बिलेटेड रिटर्न्स क्या होती है। बिलेटेड रिटर्न को फ़ाइल करते समय किन बातों का ध्यान रखे | what is belated return

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what is belated return

what is belated return – इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करने की एक लास्ट डेट होती है, अगर इस डेट के बाद आप अपनी रिटर्न फ़ाइल करते है, तो आपकी रिटर्न को बिलेटेड रिटर्न कहा जायेगा ।

बिलेटेड रिटर्न को इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 139(4) में फ़ाइल करना होता है । हालांकि, लास्ट डेट के बाद इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करने का ऑप्शन मिलना एक टैक्सपेयर के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नही है ।

क्योकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको बिलेटेड रिटर्न फ़ाइल करने की सुविधा तो देता है, लेकिन इसके बदले में वह आपसे ब्याज और पेनल्टी भी चार्ज करता है ।

इसलिए अपनी रिटर्न को लास्ट डेट से पहले ही फ़ाइल करने की कोशिश करे, ताकि बेवजह के ब्याज और पेनल्टी से भी बचा जा सके ।
हालांकि, अगर आप रिटर्न फाइलिंग की अपनी लास्ट डेट से चूक गए है, तो आप पेनल्टी और ब्याज के साथ अपनी बिलेटेड रिटर्न जरूर फ़ाइल करे,

ताकि बाद में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बेवजह की जाँच – पड़ताल से बच सके ।

बिलेटेड रिटर्न फाइलिंग की टाइम लिमिट क्या होती है ? (what is time limit for belated return )

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 139(4) के अनुसार बिलेटेड रिटर्न को संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति के 3 महीने पहले या असेसमेंट पूरा होने से पहले, इन दोनों में जो भी पहले हो, फ़ाइल किया जा सकता है ।

जैसे – असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर 2022 तक फ़ाइल की जा सकती है ।

हालांकि, बजट 2022 में अपडेटेड आईटीआर का कांसेप्ट भी लाया गया है । जिसके अनुसार अब संबंधित असेसमेंट ईयर की समाप्ति के 2 वर्ष तक अपडेटेड आईटीआर फ़ाइल की जा सकती है ।

हालांकि, अपडेटेड आईटीआर फ़ाइल करने पर आपको टैक्स अमाउंट पर एडिशनल ब्याज का पेमेंट करना होगा ।

बिलेटेड रिटर्न को फ़ाइल करने पर कितनी लेट फीस देनी होगी ? penalty for belated return

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 234F में रिटर्न को देरी से फ़ाइल करने की लेट फीस बताई गई है । हालांकि, यह लेट फीस आपकी टोटल इनकम के ऊपर डिपेंड करती है ।

सेक्शन 234F के अनुसार अगर आपकी टोटल इनकम 5 लाख से ज्यादा है, तो रिटर्न को देरी से फ़ाइल करने पर आपको 5000 की लेट फीस जमा करवानी होगी ।

लेकिन, अगर आपकी टोटल इनकम 5 लाख से कम है, तो आप सिर्फ 1000 की लेट फीस के साथ अपनी बिलेटेड आईटीआर फ़ाइल कर सकते है ।

इसके अलावा सरकार द्वारा कम इनकम वाले टैक्सपेयर को लेट फीस से छूट दी गयी है । जिसके अनुसार अगर आपकी टोटल इनकम 2 लाख 50 हजार से कम है, तो आपको बिलेटेड रिटर्न फ़ाइल करने पर लेट फीस का पेमेंट नही करना होगा ।

बिलेटेड रिटर्न को फ़ाइल करने के क्या नुकसान है ? belated return disadvantages

जैसे कि मैने पहले ही कहा था कि बिलेटेड रिटर्न को फ़ाइल करना आपके लिए फायदे का सौदा नही होता है,

हालांकि अगर आप लास्ट डेट तक रिटर्न को फ़ाइल करने से चूक जाते है, तो बिलेटेड रिटर्न जरूर फ़ाइल करे, नही तो आपको काफी परेशानियाँ हो सकती है ।

बिलेटेड आईटीआर फाइलिंग के नुकसान –

  • बिलेटेड रिटर्न भरने पर आपको लेट फीस का पेमेंट करना होता है ।
  • टैक्स अमाउंट पर ज्यादा ब्याज चुकाना होगा ।
  • बिज़नेस या कैपिटल गेन से जुड़े losses को आगे के वर्षों में कैरी फारवर्ड नही कर सकेंगे ।
  • अगर आपका टीडीएस रिफण्ड बन रहा है, तो इस पर कम ब्याज मिलेगा ।

इसलिए समय से अपनी रिटर्न को फ़ाइल करके इन नुकसानों से बच सकते है ।

बिलेटेड रिटर्न को फ़ाइल करने से क्या होगा ?

आईटीआर फाइलिंग की लास्ट डेट से चूक जाते है, तो बिलेटेड रिटर्न को फ़ाइल करके आप इनकम टैक्स की इन्क्वायरी से बच सकते है और एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभा सकते है ।

बिलेटेड रिटर्न में किस तरह की छूट आपको मिल जाएगी ?

  • बिलेटेड रिटर्न में आप अपने हाउस प्रॉपर्टी के losses को कैरी फारवर्ड कर पाएंगे ।
  • अगर आपकी इनकम 2.50 लाख से कम है, तो बिना लेट फीस के साथ आप इसे फ़ाइल कर सकते है ।
  • गलती होने पर इसमे सुधार के लिए revise return फ़ाइल कर सकते है ।
  • बिलेटेड रिटर्न फाइलिंग पर रिफंड पर ब्याज कम मिलता है, लेकिन इसको फाइलिंग के बाद आप रिफंड को लेने के हकदार तो होंगे, बिना इसे फ़ाइल करे आप रिफण्ड भी नही ले सकते ।

इसलिए अगर आपने असेसमेंट ईयर 2021-22 की रिटर्न फ़ाइल नही की है, तो जल्दी से जल्दी इसे फ़ाइल करे । बिलेटेड रिटर्न फाइलिंग की लास्ट डेट 31 मार्च 2022 है ।

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