अब बिज़नेस में दिए जाने वाले बेनिफिट्स पर भी टैक्स काटा जायेगा। section 194R in hindi

0
8916
section 194R in hindi

Section 194R in hindi – बजट 2022 में इनकम टैक्स एक्ट 1961 में टीडीएस का नया सेक्शन 194R जोड़ा गया, जो कि बिज़नेस या प्रोफेशन करने वाले पर्सन पर एप्लीकेबल होगा ।

सेक्शन 194R 1 जुलाई 2022 से एप्लीकेबल हो जायेगा, जिसके अनुसार अगर कोई पर्सन किसी दूसरे पर्सन को कोई बेनिफिट्स या perquisite प्रदान करता है, तो इन बेनिफिट्स को देने से पहले उस पर्सन को इस पर टीडीएस काटना होगा ।

यह सभी बेनिफिट्स भारत में रेजिडेंट पर्सन को देने पर ही लागू होंगे, नॉन रेजिडेंट पर्सन के केस में यह सेक्शन एप्लीकेबल नहीं होगा।

सेक्शन 194R के प्रावधान सप्लायर, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर, डॉक्टर आदि पर्सन पर लागू होंगे । यानी कि ऐसे सभी पर्सन जिन्हें बिज़नेस या प्रोफेशन करने की वजह से कोई बेनिफिट्स प्राप्त होते है । 

जैसे – किसी सप्लायर को सेल्स टारगेट पूरा होने पर कोई गिफ्ट दिया जाना या डॉक्टर्स को कोई मेडिसिन फ्री सैंपल के तौर पर दिया जाना या कंपनी के प्रोडक्ट को किसी दूसरे पर्सन को रेफर करने पर कोई ट्रिप या कोई दूसरा बेनिफिट देना , आदि ।

सैलरीड पर्सन को मिलने वाले बेनिफिट्स या perquisites पर इस सेक्शन में टीडीएस नहीं काटा जायेगा। 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने सेक्शन 194R के संबंध में टैक्सपेयर को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए गाइडलाइंस जारी की है, जिसमें सेक्शन 194R के संबंध में कई सवालों के जवाब दिए गए है ।

 

इन सवालों के बारे में हम आज के आर्टिकल (section 194R in hindi)  में चर्चा करेंगे ।

यह भी देखे –

Table of Contents

सेक्शन 194R में टीडीएस काटने की शर्ते क्या है ?

  • इस सेक्शन में टीडीएस सिर्फ रेजिडेंट पर्सन को पेमेंट करने पर टैक्स ही काटा जायेगा, नॉन – रेजिडेंट के केस में यह सेक्शन लागू नहीं होगा।
  • ऐसे पर्सन द्वारा टैक्स नहीं काटा जायेगा , जिनका बिज़नेस टर्नओवर 1 करोड़ से कम हो। प्रोफेशन के केस में यह लिमिट 50 लाख की होगी।
  • रेजिडेंट पर्सन को दिए जाने वाले बेनिफिट्स नकद में भी हो सकते है या kind (कार , बाइक, टिकट्स, प्रोडक्ट etc.) में  भी, या दोनों में भी।
  • सेक्शन 194R में टीडीएस उस केस में कटेगा, जब दिए गए बेनिफिट्स या perquisites की कुल राशि एक फाइनेंसियल ईयर में  20 हजार से ज्यादा की हो।
  • यह सेक्शन 1 जुलाई 2022 से एप्लीकेबल होगा, लेकिन 20 हजार की लिमिट की कैलकुलेशन में अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 तक के पीरियड के बेनिफिट्स को भी शामिल किया जायेगा।
  • 20 हजार से ज्यादा के बेनिफिट्स होने पर सेक्शन 194R में 10 % की रेट से टैक्स काटा जायेगा।

FAQs About Section 194R 

Q 1 – क्या बेनिफिट्स देने वाले पर्सन द्वारा यह चेक किया जायेगा कि Benefit or Perquisite की राशि प्राप्तकर्ता के हाथों में टैक्सेबल है या नहीं ?

Answer – नहीं, टैक्स डिडक्टर (बेनिफिट देने वाले पर्सन ) द्वारा यह चेक नहीं किया जायेगा कि प्राप्तकर्ता के हाथों में बेनिफिट की राशि टैक्सेबल है या नहीं।

सेक्शन 194R में टीडीएस काटने से पहले सिर्फ 2 चीजे देखी जाएगी , पहली कि बेनिफिट या perquisite भारतीय रेजिडेंट को दिये जा रहे है और यह 20 हजार से ज्यादा के है, अगर यह दोनों शर्ते पूरी होती है, तो डिडक्टर द्वारा 10% की रेट से टैक्स काटा जायेगा।

जैसे – किसी कार डीलर को सेल्स टारगेट पूरा करने पर कंपनी द्वारा कार गिफ्ट में दी जाती है , तो यह कंपनी द्वारा कार डीलर को दिया गया बेनिफिट माना जायेगा।  कंपनी द्वारा सेक्शन 194R में कार की वैल्यू पर 10% की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

कंपनी की कोई जिम्मेदारी नहीं है कि वह यह चेक करे कि कार की वैल्यू कार डीलर की हाथों में टैक्सेबल है या नहीं , कंपनी को सिर्फ इस ट्रांजेक्शन पर टीडीएस काटना होगा।

यह भी देखे –

क्या यह जरुरी होगा कि सेक्शन 194R में टैक्स उसी केस में कटेगा जब दिए गए benefit or perquisite पूरी तरह से Kind में हो ?

सेक्शन 194R में टैक्स काटने के लिए ऐसी कोई भी शर्त नहीं है कि दिए गए benefit or perquisite पूरी तरह से kind में हो। ये बेनिफिट्स पूरी तरह से नकद में या पूरी तरह से kind में या पार्टली नकद और पार्टली Kind में हो सकते है।

अगर यह पूरी तरह से Kind (वस्तु ) में है या कुछ पार्ट नकद में और कुछ पार्ट वस्तु में, और नकद की राशि टैक्स के लिए पर्याप्त नहीं है , तो टैक्स डिडक्टर द्वारा ये बेनिफिट्स प्राप्तकर्ता को उसी केस में दिए जायेंगे जब प्राप्तकर्ता ने पर्याप्त टैक्स की राशि जमा करवा दी हो।

जैसे – कंपनी द्वारा किसी डीलर को टारगेट अचीव करने पर बाइक गिफ्ट में दी जाती है, तो कंपनी द्वारा बाइक डीलर को उसी केस में दी जाएगी, जब डीलर द्वारा टीडीएस की राशि जमा कर दी हो।

क्या सेक्शन 194R में टैक्स उस केस में भी काटा जायेगा, जब benefit or perquisite एक तरह की कैपिटल असेट्स हो ?

जैसे कि पहले चर्चा की गई कि डिडक्टर की यह जिम्मेदारी नहीं है कि बेनिफिट्स की राशि प्राप्तकर्ता के हाथों में टैक्सेबल है या नहीं, उसको सिर्फ टीडीएस काटना है।

यानि की अगर benefit or perquisite एक कैपिटल असेट्स है, तो भी डिडक्टर द्वारा इस पर टैक्स काटा जायेगा।

कैपिटल असेट्स पर टैक्स नहीं लगाया जाता है, इसलिए यह मतभेद का विषय था कि इस तरह के बेनिफिट पर टीडीएस काटा जायेगा या नहीं। लेकिन, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कैपिटल असेट्स देने पर भी टीडीएस काटने की जिम्मेदारी तय करके इस मतभेद को खत्म कर दिया।

हालाँकि कई बार कोर्ट ने भी कैपिटल असेट्स पर टैक्स लगाने का आदेश पारित किया हुआ है, जैसे –

  • करदाता ने किसी Mr. A के साथ जमींन को खरीदने का एग्रीमेंट किया और कुछ राशि एडवांस में दी। इसके बाद Mr. A ने जमींन करदाता को न देकर किसी दूसरे पर्सन को बेच दी। करदाता ने कोर्ट में अपील की, तो कोर्ट ने करदाता के पक्ष में फैसला सुनाया और Mr A को करदाता को जुर्माना चुकाने को कहा। बाद में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस जुर्माने की राशि पर टैक्स लगाया, जो की एक कैपिटल रिसीट्स थी।
  • बैंक द्वारा लोन लोन के एक बार में सेटलमेंट करने पर करदाता के लोन के कुछ पार्ट को चुकाने की छूट दी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस छूट की राशि को  बिज़नेस या प्रोफेशन से मिलने वाला बेनिफिट माना और इस पर टैक्स लगाया।

इस तरह कई बार कैपिटल प्राप्ति पर भी टैक्स लगाया जाता है , इसलिए सेक्शन 194R में कैपिटल असेट्स पर भी टीडीएस काटा जायेगा।

यह भी देखे –

क्या कैश डिस्काउंट, सेल्स डिस्काउंट और रिबेट को भी सेक्शन 194R में टीडीएस काटने के लिए “benefit or perquisite” माना जायेगा ?

कई बिज़नेस पर्सन द्वारा अपने कस्टमर्स को कैश या सेल्स डिस्काउंट दिए जाते है, इस तरह के ट्रांजेक्शन काफी ज्यादा होते है, जिसकी वजह से सेलर को इन सभी ट्रांजेक्शनों पर टीडीएस काटने में काफी परेशानी हो सकती है, इस वजह से सरकार ने इस तरह के ट्रांजेक्शनो पर टीडीएस के रूल लागू नहीं किये।

इसी तरह कई बार ऐसे भी केस होते है, जिनमे सेलर द्वारा कुछ आइटम्स की खरीद पर कुछ आइटम्स को फ्री दिया जाता है , जैसे 10 आइटम खरीदने पर 2 आइटम फ्री। इस केस में 12 आइटम्स के लिए 10 की रेट चार्ज की जा रही है, सरकार ने ऐसे केसेज में भी सेलर की परेशानी को में ध्यान में रखते हुए, इन ट्रांजेक्शनों में टीडीएस के रूल्स एप्लीकेबल नहीं किये।

ध्यान रहे इस प्रकार के फ्री आइटम्स पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा, लेकिन फ्री सैंपल देने पर टीडीएस काटना अनिवार्य होगा।

सेक्शन 194R में टीडीएस काटने के लिए बताये गए कुछ “benefits or perquisites ” की डिटेल्स –

  • जब कोई पर्सन इंसेंटिव देता है ( डिस्काउंट या रिबेट के अलावा ) नकद में या Kind में ( जैसे – कार, टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल, गोल्ड कॉइन etc.)
  • किसी ट्रिप को स्पांसर करना
  • किसी इवेंट के लिए फ्री टिकट्स देना
  • मेडिकल प्रैक्टिशनर्स को फ्री सैंपल में दवाइयां देना।

इन सभी के अलावा भी काफी तरह के benefit or perquisite हो सकते है।

सेक्शन 194R में टीडीएस काटने के लिए इन benefit or perquisite की वैल्यू कैसे निकाली जाएगी ?

इन सभी बेनिफिट्स पर टैक्स मार्केट वैल्यू के हिसाब से काटा जायेगा, लेकिन इन 2 केसेज में वैल्यू अलग तरीके से निकाली जाएगी –

  • जब ये benefit or perquisite प्राप्तकर्ता को देने से पहले ख़रीदे जाते है, तो इनके खरीद मूल्य को इनकी वैल्यू माना जायेगा।
  • जब ये बेनिफिट्स किसी निर्माता (manufactures ) द्वारा दिए जाते है, तो उस निर्माता द्वारा इन बेनिफिट्स की जो कीमत दूसरे कस्टमर्स से चार्ज की जाएगी, वह राशि टीडीएस काटने के लिये इन बेनिफिट्स की वैल्यू मानी जाएगी।

यह भी देखे –

क्या किसी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को दिए गए प्रोडक्ट्स पर भी सेक्शन 194R में टैक्स काटा जायेगा ?

आजकल कई गुड्स निर्माता या बिज़नेस पर्सन द्वारा सोशल मीडिया के इन्फ्लुएंसर को कोई प्रोडक्ट दिया जाता है और उसके बारे में रिव्यु करने को कहा जाता है , ताकि लोगो को उनके प्रोडक्ट के बारे में जानकरी मिल सके।

कई बार कंपनियों द्वारा यह प्रोडक्ट सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को रिव्यु करने के बाद गिफ्ट में दे दिया जाता है और कई बार यह प्रोडक्ट कंपनियों द्वारा वापस मंगवा लिया जाता है।

इस केस में अगर यह प्रोडक्ट सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को गिफ्ट में दे दिया जाता है, तो इस पर सेक्शन 194R एप्लीकेबल होगा और इस प्रोडक्ट की वैल्यू पर टैक्स काटा जायेगा।

कंपनियों द्वारा वापस मंगवा लिए गए प्रोडक्ट को मात्र एक सर्विस माना जायेगा और इस पर टैक्स नहीं काटा जायेगा।

सेक्शन 194R में टीडीएस काटने के लिए कुल लिमिट कैसे निकाली जाएगी ? (section 194R in hindi )

इस सेक्शन में टीडीएस उस केस में कटेगा जब benefit or perquities की वैल्यू एक फाइनेंसियल ईयर में 20 हजार से ज्यादा की होगी।

20 हजार की लिमिट 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के पीरियड तक देखी जाएगी। अगर इस पीरियड में benefit or perquisite की राशि 20 हजार से ज्यादा की हो जाती है, तो इस पर सेक्शन 194R में टैक्स काटा जायेगा।

ध्यान रहे सेक्शन 194R 1 जुलाई 2022 से एप्लीकेबल है, और अगर किसी पर्सन के केस में 20 हजार की लिमिट जून 2022 तक ही क्रॉस हो जाती है, तो पिछले किसी भी ट्रांजेक्शन में टीडीएस नहीं काटा जायेगा ।

यानि की टीडीएस सिर्फ 1 जुलाई 2022 के बाद के ट्रांजेक्शन पर ही कटेगा, लेकिन 20 हजार की लिमिट पूरे वर्ष की ली जाएगी।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT ) द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन्स देखे – https://www.incometaxindia.gov.in/communications/circular/circular-no-12-2022.pdf

 

अगर आपको आर्टिकल (section 194R in hindi) अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करे।

यह भी देखे –

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here