब वर्कर का टर्नओवर 20 लाख या 10 लाख ( स्पेशल केटेगरी states के लिए ) से अधिक हो।
- mandatory – Jewellery, goldsmith, silversmith wares & other Article ( chapter 71) के केस में Job वर्कर Inter state सर्विस दे रहा हो।
प्रिंसिपल द्वारा जॉब वर्कर को गुड्स भेजने के नियम – supply of goods to Job worker by principal
जब भी प्रिंसिपल goods को Job worker के पास भेजना चाहता है, तो सबसे पहले उसे 3 कॉपियों में चालान तैयार करना पड़ेगा , जिसमे से 1 challan की कॉपी उसे अपने पास रखनी होगी और 2 कॉपियां जॉब वर्कर को भेजनी होगी।
आगे जब जॉब वर्कर का goods पर काम खत्म हो जाता है, तो उसे गुड्स के साथ उन 2 चालान कॉपियों में से 1 प्रिंसिपल को भेजनी होगी और 1 कॉपी अपने पास रखनी पड़ेगी।
यदि जॉब वर्कर को इन goods को आगे किसी अन्य जॉब वर्कर को भेजना पड़ता है तो, challan generate करने की प्रोसेस इसी तरह की जाएगी।
जॉब वर्कर को गुड्स कब तक प्रिंसिपल को वापस करना होता है ?
जब प्रिंसिपल goods को treatment या processing के लिए किसी जॉब वर्कर के पास भेजता है, तो जॉब वर्कर को एक निर्धारित समय में उन goods पर काम खत्म करके प्रिंसिपल को वापस भेजना होता है।
यदि निर्धारित समय में JOB WORKER द्वारा गुड्स प्रिंसिपल को वापस नहीं किये जाते, तो यह प्रिंसिपल द्वारा job worker को सप्लाई मानी जाएगी और इस ट्रांज़ैक्शन पर gst चार्ज होगा।
जॉब वर्कर को भेजे गए goods को 2 types में बाँटा गया है, जिसके हिसाब से इनकी टाइम लिमिट देखी जाती है। ये टाइप्स है, –
- INPUT GOODS – जॉब वर्कर को भेजे जाने की तारीख से 1 वर्ष के भीतर प्रिंसिपल को वापस भेजे जाने चाहिये।
- CAPITAL GOODS – 3 वर्ष के भीतर प्रिंसिपल को वापस भेजे जाने चाहिये।
यदि goods इस time limit के भीतर principal को वापस नहीं भेजे जाते या job worker के place से आगे सप्लाई नहीं किये जाते तो समय सीमा समाप्त होने के बाद वाले month में प्रिंसिपल को एक invoice issue करना होगा और उस ट्रांजैक्शन को अपनी रिटर्न में दिखाना होगा।
टाइम लिमिट समाप्त होने के बाद यदि जॉब वर्कर goods को प्रिंसिपल को वापस करता है, तो यह जॉब वर्कर द्वारा प्रिंसिपल को सप्लाई मानी जायेगी और इस पर gst चार्ज किया जायेगा।
लेकिन जॉब वर्कर रजिस्टर्ड नहीं है तो प्रिंसिपल को रिवर्स चार्ज के आधार पर gst का पेमेंट करना पड़ेगा।
क्या goods को जॉब वर्कर के place से बेचा जा सकता है ?
यदि जॉब वर्कर रजिस्टर्ड है तो प्रिंसिपल goods को job worker के place से सीधा सप्लाई कर सकता है।
लेकिन जॉब वर्कर रजिस्टर्ड नहीं है तो प्रिंसिपल तब ही वहाँ से सप्लाई कर सकता है, जब principal ने Job worker के place को अपना additional place of business दिखा रखा हो।
Input tax credit rules –
इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए प्रिंसिपल को half yearly या annual बेसिस पर form ITC 04 सबमिट करना होगा।
5 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले पर्सन को इसे half yearly बेसिस पर और 5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले पर्सन को इसे एनुअल बेसिस पर फ़ाइल करना होता है ।
इस फॉर्म में इन सभी को दिए गए challan की डिटेल्स भरी जायेगी –
- जॉब वर्कर को भेजे गए goods,
- Job worker से प्राप्त गुड्स,
- एक जॉब वर्कर से दूसरे जॉब वर्कर को भेजे गए goods .
Supply of WASTE & SCRAP – job work under gst in hindi
जॉब वर्क प्रोसेस के दौरान उत्पन्न waste & scrap को job worker द्वारा सप्लाई किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए जॉब worker का रजिस्टर्ड होना जरुरी है।
यदि वह रजिस्टर्ड नहीं है तो इनकी सप्लाई सिर्फ प्रिंसिपल द्वारा ही की जा सकती है।
जॉब वर्क के लिए goods भेजने के लिए आवश्यक documents –
- delivery challan
- E – way bill
- Form GST ITC 04
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यह भी जाने :
जॉब वर्कर अगर रजिस्टर्ड नही हैं तो प्रिंसिपल को जॉब वर्कर प्लेस , एडिशनल प्लेस में दिखाना जरूरी होता हैं।
अगर प्रिंसिपल गुड्स को जॉब वर्कर के प्लेस से सप्लाई करता है तो
NICE
I AM A MANUFACTURER
I AM RECEIVED GOODS BY PRINCIPLE(EN8D ROUND BAR) – 10000 KG AND TAXABLE VALUE -600000/-
AFTER DRAW (AFTER JOB WORK )
FINISHED GOODS(EN8D BRIGHT BAR) -9600 KG, SCRAPE -400 KG,
HOW TO PREPARE DELIVERY CHALLAN AND E-WAY BILL AND TAX INVOICE
BY TALLY
JOB WORK CHARGES RATE -4
Job work ke liye keval ITC 04 quarter hi fill hota h or is ki date quarter 24 hoti h ase tho nahi hota k jis ka turnover Jada ho tho us ko monthly fileing karna ho if yes tho return ke form Kon kon SE hote h and date or principal ke liye material send Karne pe dilevery challan ka Kya no hota h Kya is ka GST me koi register tho mainten tho nahi hota or Jo job work karta h us ko Kya Kya mentain karna hota h
Please solve above my quary
Dear Gulbahar saifi,
Job Work ki return ITC-04 quarter hi fill ki jaati hai iska turnover se koi lena dena nhi hota hai.
Job work karne ke liye kaun kaun se registration karwana zaroori hai
Jaise GST, ISO aur kya kya
job work kerne ke liye goods aaye aur as it is goods ko principal ko bhej de toh uska service invoice kaise banega