what is cma data – बिज़नेस को चलाने के लिए और उसको बढ़ाने के लिए पैसो की आवश्यकता होती है और बैंक से पैसे लेने के लिए बैंक हमारे बिज़नेस की क्षमता को देखती है, जिसके लिए बैंक द्वारा बिज़नेस का कुछ डेटा देखा जाता है।
डेटा तैयार करने के लिए बैंक द्वारा हमसे कुछ डाक्यूमेंट्स और रिपोर्ट मांगी जाती है, जिसके बेसिस पर बैंक द्वारा कंपनी की फाइनेंसियल सिचुएशन चेक की जाती है। इस पूरी प्रोसेस के बाद ही बैंक इस निर्णय पर पहुँचता है कि किसी कंपनी को लोन देना है या नहीं।
इसलिए बैंक से लोन लेने के लिए CMA report की आवश्यकता होती है। कुछ केसेज में क्रेडिट डिफ़ॉल्ट से बचने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी बैंको के लिए CMA रिपोर्ट बनाना अनिवार्य कर दिया है।
आज के आर्टिकल में हम जानेंगे कि CMA Data/Report क्या होता है, इसे कैसे बनाया जाता है, CMA data और CMA data का format क्या होता है।
CMA Data क्या है? What is CMA Data
CMA Data का full form Credit Monitoring Arrangement होता है। CMA report मे 5 साल के
अलग – अलग आँकड़े होते है, जिसमे बिज़नेस के बारे मे बताया गया होता है।
इस रिपोर्ट से पता लगाया जा सकता है कि बिज़नेस की पहले क्या स्थिति थी और आगे क्या प्लानिंग है। जैसे कि पिछले 3 फाइनेंसियल ईयर में कितना सेल्स और प्रॉफिट था, कितनी असेट्स और लायबिलिटी थी । इन सभी को अलग -अलग रेश्यो (ratio ) से चेक किया जाता है।
सीएमए डेटा मे पिछले 2 साल का वास्तविक डेटा, चालू वर्ष का प्रोजेक्टेड और आने वाले 2 साल का अनुमानित डेटा होता है। ऐसे करके कुल 5 साल के डेटा से रिपोर्ट बनायीं जाती है। CMA data मे अलग अलग Ratio दिये होते है जैसे – आगे की क्या व्यूहरचना है और Profit की मात्रा, बिक्री की मात्रा, पहले के बकाया लोन, asset ऐसे अलग अलग ratio होते है।
CMA Report से बैंक ये फैसला करती है कि आपको लोन देना चाहिए या नही।
CMA Data बनाने के लिए आवश्यक Document:-
CMA Report बनाने के लिए आपको नीचे दिये गए Document की आवश्यकता होगी
Particulars of current & proposed limits:-
इस स्टेटमेंट मे CMA report मे पहले के फंड और बिना फ़ंड की Use, History, और credit limit होती
है जो लोन लेने वाला बैंक को देता है जिससे loan की लिमिट का पता चलता है।
Operating statement:-
Operating statement मे सेल्स, प्रॉफिट, ग्रॉस प्रॉफिट, नेट प्रॉफिट, Profit before tax, after tax, खर्चे
आदि का तीन साल का डेटा होता है और आने वाले 2 साल का अनुमान (प्रोजेक्टेड ) होता है। इससे working capital और Profit का पता चलता है की आगे Profit generating capacity borrower की है या नही।
Balance sheet analysis:
Balance sheet से असेट्स, लायबिलिटी का विश्लेषण किया जाता है और देखा जाता है कितनी संपति है उसके
लोन है या नही और Debtors और creditor कितने है, कितने – कितने लोन लिए है कब – कब लिए है, कौनसे बैंक से कितना लिया है सब कुछ पता चल जाता है।
Comparative statement of current asset & current liabilities:-
इस स्टेटमेंट मे ये पता चलता है। की Current asset और current liability की movement कैसी है, यह बढ़ रही है या कम हो रही है, वर्किंग कैपिटल पर क्या असर है, ये सब जाना जाता है।
Maximum Permissible Bank Finance (MPBF):-
Maximum Permissible Bank Finance बहुत ही जरूरी Document है, इसमे बैंक Current asset
और current liability देख के MPBFC निकालती है और इससे पता लगता है की borrower की capacity
कितनी है कितनी लोन देनी चाहिए।
Fund flow statement:-
फ़ंड फलो स्टटमेंट मे ये देखा जाता है कि वास्तव में फ़ंड कहाँ यूज़ हो रहा है और आगे के सालो मे कहा कहा
fund use होने वाला है।
Ratio analysis:-
Ratio analysis last statement है जो CMA मे आवश्यक होता है। इस statement मे सारे basic ratio होते है, जिससे बैंक analysis करते है। Ratio analysis मे GP (Gross profit) ratio, Net profit ratio, Current ratio, Quick ratio, Stock turnover ratio, Net worth, the ratio of Net worth to Liabilities, DP limit, MPBF, Asset turnover, Current asset turnover, Working capital turnover, Fixed asset turnover, Debt-Equity ratio जैसे ratio शामिल होते है।
Loan repayment Schedule:-
अगर आपके पास कोई लोन है पहले से से तो उसका Repayment schedule की भी आवश्यकता होगी।
Other Document:-
● Business और उनके Owner का Income tax Return
● 2 साल का Audit किए गए Financial statement
● CMA report बनाने के लिए financial statement
● Direct और indirect expenses की Cost sheet
तो ये सब से CMA report बनाया जाता है जिससे बैंक आपका डेटा देखते है, जिसके आधार पर बैंक यह तय करता आपको बैंक से कितना लोन मिल सकता है। और इस सब मे थोड़ा ध्यान देना जरूरी है क्यूकी अगर आपका
finance strong नही होगा तो application reject होगी तो आपके CIBIL मे भी असर होगा।
नीचे आप CMA Data का example देख सकते PDF और Excel file मे। जिससे ज्यादा जानकारी आपको मिलेगी।
cma data in pdf –पीडीएफ डाउनलोड करे।
cma data in – excel