इनकम टैक्स निकालने के लिए सबसे पहले एक पर्सन की टोटल इनकम निकाली जाती है , उसके बाद उस इनकम में से टैक्स डिडक्शन को घटा कर टैक्सेबल इनकम निकाली जाती है। 

आज हम आपको 4 ऐसी डिडक्शन बताएँगे, जो कि एक दूसरे से बिल्कुल अलग है , लेकिन उनकी लिमिट समान है।  

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 सबसे पहली डिडक्शन है स्टैण्डर्ड डिडक्शन जो कि सैलरीड और पेंशनर्स को दी जाती है, यह डिडक्शन 50 हजार की लिमिट में क्लेम की जा सकती है।  

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 दूसरी डिडक्शन है हेल्थ इंश्योरेंस की। यह सेक्शन 80D में क्लेम की जा सकती है और सीनियर सिटीजन्स के लिए इसकी लिमिट 50 हजार की होती है। 

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 तीसरी डिडक्शन है सेविंग अकॉउंट और एफडी अकॉउंट के ब्याज की। यह डिडक्शन सेक्शन 80TTB में क्लेम की जा सकती है और इसकी लिमिट भी 50 हजार की ही होती है। 

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 चौथी डिडक्शन नेशनल पेंशन स्कीम में इन्वेस्टमेंट की। ये डिडक्शन सेक्शन 80CCD (1B) में क्लेम की  जा सकती है, जिसकी लिमिट 50 हजार की होगी। 

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