section 54B of income tax act – आप एक किसान है और अपनी एग्रीकल्चर जमीन को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना चाहते है, इसलिए आपने अपनी खेती की जमीन को बेच दिया और जमीन बेचने से आये पैसों से आपने दूसरी जगह पर कोई एग्रीकल्चरल जमीन खरीदी ।
इस केस में आपका मकसद सिर्फ अपनी एग्रीकल्चरल लैंड को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने का है, न कि इस जमीन को बेच कर पैसे कमाने का । लेकिन, इस केस में एग्रीकल्चरल जमीन को बेचने से होने वाले कैपिटल गेन पर आपको टैक्स देना होता है, जो कि उचित नही है ।
टैक्सपेयर की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए इनकम टैक्स एक्ट 1961 में सेक्शन 54B लाया गया ।
सेक्शन 54B ऐसे टैक्सपेयर्स को टैक्स से राहत प्रदान करता है, जो कि एक एग्रीकल्चरल जमीन को बेचकर कोई दूसरी एग्रीकल्चरल जमीन खरीदता है ।
Table of Contents
एग्रीकल्चरल जमीन को बेचने से होने वाले गेन पर टैक्स बचाने के रूल्स क्या है ?
इनकम टैक्स एक्ट में एग्रीकल्चरल लैंड को इनकम टैक्स लगाने के उद्देश्य से 2 पार्ट में अलग किया जाता है । पहला ग्रामीण कृषि भूमि और दूसरी शहरी कृषि भूमि ।
ग्रामीण कृषि भूमि को कैपिटल असेट्स नही माना जाता है, इसलिए इसको बेचने पर होने वाले गेन पर टैक्स नही लगाया जाता है ।
लेकिन शहरी कृषि भूमि को कैपिटल असेट्स माना जाता है, इसलिए इसको बेचने से होने वाले गेन पर टैक्स लगाया जाता है ।
हालांकि, शहरी कृषि भूमि को बेचने से होने वाले कैपिटल गेन पर टैक्स बचाया जा सकता है, अगर आपके द्वारा कैपिटल गेन की राशि से किसी दूसरी एग्रीकल्चरल लैंड को खरीदा जाता है ।
लेकिन, यह टैक्स छूट क्लेम करने के लिए आपको इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54B की कंडीशन्स को पूरा करना होता है ।
सेक्शन 54B में टैक्स छूट क्लेम करने की शर्तें क्या होती है ?
- सेक्शन 54B में टैक्स छूट सिर्फ इंडिविजुअल या HUF द्वारा ही क्लेम की जा सकती है । कंपनी, फर्म या LLP द्वारा नही ।
- ट्रांसफर की गई असेट्स एग्रीकल्चरल लैंड होनी चाहिए, जो कि लांग टर्म या शार्ट टर्म हो सकती है ।
- एग्रीकल्चरल लैंड ट्रांसफर करने की तारीख से पहले कम से कम 2 साल तक इंडिविजुअल या उसके पेरेंट्स द्वारा खेती के उद्देश्य से काम में ली गयी होनी चाहिए । HUF के केस में किसी भी फैमिली मेंबर द्वारा खेती के लिए यूज़ में ली गयी हो सकती है ।
- एग्रीकल्चरल लैंड को ट्रांसफर करने की तारीख से 2 वर्ष के भीतर नई कृषि भूमि खरीदनी होगी ।
- सरकार द्वारा Compulsory acquisition करने के केस में नई कृषि भूमि खरीदने के 2 साल का पीरियड कंपनसेशन प्राप्त करने की तारीख से देखा जायेगा । हालांकि, Compulsory acquisition के केस में सेक्शन 10(37) में कैपिटल गेन टैक्स फ्री होता है ।
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सेक्शन 54B में कितनी टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है ?
एक एग्रीकल्चरल लैंड को बेचकर दूसरी एग्रीकल्चरल लैंड को खरीदने पर टैक्सपेयर द्वारा सेक्शन 54B में टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है, जो कि इन दोनों में जो भी कम है कि दी जाएगी –
- कृषि भूमि को बेचने से हुए कैपिटल गेन या
- नई कृषि भूमि में इन्वेस्टमेंट ।
जैसे – अशोक ने अप्रैल 2017 में एग्रीकल्चरल लैंड खरीदी और खरीदने की तारीख से ही इसे खेती के काम में लेना शुरू कर दिया था । जुलाई 2022 में अशोक द्वारा इस जमीन को बेच दिया जाता है, जिससे अशोक को 3 लाख का कैपिटल गेन होता है । जमीन को बेचने से आये पैसों से अशोक द्वारा 6 लाख की दूसरी कृषि भूमि खरीदी जाती है ।
इस केस में अशोक द्वारा सेक्शन 54B में टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है –
- कैपिटल गेन (3 लाख) या
- नई कृषि भूमि में निवेश (6 लाख )
इन दोनों में से जो भी कम है, कि टैक्स छूट अशोक द्वारा क्लेम की जा सकती है । यानी कि 3 लाख की छूट अशोक द्वारा सेक्शन 54B में क्लेम की जा सकती है ।
अगर इस केस में अशोक द्वारा सिर्फ 2 लाख ही नई कृषि भूमि को खरीदने में खर्च किये जाते , तो उसे सेक्शन 54B में सिर्फ 2 लाख की ही टैक्स छूट दी जाती और बैलेंस 1 लाख उसका टैक्सेबल कैपिटल गेन माना जाता ।
खरीदी गई नई कृषि भूमि को बेचने का परिणाम –
टैक्सपेयर द्वारा एक कृषि भूमि को बेच कर दूसरी कृषि भूमि खरीदने की सेक्शन 54B में टैक्स छूट दी जाती है, लेकिन इस बेनिफिट का मिस यूज नही हो, इसलिए सरकार ने नई कृषि भूमि को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया ।
सरकार के इस नियम के अनुसार अगर नई कृषि भूमि खरीदने की तारीख से 3 वर्ष के भीतर बेची जाती है, तो टैक्सपेयर द्वारा सेक्शन 54B में जो बेनिफिट लिया गया था, वह वापस ले लिया जाएगा ।
3 वर्ष के भीतर बेचने पर टैक्स छूट किस तरीके से वापस ली जायेगी ?
अगर टैक्सपेयर द्वारा सेक्शन 54B में टैक्स छूट ली गयी थी और खरीदी गई नई कृषि भूमि को 3 वर्ष से पहले बेच दिया जाता है, तो इस भूमि को बेचने से होने वाले कैपिटल गेन की कैलकुलेशन में ” cost of acquisition ” में से सेक्शन 54B में दी गयी छूट को घटा दिया जाएगा ।
Example of section 54B of income tax act –
राजेश ने अप्रैल 2022 में 25,00,000 की कोई एग्रीकल्चरल लैंड बेची, जिस पर वह पिछले 5 वर्षों से एग्रीकल्चरल एक्टिविटी कर रहा था । इस कृषि भूमि को बेचने से उसे 8,00,000 का कैपिटल गेन हुआ ।
राजेश द्वारा दिसंबर 2022 में 10 लाख की नई कृषि भूमि खरीदी जाती है । इसके बाद अप्रैल 2023 में उसके द्वारा नई कृषि भूमि को 12 लाख में बेच दिया जाता है। तो इस केस में फाइनेंसियल ईयर 2022-23 और 2023-24 में कैपिटल गेन की राशि क्या होगी ?
Solution –
Capital gain for F. Y. 2022 -23
राजेश द्वारा 25 लाख की एग्रीकल्चरल लैंड बेची गयी, जिस पर उसे 8 लाख का कैपिटल गेन हुआ । लेकिन राजेश ने 10 लाख की नई एग्रीकल्चरल लैंड भी खरीदी, जिसकी वजह से वह सेक्शन 54B में exemption क्लेम कर सकता है ।
सेक्शन 54B में exemption दोनों में से कम अमाउंट की दी जाएगी –
- कैपिटल गेन की राशि (8 लाख )
- नई एग्रीकल्चरल लैंड में निवेश (10 लाख )
इन दोनों में कम 8 लाख है, इसलिए राजेश द्वारा सेक्शन 54B में 8 लाख की exemption क्लेम की जा सकती है।
इसलिए फाइनेंसियल ईयर 2022-23 में टैक्सेबल कैपिटल गेन होगा –
Particulars | Amount |
Capital gain | 8,00,000 |
Less : section 54B exemption | 8,00,000 |
Taxable capital gain | Nil |
Capital gain for financial year 2023-24
यदि टैक्सपेयर द्वारा सेक्शन 54B में exemption क्लेम की जाती है और उसके द्वारा नई कृषि भूमि को उसकी खरीद की तारीख से 3 वर्ष के भीतर बेच दिया जाता है, तो उसके द्वारा प्राप्त किये गए सेक्शन 54B के बेनिफिट्स वापस ले लिए जाएंगे ।
इस केस में राजेश ने नई कृषि भूमि को अप्रैल 2023 में 12 लाख में बेच दिया गया (3 वर्ष के भीतर ) । इसलिए राजेश को पहले दिए गए सेक्शन 54B के बेनिफिट्स वापस ले लिए जाएंगे ।
सेक्शन 54B के बेनिफिट्स वापस लेने के लिए नई कृषि भूमि की ” cost of acquisition” में से सेक्शन 54B की टैक्स छूट घटा दी जाएगी ।
इसलिए इस केस में नई कृषि भूमि की cost of acquisition मानी जायेगी –
Cost of acquisition of new land | 10,00,000 |
Less : section 54B exemption claimed earlier | 8,00,000 |
Cost of acquisition for calculating capital gain | 2,00,000 |
Capital gains for F.Y. 2023-24
Sale value of new land | 12,00,000 |
Less : cost of acquisition | 2,00,000 |
Short term capital gain | 10,00,000 |
कैपिटल गेन डिपाजिट अकॉउंट स्कीम –
सेक्शन 54B में exemption क्लेम करने के लिए टैक्सपेयर को पुरानी कृषि भूमि को बेचकर 2 वर्ष के भीतर नई कृषि भूमि खरीदनी होती है ।
लेकिन, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की तारीख तक टैक्सपेयर द्वारा या तो नई कृषि भूमि में निवेश कर दिया जाना चाहिए या फिर कैपिटल गेन की राशि को कैपिटल गेन डिपाजिट अकॉउंट स्कीम में अकॉउंट खोलकर जमा करवा देना चाहिये ।
क्योकि, इन दोनों में से एक भी काम नही करने पर आपके द्वारा सेक्शन 54B में टैक्स छूट क्लेम नही की जा सकेगी ।
कैपिटल गेन डिपाजिट अकॉउंट स्कीम में अकॉउंट किसी भी पब्लिक सेक्टर बैंक में खोला जा सकता है । इस अकॉउंट में जमा राशि का यूज़ निर्धारित टाइम लिमिट में नई जमीन की खरीद के लिए हो जाना चाहिए ।
अगर टैक्सपेयर द्वारा इस अकॉउंट में जमा राशि का निर्धारित टाइम लिमिट ( कृषि भूमि के बेचने से 2 वर्ष के भीतर ) में नई कृषि भूमि को खरीदने में नही किया जाता है या किसी और चीज में काम मे ले लिया जाता है, तो टैक्सपेयर द्वारा पहले क्लेम की गई सेक्शन 54B की exemption को वापस ले लिया जाएगा ।
जिस फाइनेंसियल ईयर में टैक्सपेयर की 2 वर्ष की समय सीमा समाप्त हो रही है, उस वर्ष में टैक्सपेयर द्वारा सेक्शन 54B में क्लेम की गई छूट को कैपिटल गेन माना जायेगा और उसे उस पर टैक्स देना होगा ।
टैक्सपेयर को होने वाला कैपिटल गेन शार्ट टर्म होगा या लांग टर्म, यह बेची गयी असेट्स के होल्डिंग पीरियड पर डिपेंड करेगा ।
read in English – capital gain on sale of agriculture land
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