depreciation क्या है, किसको छूट मिलती है, रेट्स और अन्य नियम क्या होते है। depreciation meaning in hindi

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depreciation meaning in hindi

depreciation meaning in hindi – अगर आप कोई बिज़नेस या प्रोफेशन करते है तो आपके लिए इनकम टैक्स बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप depreciation के खर्चे को क्लेम करे। हालाँकि depreciation का खर्चा आपके द्वारा कैश में किये जाने वाला खर्चा नहीं है, लेकिन फिर भी आपको इसकी छूट दी जाती है।

लेकिन, काफी लोग depreciation की इनकम टैक्स एक्ट में मिलने वाली छूटों के सम्बन्ध में पूरी तरह क्लियर नहीं होते है। इसलिए या तो वे इसे क्लेम नहीं कर पाते है या गलत क्लेम करते है।

इसलिए आज के आर्टिकल (depreciation meaning in hindi) में हम जानेंगे कि depreciation क्या होता है और इनकम टैक्स में इसकी छूट कैसे ली जाती है।

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what is depreciation | depreciation meaning in hindi 

डेप्रिसिएशन का हिंदी में मतलब होता है, मूल्यहास।

किसी भी बिज़नेस या प्रोफेशन में जब कोई असेट्स (सम्पति ) काम में ली जाती है, तो उसको काम में लेने की वजह से या उसके पुराने होने की वजह से धीरे – धीरे उसकी वैल्यू कम होती जाती है।

और जब ये असेट्स पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है, तो एक बिज़नेसमैन को उसके स्थान पर नई सम्पति  खरीदनी पड़ती है, जिससे उसका बिज़नेस सही तरीके से चल सके।

लेकिन, नई सम्पति को खरीदने की वजह से उसका काफी पैसा खर्च हो जाता है और साथ ही उस नयी सम्पति को खरीदने की उसको इनकम टैक्स में छूट भी नहीं मिलती है। इस वजह से उसके बिज़नेस की आर्थिक गतिविधियाँ भी ख़राब हो जाती है।

इसलिए, सरकार द्वारा लोगो के बिज़नेस को सपोर्ट करने के लिए depreciation की छूट दी जाने लगी। जिसका मतलब यह है कि एक बिजनेसमैन एक निश्चित प्रतिशत का हर साल अपनी असेट्स के मूल्य में कमी आने की इनकम टैक्स में छूट ले सकता है।

यह निश्चित प्रतिशत हर सपति के लिए अलग -अलग होता है, जिसकी लिस्ट इनकम टैक्स एक्ट में बताई गयी है। डेप्रिसिएशन की छूट किसी भी सम्पति की खरीद लागत पर ली जाती है।

जैसे – आपने कोई मशीनरी 1 लाख की खरीदी और उस पर depreciation की रेट 15 % है। तो आप उस फाइनेंसियल ईयर का प्रॉफिट कैलकुलेट करते समय Rs 15000 (100000 *15 %) की छूट ले सकते है।

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Conditions for claiming depreciation | मूल्यहास को क्लेम करने के लिए जरुरी शर्ते 

किसी भी बिज़नेस या प्रोफेशन की इनकम में से depreciation की छूट लेने के लिए कुछ कंडीशंस पूरी की जानी जरुरी है।

ये कंडीशंस है –

  • सम्पति का मालिक वह करदाता होना चाहिए जो कि इसकी छूट ले रहा है ( चाहे पूरी असेट्स का मालिक हो या उसके कुछ पार्ट का )
  • उस सम्पति का प्रयोग उस करदाता के बिज़नेस या प्रोफेशन के लिए होना चाहिए। यदि कोई सम्पति 50 % बिज़नेस के लिए और 50 % घरेलु काम में आ रही है, तो इसके सिर्फ 50 % भाग के depreciation की ही छूट प्राप्त होगी।
  • किसी भी जमीन (land ) पर डेप्रिसिएशन नहीं लगाया जाता है, इसलिए इसकी छूट नहीं ली जा सकती है।
  • यदि, किसी असेट्स के एक से अधिक मालिक है तो वे अपने -अपने हिस्से के मूल्यहास की छूट ले सकते है।

What is block of assets ? (depreciation meaning in hindi)

जब, भी किसी सम्पति के depreciation की छूट ली जाती है, तो सबसे पहले सम्पति को इसके नेचर के हिसाब से ब्लॉक में ट्रांसफर किया जाता है।

Assets को उनके नेचर के हिसाब से निम्न 2 ब्लॉक्स में डिवाइड किया गया है –

  • tangible assets ( इसमें बिल्डिंग, मशीनरी, प्लांट या फर्नीचर को शामिल किया गया है )
  • intangible assets (इसमें Know how, patents, कॉपीराइट्स, ट्रेडमार्क, लाइसेंस, franchises या इसी तरह के किसी बिज़नेस या कमर्शियल अधिकार को शामिल किया गया है।

सम्पति को tangible या intangible असेट्स के ब्लॉक में बांटने के बाद इनको आगे एक जैसे depreciation वाली सम्पति में डिवाइड किया जाता है।

जैसे – यदि किसी सम्पति की depreciation रेट 15 % है , तो इसे 15 % depreciation ब्लॉक वाली सम्पतियों के साथ दिखाया जायेगा।

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rates of depreciation in hindi 

इनकम टैक्स एक्ट में किसी भी सम्पति पर डेप्रिसिएशन कैलकुलेट करने की एक फिक्स्ड रेट बताई गयी है।

इसी रेट के हिसाब से कोई पर्सन डेप्रिसिएशन (मूल्यहास ) कैलकुलेट कर सकता है। अगर कोई पर्सन सही रेट से डेप्रिसिएशन कैलकुलेट नहीं करता है , तो उसे गलत रेट से कैलकुलेट किये गए डेप्रिसिएशन की छूट नहीं दी जाएगी।

depreciation rates

S.no. Assets class Assets types Rates
1 Buildings residential buildings other than hotels & boarding house 5%
2 Buildings office, factory, godowns, or buildings which are not mainly used residential purpose 10%
3 Buildings temporary erections such as wooden structures 40%
4 Furniture any furniture/fittings including electrical fittings 10%
5 plant & machinery any plant and machinery and cars other than used in a business of running them on hire 15%
6 plant & machinery ocean going ships,vessels ordinarily operating on inland waters including speed boats 20%
7 plant & machinery buses, lorries and taxies used in the business of running them on  hire 30%
8 plant & machinery computeres, laptops,software,printeres, scanner, books 40%
9 Intangible assets know how, patents, copyrights, trademarks, licences, franchises 25%

 

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method of calculating depreciation – डेप्रिसिएशन को किस तरीके से कैलकुलेट किया जायेगा ?

depreciation meaning in hindi
depreciation

इनकम टैक्स एक्ट में डेप्रिसिएशन को कैलकुलेट करने के 2 तरीके बताये गए है –

  • straight line method (पावर जनरेशन या पावर जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन करने वाली undertaikings के लिए )
  • written down value method ( सभी प्रकार के बिज़नेस के लिए एप्लीकेबल )

यानि कि सभी प्रकार के बिज़नेस को सिर्फ written down value(WDV) method के आधार पर ही depreciation की छूट दी जायेगी।

written down value क्या होती है ? 

wdv किसी भी सम्पति की actual cost होती है, जो कि उसे खरीदने में खर्च की गयी है। wdv को निकालने के सम्बन्ध में 2 तरीके होते है –

  • यदि कोई सम्पति चालू वर्ष में खरीदी गयी है , तो उसकी लागत ही उसकी WDV मानी जायेगी।
  • और कोई सम्पति पहले के वर्षो में खरीदी गयी थी तो उसकी लागत में से इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से allow किये गए depreciation को माइनस किया जायेगा और बची राशि उस सम्पति की WDV मानी जायेगी।

180 DAYS RULES (depreciation meaning in hindi) 

depreciation meaning in hindi

180 दिनों का नियम तब एप्लीकेबल होता है जब कोई सम्पति किसी वर्ष के दौरान खरीदी जाती है और उस सम्पति का उपयोग उस वर्ष में 180 दिनों से कम समय के लिए किया जाता है।

यदि, किसी सम्पति को 180 दिनों से कम समय के लिए किसी वर्ष में उपयोग किया जाता है, तो उस assets को पूरे वर्ष के depreciation की छूट का लाभ नहीं दिया जाता। लेकिन, यह नियम सिर्फ नयी सम्पति के खरीदने पर ही लागू होता है।

यदि कोई assets पिछले वर्ष काम आयी थी लेकिन इस वर्ष 180 दिन से कम काम आयी तो यह नियम लागू नहीं होगा।

इसलिए,यदि कोई सम्पति इस वर्ष खरीदी जाती है और 180 दिन से कम समय के लिए काम में ली जाती है तो उस असेट्स पर पूरी रेट से depreciation नहीं देकर उस रेट की 50 % से कैलकुलेट किया जाता है।

जैसे – यदि फर्नीचर दिसंबर 2022 में ख़रीदा गया था, तो मार्च 2023 तक यह 180 दिनों से कम काम आयेगा। इस केस में फर्नीचर की depreciation रेट 10 % है, तो 180 दिन का नियम लागू होने के कारण सिर्फ 5 % ( 50 % of 10%) की रेट से depreciation की छूट दी जायेगी।

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