section 234 ABC of income tax act | इन 3 कारणों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे इंटरेस्ट चार्ज करता है।

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section 234 ABC of income tax act

section 234 ABC of income tax actइनकम टैक्स एक्ट 1961 में टैक्सपेयर पर इनकम टैक्स रिटर्न की लेट फाइलिंग करने और एडवांस टैक्स को जमा नहीं करवाने या कम जमा करवाने पर अलग – अलग तरह के इंटरेस्ट लगाये जाते है । 

अधिकतर टैक्सपेयर द्वारा इन अलग – अलग टाइप्स के इंटरेस्ट पर ध्यान नही दिया जाता है, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के समय जब टैक्स अमाउंट इन इंटरेस्ट की वजह से बढ़ जाता है, तो टैक्सपेयर की नजर इन पर जाती है ।

अगर आपके द्वारा इन अलग – अलग टाइप्स के इंटरेस्ट के बारे में पहले ही जान लिया जाये और इनकम टैक्स एक्ट में बताए गए रूल्स का पालन किया जाए, तो इन इंटरेस्ट के टाइप्स से बचा जा सकता है ।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 234A, सेक्शन 234B और सेक्शन 234C में ये इंटरेस्ट चार्ज किये जाते है । आपको इन इंटरेस्ट का पेमेंट इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के समय टैक्स अमाउंट के साथ मे करना होता है ।

आज के आर्टिकल (section 234 ABC of income tax act) में हम सेक्शन 234A, सेक्शन 234B और सेक्शन 234C में लगने वाले इंटरेस्ट के रूल्स को इनकी कैलकुलेशन के साथ समझेंगे ।

यह भी जाने –

सेक्शन 234A क्या होता है और इसमें इंटरेस्ट कब लगाया जाता है | section 234A of income tax act 1961 

इनकम टैक्स रिटर्न को लास्ट डेट के बाद फ़ाइल करने पर सेक्शन 234A में इंटरेस्ट लगाया जाता है । यह 1% प्रति महीने की रेट से चार्ज किया जाता है, जो कि टैक्स अमाउंट पर चार्ज किया जाता है ।

सेक्शन 234A की इंटरेस्ट कैलकुलेशन में महीने के पार्ट को भी पूरा महीना माना जाता है और पूरे महीने की इंटरेस्ट रेट लगायी जाती है । जैसे – रिटर्न को 1 महीने 5 दिन की देरी से फ़ाइल करने पर पूरे 2 महीने का इंटरेस्ट लगाया जाएगा ।

Section 234A में इंटरेस्ट चार्ज करने के लिए सबसे पहले आपकी बकाया टैक्स लायबिलिटी निकाली जाती है, उसके बाद इस टैक्स लायबिलिटी पर यह इंटरेस्ट चार्ज किया जाता है । 

बकाया टैक्स लायबिलिटी निकालने के लिए एडवांस टैक्स, टीडीएस, टीसीएस, सेक्शन 89/90/90A/91की रिलीफ और सेक्शन 115JAA/115JD की टैक्स क्रेडिट की राशि को घटाया जाता है ।

Q – अजय की एक रेडीमेड गारमेंट्स की शॉप है । उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई 2022 है । अजय के द्वारा रिटर्न 3 दिसंबर 2022 को फ़ाइल की जाती है । अजय की टैक्स लायबिलिटी 28,400 की है । इसके अलावा अजय का 15,000 का टीडीएस अमाउंट है और 5000 एडवांस टैक्स जमा किया हुआ है । क्या अजय के द्वारा सेक्शन 234A में इंटरेस्ट पेमेंट किया जाएगा और यदि हाँ तो कितना ? 

A – अजय के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की लास्ट डेट 31 जुलाई 2022 थी, लेकिन उनके द्वारा 3 दिसंबर 2022 को रिटर्न फ़ाइल की गई, इसलिए सेक्शन 234A का इंटरेस्ट लगाया जाएगा ।

अजय ने 4 महीने और 3 दिन के बाद रिटर्न फ़ाइल की, इसलिए उनके ऊपर सेक्शन 234A में 5 महीने का इंटरेस्ट चार्ज किया जाएगा (महीने के पार्ट को भी पूरा महीना माना जायेगा ) ।

एडवांस टैक्स और टीडीएस की राशि को टैक्स लायबिलिटी से घटाया जाएगा और बकाया टैक्स लायबिलिटी पर इंटरेस्ट चार्ज किया जाएगा ।

Section 234A interest calculation – 28,400 – (15,000 टीडीएस  +5000 एडवांस टैक्स ) = 8,400×1%×5 महीने  = 420 

इस केस में अजय को अपनी टैक्स लायबिलिटी के साथ सेक्शन 234A के इंटरेस्ट की राशि 420 को भी जमा करवानी होगी ।

यह भी जाने –

सेक्शन 234B क्या होता है और इसमें इंटरेस्ट कब लगाया जाता है। section 234B of income tax act 1961  

अगर आपके द्वारा एडवांस टैक्स जमा नहीं किया जाता है या कम जमा किया जाता है, तो आपको सेक्शन 234B में इंटरेस्ट जमा करवाना होगा ।

सेक्शन 234B में इंटरेस्ट 1 % प्रति महीने के हिसाब से चार्ज किया जाता है, जो कि बकाया टैक्स लायबिलिटी पर चार्ज किया जाता है । Section 234B की इंटरेस्ट कैलकुलेशन में महीने के पार्ट को भी पूरा महीना माना जायेगा ।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार टैक्सपेयर की टैक्स लायबिलिटी 10,000 से ज्यादा की होती है, तो उसे एडवांस टैक्स जमा करवाना होता है ।

जैसे – आपकी टैक्स लायबिलिटी 26,000 की है, तो आपको एडवांस टैक्स जमा करवाना अनिवार्य होगा, इसे जमा नही करवाने पर सेक्शन 234B में इंटरेस्ट चार्ज किया जाएगा, जिसका इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के समय पेमेंट किया जाएगा ।

सेक्शन 234B में आपको इंटरेस्ट का पेमेंट नही करना होगा, अगर “Assessed Tax ”  का 90% आपने जमा करवा दिया हो ।

Q –  असेसमेंट ईयर 2022-23 में किशोर की टैक्स लायबिलिटी 60,000 की है । किशोर ने 40,000 का एडवांस टैक्स जमा करवा दिया है और 16,000 का टीडीएस कट चुका है । किशोर ने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न 25 जुलाई 2022 को फ़ाइल की । क्या किशोर को सेक्शन 234B में इंटरेस्ट जमा करवाना होगा और हाँ तो कितना ?

 

A – इस केस में किशोर का कुल 56,000 का टैक्स जमा चुका है ( एडवांस टैक्स 40,000 और टीडीएस 16,000 ) | और जमा हो चुका टैक्स उसकी टैक्स लायबिलिटी के 90%* से ज्यादा है, तो इस केस में किशोर को सेक्शन 234B में कोई भी इंटरेस्ट का पेमेंट नही करना होगा । 

* किशोर की टैक्स लायबिलिटी 60,000 की थी, तो किशोर को अपनी टैक्स लायबिलिटी का कम से कम 90% का पेमेंट करना था, जो कि 54,000 था । किशोर ने कुल 56,000 का पेमेंट किया , जो कि 90% से ज्यादा है , इसलिए सेक्शन 234B में इंटरेस्ट चार्ज नही किया जाएगा ।

अगर इस केस में किशोर का टीडीएस नही कटा होता, तो किशोर द्वारा जमा करवाया गया एडवांस टैक्स 40,000 का ही था, जो कि टैक्स लायबिलिटी के 90 % से कम का था । इसलिए सेक्शन 234B में इंटरेस्ट चार्ज किया जाता ।

सेक्शन 234B में इंटरेस्ट 1 अप्रैल से रिटर्न फाइलिंग की डेट तक लगाया जाता है, जो कि 25 जुलाई 2022 है । यानी कि कुल 4 महीने (अप्रैल – जुलाई ) का इंटरेस्ट चार्ज किया जाएगा ।

सेक्शन 234B इंटरेस्ट कैलकुलेशन – 20,000 (60,000 – 40,000 एडवांस टैक्स  ) ×1 % × 4 महीने = 800

यह भी जाने –

सेक्शन 234C क्या है और इसमें इंटरेस्ट कब लगाया जाता है। section 234c of income tax act 1961 

सेक्शन 234C में भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा आपसे ब्याज चार्ज किया जाता है , जो कि कम एडवांस टैक्स जमा करवाने पर लिया जाता है। इस सेक्शन में आपसे ब्याज उस केस में लिया जाता है , जब एडवांस टैक्स की इन्सटॉलमेंट में आप कम टैक्स जमा करवाते है।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार टैक्सपेयर को 4 इंस्टॉलमेंट में एडवांस टैक्स जमा करवाना होता है।  इन इन्सटॉलमेंट में टैक्सपेयर को अपनी टैक्स लायबिलिटी की कुछ परसेंटेज को एडवांस टैक्स के तौर पर जमा करवाना होता है। किसी भी इन्सटॉलमेंट में कम टैक्स जमा करने पर सेक्शन 234C में इंटरेस्ट का पेमेंट करना होता है।

एडवांस टैक्स जमा करवाने की due dates  –

status by 15th june by 15th september by 15th december by 15th march
 सभी टैक्सपेयर (सेक्शन 44AD/44ADA में presumptive टैक्सेशन स्कीम का चुनाव करने वाले टैक्सपेयर के अलावा ) upto 15% of advance tax upto 45% of advance tax upto 75% of advance tax upto 100% of advance tax
सेक्शन 44AD/44ADA के टैक्सपेयर nil nil nil upto 100% of advance tax

 

अगर टैक्सपेयर द्वारा इस मिनिमम लिमिट से कम एडवांस टैक्स जमा किया जाता है , तो सेक्शन 234C में टैक्सपेयर को इंटरेस्ट चुकाना होगा।  लेकिन, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा टैक्सपेयर को पहली और दूसरी क़िस्त में मिनिमम लिमिट को थोड़ा और कम किया गया है , ताकि टैक्सपेयर द्वारा सेक्शन 234 C के इंटरेस्ट से बचा जा सके।

अगर टैक्सपेयर द्वारा इस मिनिमम एडवांस टैक्स का पेमेंट किया जाता है, तो उसको सेक्शन 234C में इंटरेस्ट नहीं देना होगा –

  • 15 जून या इससे पहले टैक्सपेयर द्वारा एडवांस टैक्स का कम से कम 12 % जमा करवा दिया जाये, तो सेक्शन 234C में इंटरेस्ट नहीं लगेगा।
  • 15 सितम्बर या इससे पहले एडवांस टैक्स का 36% जमा करने पर।
  • 15 दिसंबर या पहले एडवांस टैक्स का 75% जमा कर दिया जाये।
  • 15 मार्च या इससे पहले 100 % एडवांस टैक्स जमा कर दिया जाये।

यह भी देखे –

सेक्शन 234 C में इंटरेस्ट किस रेट से और कितने पीरियड के लिए लगाया जायेगा ?

सेक्शन 234C में टैक्सपेयर को 1 % प्रति महीने की रेट से इंटरेस्ट जमा करवाना होगा।  महीने के पार्ट को भी पूरा महीना माना जायेगा।

इस सेक्शन में इंटरेस्ट 3 महीने के पीरियड के लिए लगाया जाता है। जैसे – एडवांस टैक्स की पहली इन्सटॉलमेंट में कम टैक्स का पेमेंट किया जाता है , तो अगले 3 महीनो के लिए इंटरेस्ट चार्ज किया जायेगा।

इसी प्रकार दूसरी इन्सटॉलमेंट में भी कम टैक्स का पेमेंट किया जाता है , तो बकाया राशि पर अगले 3 महीनो के लिए इंटरेस्ट चार्ज किया जायेगा। लेकिन , एडवांस टैक्स की 4th इन्सटॉलमेंट में कम टैक्स का पेमेंट करने पर 1 महीने का इंटरेस्ट चार्ज किया जायेगा।

यह भी जाने –

section 234C Example & Calculation | (section 234 ABC of income tax act)

Q – रमेश एक मेडिकल स्टोर चलाते है और टैक्स लायबिलिटी 45,500 की है। उनके द्वारा एडवांस टैक्स का पेमेंट किया गया है –

  • 15 जून को 8000
  • 15 सितम्बर को 11,000
  • 15 दिसम्बर को 12000
  • 15 मार्च को 14,500

रमेश एक नार्मल टैक्सपेयर है (सेक्शन 44AD/44ADA ) के अलावा) | क्या रमेश को सेक्शन 234 C में इंटरेस्ट का पेमेंट करना होगा और हाँ तो कितना ?

A – रमेश की टैक्स लायबिलिटी 10 हजार से ज्यादा की है , इसलिए उनको एडवांस टैक्स का पेमेंट करना होगा। रमेश सेक्शन 44AD और 44ADA के टैक्सपेयर नहीं है, इसलिए उन्हें एडवांस टैक्स का पेमेंट 4 इन्सटॉलमेंट में करना होगा।

Section 234C interest calculation 

  1. Ist installment – रमेश को पहली इन्सटॉलमेंट में एडवांस टैक्स के कम से कम 15 % टैक्स का पेमेंट करना था, जो कि है – 45,500 * 15/100 = 6,825 . रमेश द्वारा पहली इन्सटॉलमेंट में 8000 के एडवांस टैक्स का पेमेंट किया गया, जो कि मिनिमम अमाउंट से ज्यादा है, इसका मतलब हुआ रमेश द्वारा कम एडवांस टैक्स का पेमेंट नहीं किया गया। इसलिए रमेश पर पहली इन्सटॉलमेंट के लिए सेक्शन 234 C का इंटरेस्ट चार्ज नहीं किया जायेगा।
  2. IInd Installment – रमेश को एडवांस टैक्स की दूसरी इन्सटॉलमेंट में कम से कम 45 % टैक्स का पेमेंट करना था, जो कि है – 45,500* 45/100 = 20,475 . रमेश द्वारा पहली इन्सटॉलमेंट में 8000 का और दूसरी इन्सटॉलमेंट में 11,000 का टैक्स पेमेंट किया गया , यानि कुल टैक्स पेमेंट 19,000 का है। दूसरी इन्सटॉलमेंट में रमेश द्वारा 20,475 – 19,000 = 1475 के कम टैक्स का पेमेंट किया गया। लेकिन , इनकम टैक्स के रूल्स के अनुसार अगर कोई टैक्सपेयर दूसरी इन्सटॉलमेंट में कम से कम 36 % के टैक्स का पेमेंट कर देता है, तो उसको सेक्शन 234C में इंटरेस्ट नहीं देना होगा। इस केस में रमेश की टैक्स लायबिलिटी का 36 % ( 45,500 *36%) = 16,380 ) है , लेकिन रमेश ने 19000 के एडवांस टैक्स का पेमेंट किया है , रमेश द्वारा कम टैक्स का पेमेंट नहीं किया गया है , इसलिए सेक्शन 234c में इंटरेस्ट चार्ज नहीं किया जायेगा।
  3. IIIrd Installment – तीसरी इन्सटॉलमेंट में रमेश को टैक्स लायबिलिटी का कम से कम 75 % के टैक्स का पेमेंट करना था , जो कि है – 45,500*75/100 = 34,125 . रमेश द्वारा अभी तक पेमेंट किया गया टैक्स है ,31,000  (8000 + 11000 + 12000 ) . तीसरी इन्सटॉलमेंट में रमेश द्वारा 3125 ( 34125 -31000 ) के कम टैक्स का पेमेंट किया गया। इसलिए रमेश को तीसरी इंस्टालमेंट के लिए सेक्शन 234C के इंटरेस्ट का पेमेंट करना होगा।
  4. IVth Installment – रमेश को अपनी चौथी इन्सटॉलमेंट में 100 % के एडवांस टैक्स का पेमेंट करना था। रमेश द्वारा कुल पेमेंट किया गया टैक्स – 8000 +11000 +12000 +14500 = 45,500 है। इस केस में रमेश द्वारा अपनी कुल टैक्स लायबिलिटी का एडवांस टैक्स के तौर पर भुगतान कर दिया गया है , इसलिए रमेश पर चौथी इन्सटॉलमेंट के लिए सेक्शन 234 सी में इंटरेस्ट चार्ज नहीं किया जायेगा।

इस केस में रमेश को सिर्फ तीसरी इन्सटॉलमेंट के लिए ही सेक्शन 234C में ब्याज का पेमेंट करना होगा। तीसरी इन्सटॉलमेंट में कम टैक्स की राशि 3125 को राउंड ऑफ करके 3100 पर इंटरेस्ट की कैलकुलेशन की जाएगी।

सेक्शन 234 सी इंटरेस्ट = 3100 * 1 % * 3 महीने = 93

रमेश को सेक्शन 234 सी में कुल 93 के इंटरेस्ट का पेमेंट करना होगा।

 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा section 234 ABC of income tax act की जारी की गयी पीडीएफ को डाउनलोड करे  – पीडीएफ 

 

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