tds returns late filing fees and tds penalties को 8 रूल्स और example के साथ समझे

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tds returns late filing fees and tds penalties
tds returns late filing fees

tds returns late filing fees and tds penalties – इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार अगर आप किसी को कोई पेमेंट करते है और वह पेमेंट टीडीएस के दायरे में आता है, तो आपको उस पेमेंट पर टीडीएस काटना होगा और उस टीडीएस की राशि को सरकार को जमा करवाना होगा ।

लेकिन, सिर्फ टीडीएस काटने और उसको जमा करवाने से ही आप अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त नही हो जाते है । आपको काटे गए टीडीएस और जमा किये गए टीडीएस की जानकारी भी सरकार को टीडीएस रिटर्न्स के माध्यम से देनी होगी ।

इसके अलावा जिस पर्सन का आपने टीडीएस काटा है, उसे भी आपको टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करना होगा ।

देखने मे यह सब कुछ एक सिंपल प्रोसेस लगती है, लेकिन इस प्रोसेस में जरा भी चूक होने पर आपको ब्याज, पेनल्टी और लेट फीस का भुगतान भी करना पड़ सकता है । 

इसलिए टीडीएस काटने से पहले आपको टीडीएस से जुड़े कुछ रूल्स का भी जरूर पता होंना चाहिए, नही तो बाद में आपको काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है ।

इसलिए आज के आर्टिकल (tds returns late filing fees and tds penalties ) में हम टीडीएस रिटर्न और टीसीएस रिटर्न को देरी से फाइल करने पर लगने वाली लेट फीस और पेनल्टी के बारे में जानेंगे। 

Table of Contents

टीडीएस काटने या टीसीएस कलेक्ट करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? (tds returns late filing fees and tds penalties hindi )

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार कोई भी पर्सन जो कि टीडीएस काटने के लिए उत्तरदायी है, उसे सबसे पहले ” टैक्स डिडक्शन अकॉउंट नंबर या टैक्स कलेक्शन अकॉउंट नंबर (TAN) ” प्राप्त करने होंगे ।

टैन (TAN)  प्राप्त करने के बाद उस पर्सन को अपने सभी टीडीएस या टीसीएस से जुड़े डाक्यूमेंट्स में इनको मेंशन भी करना होगा ।

गलत टैन देने या इसको मेंशन नही करने पर भी आपके ऊपर पेनल्टी लगाई जा सकती है ।

टैन लेने के बाद जिस भी पर्सन का आप टीडीएस काटने जा रहे है, उसका इनकम टैक्स एक्ट 1961 में बताई गई रेट से ही टीडीएस काटना होगा । ध्यान रहे बिना टैन लिए आप किसी भी पर्सन का टीडीएस काट नही सकते और न ही टीसीएस कलेक्ट कर सकते । 

हालांकि, कुछ ट्रांजेक्शनों पर टीडीएस काटने के लिये आपको टैन लेने से आजादी भी दी गयी है । लेकिन, अधिकतर टीडीएस कटौती के केस में आपको टैन लेना अनिवार्य होगा ।

टीडीएस काटने के बाद इसको निर्धारित तारीख तक सरकार को जमा करवाना होगा और निर्धारित समय सीमा में टीडीएस या टीसीएस रिटर्न जमा करनी होगी ।

टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स को जमा करवाने के बाद आपको टीडीएस सर्टिफिकेट भी जारी करना होगा, जो कि निर्धारित फॉरमेट में होगा।  टीडीएस सर्टिफिकेट आपको जिस पर्सन का टीडीएस कटा है, को जारी करना होगा ।

यह भी देखे –

 

Due Dates for filing tds returns | टीडीएस रिटर्न्स को जमा करवाने की लास्ट डेट 

 

Quarter 

Due dates for filing tds returns
April – june 31st july
July – sept 31th october
Oct – dec 31st january
Jan – march 31st may

 

Due dates for filing TCS returns | टीसीएस रिटर्न्स को जमा करवाने की लास्ट डेट 

 

Quarter  Due dates
April – june 15th july
July – Sept  15th october
Oct – Dec 15th january
Jan – March 15th may

 

यह भी देखे –

Late Filing fees section 234E | क्या टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स को देरी से जमा करवाने पर लेट फीस चार्ज की जाएगी ?

अगर कोई पर्सन निर्धारित तारीख तक टीडीएस या टीसीएस रिटर्न को जमा नही करवाता है, तो उस पर्सन से इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 234 ई में लेट फीस चार्ज की जाएगी ।

सेक्शन 234E की लेट फीस प्रतिदिन बेसिस पर चार्ज की जाएगी और यह तब तक लगाई जाएगी, जब तक आप आप अपनी टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स को फ़ाइल नही कर देते है ।

सेक्शन 234E में कितनी लेट फीस लगाई जाएगी ? Section 234E late fees

टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स को देरी से फ़ाइल करने पर 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस चार्ज की जाएगी ।

जैसे – अगर आप टीडीएस रिटर्न्स की लास्ट डेट के 30 दिनों बाद रिटर्न फ़ाइल करते है, तो आपके ऊपर 6000 रुपये (30×200) की लेट फीस लगाई जाएगी ।

हालांकि, सेक्शन 234E की लेट फीस की राशि किसी भी केस में टीडीएस या टीसीएस की राशि से ज्यादा नही हो सकती है ।

जैसे – ऊपर बताए गए केस में अगर आपने 5000 का टीडीएस काटा था, तो सेक्शन 234E की लेट फीस 5000 से ज्यादा चार्ज नही की जाएगी ।

यह भी देखे –

सेक्शन 234E की लेट फीस को कब जमा करवाना होगा ? section 234 late fees payment 

सेक्शन 234E में लगने वाली लेट फीस को टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स को फ़ाइल करने से पहले जमा करवाना अनिवार्य होगा । बिना लेट फीस जमा करवाये आप अपनी टीडीएस या टीसीएस रिटर्न को फ़ाइल नही कर सकते है ।

हालांकि, लेट फीस कितनी जमा करवानी है, इसके बारे में आपको रिटर्न्स की फाइलिंग के दौरान भी पता लग जाता है ।

इस बात का भी ध्यान रखे कि सेक्शन 234E में आपसे सिर्फ टीडीएस रिटर्न या टीसीएस रिटर्न की लेट फाइलिंग फीस चार्ज की जाती है, पेनल्टी नही ।

पेनल्टी का भुगतान आपको सेक्शन 234ई की लेट फीस के अलावा करना होता है । 

 

क्या टीडीएस रिटर्न्स या टीसीएस रिटर्न्स को देरी से जमा करने पर पेनल्टी भी लगाई जाती है ? Section 271H penalty for failure to furnish tds returns 

टीडीएस/टीसीएस रिटर्न्स को फ़ाइल नही करने पर सेक्शन 271H में आपके ऊपर पेनल्टी लगाई जाएगी । सेक्शन 271H में 10,000 से लेकर 1,00,000 तक की पेनल्टी लगायी जा सकती है । यह पेनल्टी दो कारणों की वजह से लगाई जाती है ।

सेक्शन 271H में पेनल्टी लगाने के कारण – 

  • टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स को लास्ट डेट तक फ़ाइल नही किया गया हो या 
  • टीडीएस/टीसीएस रिटर्न्स में गलत जानकारी दी हो ।

इन दोनों में से कोई एक भी कारण हो तो सेक्शन 271H में आपके ऊपर 10 हजार की पेनल्टी लगाई जाएगी, जिसे 1 लाख तक बढ़ाया जा सकता है ।

क्या सेक्शन 271H की पेनल्टी से बचा जा सकता है ?

हाँ, अगर आप कुछ कंडीशन्स को पूरा कर देते है, तो आपके द्वारा सेक्शन 271H की पेनल्टी से बचा जा सकता है ।

टीडीएस/टीसीएस रिटर्न्स को देरी से फ़ाइल करने पर लगने वाली पेनल्टी से कैसे बचें ? 

अगर आप नीचे बताई गई तीनों शर्तो को पूरा कर देते है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा सेक्शन 271H में लगाई जाने वाली पेनल्टी से बच सकते हैं ।

शर्तें – 

  • काटे गए टीडीएस या कलेक्ट किये गए टीसीएस अमाउंट को सेंट्रल गवर्नमेंट के अकॉउंट में जमा कर दिया गया हो ;
  • सेक्शन 234E की लेट फीस और टीडीएस या टीसीएस पर लगे ब्याज को जमा कर दिया गया हो ;
  • टीडीएस/टीसीएस रिटर्न्स को लास्ट डेट के 1 वर्ष के भीतर जमा करवा दिया गया हो ।

अगर आप ये तीनो कंडीशन्स को पूरा करते है, तो आपके ऊपर सेक्शन 271H में पेनल्टी नही लगाई जाएगी ।

Section 271H penalty for late filing/non filing tds/tcs returns example । 

सेक्शन 271H की पेनल्टी कब माफ की जा सकती है, इसको समझने के लिए हम 2 examples देखेंगे ।

  1. अप्रैल 2021 से जून 2021 की टीडीएस रिटर्न्स को फ़ाइल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई होती है, लेकिन आप इसको 31 दिसंबर 2021 को फ़ाइल करते है, तो इस केस में आप टीडीएस रिटर्न को लास्ट डेट के 153 दिन बाद फ़ाइल कर रहे है, लेकिन यह टाइम एक साल से कम है, तो इस केस में आपके ऊपर सेक्शन 271H में पेनल्टी नही लगाई जाएगी ।
  2. अप्रैल 2021 से जून 2021 मो टीडीएस रिटर्न्स आप 5 अगस्त 2022 को फ़ाइल करते है, तो इस केस में आप इसे एक वर्ष के बाद फ़ाइल कर रहे है, तो आपके ऊपर सेक्शन 271H में पेनल्टी लगाई जाएगी ।

यह भी देखे

क्या टीडीएस रिटर्न्स या टीसीएस रिटर्न्स को देरी से फ़ाइल करने वाली पेनल्टी से बचने का कोई अन्य उपाय भी है ? 

अगर आप अपनी tds/tcs returns को लास्ट डेट के 1 वर्ष बाद फ़ाइल करते है, तो भी आप सेक्शन 271H की पेनल्टी से बच सकते है ।

इसके लिए आपको इन दोनों में से किसी एक तरीके से रिलीफ मिल सकती है – 

  1. सेक्शन 271H की पेनल्टी को कम करने या माफ करने की पावर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के कमिशनर या प्रिंसिपल कमिशनर के पास होती है, अगर आप सेक्शन 273A(4) की कंडीशन्स को पूरा करते है, तो कमिशनर द्वारा इसे माफ किया जा सकता है ।
  2. इसके अलावा सेक्शन 273B के अनुसार इस पेनल्टी को कुछ वाजिब केसों में माफ किया जा सकता है । अगर आप यह साबित कर देते है, कि टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स की लेट फाइलिंग किन्ही वाजिब कारणों से थी, तो इसे माफ किया जा सकता है ।

कौनसे केसों में सेक्शन 271 एच की पेनल्टी को माफ नही किया जा सकता है ?

इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 271H की पेनल्टी टीडीएस/टीसीएस रिटर्न्स की लेट फाइलिंग या इसमे गलत इनफार्मेशन देने की वजह से लगाई जाती है ।

अगर आप टीडीएस या टीसीएस रिटर्न्स में गलत जानकारी देते है, तो सेक्शन 271H की पेनल्टी आपके ऊपर अनिवार्य रूप से लगाई जाएगी और इसे माफ नही किया जाएगा ।

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