marginal tax relief budget 2023 – सरकार द्वारा बजट 2023 में छोटे टैक्सपेयर्स को कर से राहत देने के उद्देश्य से 7 लाख तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया गया था ।
जिसकी वजह से 7 लाख तक की इनकम वाले टैक्सपेयर तो जीरो टैक्स का पेमेंट करेंगे, लेकिन ऐसे टैक्सपेयर जिनकी इनकम 7 लाख से 100 रुपये भी ज्यादा है, उन्हें स्लैब रेट के आधार पर टैक्स देना होगा ।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी टैक्सपेयर की 7,01,000 की इनकम भी है, तो उसे करीब 25,100 रुपये का टैक्स भरना होगा ।
यानी कि उसी टैक्सपेयर की इनकम अगर 7 लाख तक रहती तो उसको जीरो टैक्स, लेकिन 7 लाख से मात्र 1000 रुपये की ज्यादा इनकम होने पर उसे 25,100 रुपये का टैक्स भरना पड़ रहा है ।
टैक्सपेयर की इनकम में मात्र 1000 रुपये बढ़ने से उसका टैक्स जीरो से 25,100 हो गया । यह एक सही टैक्स रूल नही है ।
क्योकि, इस रूल की वजह से काफी टैक्सपेयर अपनी कुछ इनकम को रिपोर्ट नही करेंगे, ताकि उनकी कुल इनकम 7 लाख से कम हो सके और उसे टैक्स नही देना पड़े । इससे टैक्स चोरी और कम इनकम रिपोर्ट करने की प्रैक्टिस बढ़ सकती है ।
टैक्सपेयर की इसी समस्या को समझते हुए सरकार द्वारा बजट 2023 में मार्जिनल टैक्स रिलीफ को जोड़ा गया ।
मार्जिनल टैक्स रिलीफ ऐसे टैक्सपेयर को राहत देगी जिनकी इनकम 7 लाख से ज्यादा होने पर उन्हें ज्यादा टैक्स देना पड़ रहा है ।
मार्जिनल टैक्स रिलीफ को समझने के लिए हमे सबसे पहले बजट 2023 में 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स नही लगने के रूल को समझना होगा ।
यह भी देखे –
- बजट 2023 के बाद इनकम टैक्स में किये गए इन 16 बदलावों को जाने
- कौनसी टैक्स स्लैब रेट चुने ? old and new tax slab in hindi
- म्यूच्यूअल फंड क्या होते है और म्यूच्यूअल फंड के इन टाइप्स को जानने से पहले न करे इन्वेस्ट।
Table of Contents
7 लाख तक की इनकम पर नही देना होगा टैक्स | new tax regime
फाइनेंसियल ईयर 2023-24 से ऐसे टैक्सपेयर जो कि नई टैक्स रिजीम को चूज करते है, को 7 लाख तक की इनकम तक टैक्स नही देना होगा ।
जिस टैक्सपेयर की इनकम 7 लाख से कम है उसे सेक्शन 87A में टैक्स अमाउंट या 25,000 जो भी कम है, की टैक्स रिबेट दी जाएगी ।
यह रिबेट सिर्फ उन्हीं टैक्सपेयर्स को प्राप्त होगी जिनकी इनकम 7 लाख से कम है । अगर टैक्सपेयर की इनकम 7 लाख से ज्यादा होती है, तो उसे सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट नही मिलेगी और उसे स्लैब रेट के अनुसार टैक्स देना होगा ।
जैसे – आकाश की कुल इनकम 7 लाख है, तो नई टैक्स रिजीम में एप्लीकेबल स्लैब रेट के अनुसार टैक्स कैलकुलेट करने पर 7 लाख तक की इनकम तक टैक्स की कुल राशि 25,000 की होगी ।
लेकिन 7 लाख तक इनकम होने पर आकाश द्वारा सेक्शन 87A में 25,000 तक के टैक्स अमाउंट की रिबेट क्लेम की जा सकती है, जिसकी वजह से उसे कुछ भी टैक्स नही देना होगा ।
लेकिन, इसी तरह से प्रकाश की इनकम 7,01,000 है और नई टैक्स रिजीम की स्लैब रेट के अनुसार उनके टैक्स की राशि 25,100 की बन रही है ।
इस केस में 7 लाख से ज्यादा इनकम होने पर प्रकाश सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट क्लेम करने के अयोग्य हो जाएंगे, जिसकी वजह से उन्हें पूरे 25,100 का टैक्स पेमेंट करना होगा ।
मात्र 1000 रुपये ज्यादा इनकम होने पर प्रकाश को 25,100 के टैक्स का पेमेंट करना पड़ गया, जबकि आकाश को जीरो टैक्स का पेमेंट करना पड़ा ।
सरकार द्वारा प्रकाश जैसे कई टैक्सपेयर की परेशानी को समझा गया और नई टैक्स रिजीम में मार्जिनल टैक्स रिलीफ के कांसेप्ट की शुरुआत की ।
यह भी देखे –
- सेक्शन 87A की टैक्स रिबेट क्या होती है। टैक्स रिबेट क्लेम करने की शर्ते और तरीका क्या है।
- सेक्शन 89 की रिलीफ से कैसे हम टैक्स बचा सकते है।
- इन कारणों की वजह से मिल सकता है इनकम टैक्स नोटिस, इतने समय तक बच कर रहे |
नई टैक्स रिजीम में मार्जिनल टैक्स रिलीफ क्या है। marginal tax relief budget 2023
बजट 2023 में लायी गयी मार्जिनल टैक्स रिलीफ ऐसे टैक्सपेयर पर एप्लीकेबल होगी, जिनकी इनकम 7 लाख से ज्यादा होने पर टैक्स की राशि उनकी 7 लाख से ज्यादा एडिशनल इनकम से ज्यादा हो जाती है ।
जैसे – फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में सुरेश की सैलरी 7,51,000 है । सुरेश द्वारा नई टैक्स रिजीम में टैक्स देना चूज किया जाता है । इस केस में सुरेश की नेट इनकम स्टैण्डर्ड डिडक्शन (50,000) को क्लेम करने के बाद 7,01,000 की हो जाएगी ।
नई टैक्स रिजीम में सुरेश की इनकम पर 25,100 का टैक्स बन रहा है, जो कि 7 लाख से ऊपर की इनकम 1000 रुपये से ज्यादा है, तो इस केस में सुरेश द्वारा मार्जिनल टैक्स रिलीफ क्लेम की जा सकती है ।
मार्जिनल टैक्स रिलीफ = 25,100 – 1,000 (टैक्स राशि – एडिशनल इनकम ) = 24,100 ।
तो इस केस में सुरेश द्वारा 24,100 की मार्जिनल टैक्स रिलीफ को क्लेम किया जा सकेगा ।
सुरेश द्वारा कुल भुगतान किए जाने वाले टैक्स की राशि = 25,100 – 24,100 = 1,000 (tax payable )
मार्जिनल टैक्स रिलीफ की वजह से सुरेश को 7 लाख से मात्र 1000 रुपये की इनकम ज्यादा होने पर सिर्फ 1,000 रुपये का टैक्स ही पेमेंट करना होगा । जबकि, मार्जिनल टैक्स रिलीफ का कांसेप्ट नही के केस में सुरेश को 25,100 के पूरे टैक्स का पेमेंट करना होता ।
ध्यान रखे – मार्जिनल टैक्स रिलीफ का नया रूल सिर्फ नई टैक्स रिजीम में ही लाया गया है । पुरानी टैक्स रिजीम में मार्जिनल टैक्स रिलीफ 50 लाख से ज्यादा इनकम होने पर दी जाती है ।
मार्जिनल टैक्स रिलीफ एग्जाम्पल | marginal tax relief budget 2023
पुरानी टैक्स स्लैब में 5 लाख से कम इनकम होने पर सेक्शन 87A में टैक्स रिबेट क्लेम की जा सकती है , जबकि नई टैक्स रिजीम में यह लिमिट 7 लाख की है ।
लेकिन, मार्जिनल टैक्स रिलीफ का कांसेप्ट सरकार द्वारा सिर्फ नई टैक्स रिजीम में ही लाया गया ।
सिर्फ नई टैक्स रिजीम में यह कांसेप्ट इसलिए लाया गया है ताकि लोग टैक्स देने के लिए नई टैक्स रिजीम को चुने, पुरानी को नही । इससे यह भी साफ है कि सरकार सिर्फ नई टैक्स रिजीम को ही बढ़ावा देना चाहती है ।
मार्जिनल टैक्स रिलीफ को हम एक और एग्जाम्पल से समझ सकते है –
जैसे – फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में आपकी कुल इनकम 7,05,000 है । इस केस में आपके द्वारा नई टैक्स रिजीम चुनने पर टैक्स की राशि 25,500 की होगी, जबकि आपकी 7 लाख से ऊपर एडिशनल इनकम मात्र 5000 की है । तो इस केस में आपके द्वारा मार्जिनल टैक्स रिलीफ क्लेम की जा सकेगी ।
मार्जिनल टैक्स रिलीफ = 25,500 – 5,000 = 20,500
आपको टैक्स का पेमेंट करना होगा = 25,500 – 20,500 = 5,000 ।
नोट – टैक्स की राशि मे एजुकेशन सेस नही जोड़ा गया है ।
इस केस में मार्जिनल टैक्स रिलीफ मिलने की वजह से आपके 20,500 के टैक्स की बचत हो गई ।
मार्जिनल टैक्स रिलीफ का रूल फाइनेंसियल ईयर 2023-24 से लागू होगा ।
अगर आपको आर्टिकल (marginal tax relief budget 2023 ) अच्छा लगे तो इसे आगे शेयर जरूर करे।
इनकम टैक्स और जीएसटी की जानकारी और निरंतर अपडेट्स के लिए हमारे व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़े – व्हाट्सअप ग्रुप
यह भी देखे –
- इनकम टैक्स रिटर्न last date के बाद फाइल करने पर कितना इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जायेगी ?
- इनकम टैक्स रिटर्न के इन 6 टाइप्स को जाने, आईटीआर फाइलिंग में नहीं होगी कोई गलती
- इन 3 कारणों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे इंटरेस्ट चार्ज करता है।
- गोल्ड को बेचने से होने वाले टैक्स के रूल्स को समझे
- भारत में गिफ्ट पर टैक्स कब लगाया जाता है। गिफ्ट टैक्स के सम्बन्ध में 8 इम्पोर्टेन्ट रूल्स।