किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने पर टीडीएस कब काटा जायेगा। प्रॉपर्टी पर टीडीएस रूल्स। tds on immovable property section 194ia

1
5939
tds on immovable property section 194ia

tds on immovable property section 194ia -1 जून 2013 से पहले किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने पर टीडीएस के कोई प्रावधान लागू नहीं होते थे। लेकिन काफी कम लोगों द्वारा प्रॉपर्टी के ट्रांजैक्शनों की रिपोर्ट अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में दी जाती थी।

साथ ही प्रॉपर्टी के ट्रांजैक्शनों की वैल्यू भी काफी कम रिपोर्ट की जाती थी, जिससे सरकार को टैक्स का काफी नुकसान हो रहा था।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा 1 जून 2013 को सेक्शन 194IA लाया गया।

सेक्शन 194ia के अनुसार अगर आप कोई किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने – बेचने का ट्रांजेक्शन करते है, तो इस तरह के ट्रांजेक्शन पर टीडीएस काटा जायेगा।

हालाँकि, टीडीएस उसी उस केस में काटा जायेगा जब कुछ कंडीशंस पूरी होंगी। इन कंडीशंस के बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।

आज के आर्टिकल (tds on immovable property section 194ia) में हम सेक्शन 194IA के बारे में जानेंगे।

Table of Contents

सेक्शन 194ia क्या है ? – what is section 194 ia 

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 194ia में किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने पर टीडीएस के प्रावधान बताए गए है। इस सेक्शन के अनुसार यदि कोई पर्सन किसी भारत के निवासी (रेजिडेंट ) को किसी प्रॉपर्टी को खरीदने के सम्बन्ध में कोई भुगतान करता है , तो उसे इस भुगतान पर टीडीएस काटना होगा।

हालाँकि, किसी भी प्रॉपर्टी पर टीडीएस काटने के लिए दो चीजे देखनी जरुरी होगी –

  1. प्रॉपर्टी की बिक्री राशि ( sale consideration ) और
  2. प्रॉपर्टी की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू

अगर इन दोनों का अमाउंट 50 लाख से ज्यादा का है, तो प्रॉपर्टी की खरीद पर टीडीएस काटा जायेगा। साथ ही इन दोनों में जो भी ज्यादा होगा, उस अमाउंट पर टीडीएस काटा जायेगा।

प्रॉपर्टी पर टीडीएस किस रेट से काटा जायेगा ?

सेक्शन 194IA में प्रॉपर्टी की खरीद पर प्रॉपर्टी के buyer द्वारा 1 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

टीडीएस काटने के लिए buyer को seller के पैन नंबर लेने होंगे। यदि seller अपने पैन नंबर buyer को नहीं देता या seller के पास पैन नंबर नहीं है तो buyer द्वारा 20 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

यदि seller गलत पैन देता है तो यह माना जायेगा कि seller ने अपने पैन नहीं दिए है। इस केस में buyer द्वारा 20 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

सेक्शन 194ia उसी केस में एप्लीकेबल होगा जब आप किसी भारत के निवासी से कोई प्रॉपर्टी खरीदते है। यदि आप किसी अनिवासी से प्रॉपर्टी खरीदते है, तो सेक्शन 195 एप्लीकेबल होगा।

यह भी देखे :

सेक्शन 194ia में किस प्रकार की प्रॉपर्टी पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा ?

section 194 ia के अनुसार प्रॉपर्टी में कोई भी जमीन, बिल्डिंग या बिल्डिंग के पार्ट को शामिल किया गया है। लेकिन इसमें किसी भी agriculture land को शामिल नहीं किया गया है।

यानि कि अगर कोई कृषि भूमि बेचीं जाती है जिसका sale consideration 50 लाख से ज्यादा है तो भी उस पर टीडीएस नहीं काटा जायेगा। यहाँ सिर्फ ग्रामीण कृषि भूमि की बात की जा रही है, शहरी कृषि भूमि के केस में टीडीएस काटा जाता है।

ग्रामीण कृषि भूमि के बारे में जानने के लिए आप agriculture land क्या होती है और इसका टैक्सेशन देख सकते है।


इस सेक्शन में टीडीएस कब और किस अमाउंट पर काटा जायेगा ?

section 194 ia में टीडीएस इन दो में से जो भी पहले हो काटा जायेगा –

  • प्रॉपर्टी के पेमेंट के भुगतान करने पर या
  • seller के अकाउंट में राशि क्रेडिट करने पर।

टीडीएस किस अमाउंट पर काटा जायेगा ?

इस सेक्शन में टीडीएस प्रॉपर्टी की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू और प्रॉपर्टी की बिक्री राशि, जो भी ज्यादा हो, पर काटा जायेगा।

हालाँकि, यह रूल बजट 2022 में लाया गया है। इससे पहले प्रॉपर्टी की खरीद पर टीडीएस काटने से पहले सिर्फ इसका sale consideration देखा जाता था। यानि कि अगर सेल कन्सीडरेशन 50 लाख से ज्यादा का है, तो इस सेक्शन में टीडीएस काट लिया जाता था, भले ही उसकी स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 50 लाख से कम की ही हो।

Example – 1 

आपने अपनी प्रॉपर्टी 45 लाख में किसी को बेचीं। इस प्रॉपर्टी की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 52 लाख है, तो बजट 2022 से पहले इस ट्रांजेक्शन पर टीडीएस नहीं काटा जाता था , क्योकि सेल कन्सीडरेशन की राशि 50 लाख से कम है।

लेकिन, बजट 2022 के बाद से सेल कन्सीडरेशन और स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू, में से जो भी ज्यादा है, पर टीडीएस काटा जायेगा।  इसलिए इस केस में 52 लाख के अमाउंट पर टीडीएस काटा जायेगा। भले ही सेल कन्सीडरेशन 50 लाख से कम का हो।

Example – 2 

आपने अपनी प्रॉपर्टी को 55 लाख में बेचा। इस प्रॉपर्टी की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 60 लाख है। बजट 2022 से पहले के रूल्स के अनुसार इस ट्रांजेक्शन में सेल कन्सीडरेशन 50 लाख से ज्यादा का है, इसलिए इस पर 1% की रेट से टीडीएस काट लिए जायेगा, स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू पर ध्यान नहीं दिया जाता था।

लेकिन, बजट 2022 के बाद से स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू और सेल कन्सीडरेशन, दोनों में से जो भी ज्यादा है, उस पर टीडीएस काटा जायेगा। इसलिए इस ट्रांजेक्शन में प्रॉपर्टी के buyer द्वारा 60 लाख के अमाउंट पर 1 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

Example – 3 

आपने अपनी प्रॉपर्टी को 45 लाख में बेचा और प्रॉपर्टी की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 46 लाख की है, तो इस केस में टीडीएस नहीं काटा जायेगा।  क्योकि इस ट्रांजेक्शन में दोनों की वैल्यू 50 लाख से कम की है।

इसके अलावा यदि आप एक फाइनेंसियल ईयर में एक से अधिक प्रॉपर्टी खरीदते है। इन खरीदी गयी प्रॉपर्टीज में किसी सिंगल प्रॉपर्टी की वैल्यू 50 लाख से अधिक नहीं है , लेकिन सभी प्रॉपर्टीज को मिलाकर 50 लाख से अधिक consideration हो रहा है।

तो इस केस में आपको टीडीएस काटने की जरुरत नहीं है , क्योकि 50 लाख की टीडीएस काटने की लिमिट सिंगल property पर लागू होती है न कि सभी प्रॉपर्टीज को मिलाकर।

फाइनेंसियल ईयर का कांसेप्ट समझने के लिए  इनकम टैक्स क्या होता है और बेसिक्स  देखे।

प्रॉपर्टी के sale consideration का भुगतान installment में किये जाने के केस में क्या रूल है ?

जैसे कि इस सेक्शन में टीडीएस property के भुगतान से पहले ही काटा जाता है, लेकिन जब भुगतान इन्सटॉलमेंट में किया जाता है तो उस केस में क्या किया जायेगा।

यदि आप installment में किसी प्रॉपर्टी के अमाउंट का भुगतान करते है , तो आपको हर installment के भुगतान से पहले टीडीएस काटना होगा। लेकिन यदि आप किसी बैंक को इन्सटॉलमेंट का भुगतान करते है तो हर installment से पहले टीडीएस नहीं काटा जायेगा।

TDS काटने के सम्बन्ध में प्रॉपर्टी के खरीददार को क्या कंप्लायंस पूरी करनी होगी ? (tds on immovable property section 194ia)

section 194ia में tds काटने के लिए न तो buyer को और न ही seller को TAN नंबर लेने की जरुरत है। ऐसा गवर्नमेंट द्वारा buyer को होने वाली असुविधा से बचाने के लिए किया गया है।

buyer द्वारा टीडीएस काटने के बाद सबसे पहला काम यह होता है कि वह उस टीडीएस की राशि को गवर्नमेंट को जमा करवाए। tds का यह अमाउंट buyer द्वारा जिस महीने में टीडीएस काटा गया था उस महीने के समाप्त होने के 30 दिनों के भीतर करवाना होगा।

जैसे – यदि टीडीएस जून में काटा गया है तो 30 जुलाई तक इसे सरकार को जमा करवाना होगा। यदि buyer ऐसा नहीं करता है तो उस पर इंटरेस्ट और पेनल्टी लगाए जायेंगे। इसलिए टीडीएस काटने में और उस टीडीएस की राशि को जमा करवाने में कोई भी देरी न करे।

सरकार को tds की राशि फॉर्म 26QB में जमा करवाई जाती है। यह फॉर्म ऑनलाइन भरा जाता है। (इस फॉर्म को यहाँ https://www.incometaxindia.gov.in/forms/income-tax%20rules/103120000000009618.pdf देख सकते है )

FORM 26qb टीडीएस काटने वाले महीने के समाप्ति के 30 दिनों के भीतर भरा जायेगा। FORM 26QB को ऑनलाइन भरने के लिए आपको सरकार के इस पोर्टल पर जाना होगा –

https://onlineservices.tin.egov-nsdl.com/etaxnew/tdsnontds.jsp

buyer द्वारा FORM 26QB में टीडीएस जमा करवाने के बाद seller को फॉर्म 16B जारी करना होता है। जिसमे टीडीएस काटने और गवर्नमेंट को जमा करवाने की डिटेल रहती है। फॉर्म 16B buyer द्वारा ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है।

FORM 16B टीडीएस जमा करवाने वाले महीने की समाप्ति के 15 दिनों के बाद ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता। है

seller द्वारा अपने buyer से FORM 16B प्राप्त करने के बाद काटे गए टीडीएस की क्रेडिट प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा यदि seller का रिफंड बन रहा है , तो seller अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करके रिफंड क्लेम कर सकता है।


किसी प्रॉपर्टी के 1 से अधिक buyer और seller होने पर टीडीएस के क्या प्रावधान लागू होंगे ?

यदि किसी प्रॉपर्टी के ट्रांजैक्शन में एक से अधिक buyer और seller है, तो इस पूरे ट्रांजैक्शन का consideration देखा जायेगा , न कि किसी एक buyer या seller के लिए अलग -अलग।

इसके अलावा अगर किसी प्रॉपर्टी के एक से अधिक buyer है तो उन सभी को अपने -अपने हिस्से का टीडीएस जमा करवाना होगा और फॉर्म 26 QB अलग -अलग फाइल करना होगा। जैसे – अगर किसी प्रॉपर्टी के 2 buyer है तो उन दोनों को अपने -अपने टीडीएस अमाउंट के साथ 2 FORM 26QB फाइल करने होंगे।

इसी तरह यदि किसी प्रॉपर्टी के 2 buyersऔर 2 sellers है , तो उन दोनों buyers को दोनों sellers के लिए अलग -अलग फॉर्म 26QB फाइल करने होंगे। इस केस में 4 FORM 26 QB फाइल किये जायेंगे।

TDS की कंप्लायंस पूरी नहीं करने पर इंटरेस्ट और पेनल्टी का अमाउंट क्या होगा ?

यदि कोई प्रॉपर्टी का buyer किसी seller का टीडीएस नहीं काटता है या टीडीएस काटने के बाद जमा (फॉर्म 26QB) नहीं करवाता है, तो इनकम टैक्स एक्ट में इसके सम्बन्ध में कुछ इंटरेस्ट और पेनल्टी बताई गयी है।

अगर buyer द्वारा tds नहीं काटा जाता तो उसके द्वारा नहीं काटे गए tds के अमाउंट पर 1 % per month or part of the month की रेट से इंटरेस्ट लगाया जायेगा।

लेकिन buyer टीडीएस काटने के बाद उसे सरकार को जमा नहीं करवाता है तो उसके ऊपर 1.5  % per month or part of the month की रेट से इंटरेस्ट लगाया जायेगा।

इसके अलावा सेक्शन 194ia में टीडीएस देरी से जमा करवाने पर सेक्शन 271H में कम से कम 10 हजार और अधिकतम 1 लाख तक की पेनल्टी लगा सकता है।

इसके अलावा फॉर्म 26QB को समय पर फाइल नहीं करने पर सेक्शन 234 E में भी पेनल्टी बताई गयी है। सेक्शन 234 e के अनुसार यदि कोई पर्सन FORM 26qb फाइल नहीं करता है तो उस पर Rs 200 की प्रति दिन की पेनल्टी लगायी जाएगी। हालाँकि यह पेनल्टी की राशि टीडीएस अमाउंट से ज्यादा की नहीं हो सकती।

section 194 ia में टीडीएस के सम्बन्ध में अन्य इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स- tds on immovable property section 194ia

  • सेक्शन 194ia 1 जून 2013 से लागू किया गया था , इसलिए इस date से पहले के ट्रांजैक्शन इस सेक्शन में कवर नहीं होंगे।
  • यदि सेल कन्सीडरेशन और स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू, दोनों की राशि 50 लाख से कम है तो टीडीएस नहीं काटा जायेगा। दोनों में से एक की भी वैल्यू 50 लाख से ज्यादा है, तो टीडीएस काटा जायेगा।
  • सेक्शन 194ia में आपको tan (TAX DEDUCTION ACCOUNT NUMBER ) लेने की आवश्यकता नहीं है।
  • buyer और seller दोनों के PAN होने आवश्यक है। यदि seller का PAN नहीं है  20 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।
  • प्रॉपर्टी का खरीदार कोई भी हो सकता है ( सैलरीड व्यक्ति या कोई डीलर ) यह सेक्शन सभी पर लागू होगा।
  • टीडीएस उस केस में भी काटा जायेगा जब seller को कोई भी कैपिटल गेन नहीं हुआ हो।
  • यदि कोई seller सेक्शन 54 में पूरे कैपिटल गेन की छूट क्लेम करता है तब भी buyer को टीडीएस काटना जरुरी है।

आपको हमारा यह आर्टिकल (tds on immovable property section 194ia) अच्छा लगा हो तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करे।

tds on immovable property pdf hindi – TDS ON SALE Of IMMOVABLE PROPERTY – SECTION 194IA (5)

यह भी देखे :

 

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here