करदाता अपने बच्चों की वजह से प्राप्त कर सकता है, इनकम टैक्स के इन फायदों को – tax benefits on children education allowance

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tax benefits on children education allowance

tax benefits on children education allowance – अगर कोई करदाता अपने बच्चो की एजुकेशन, मेडिकल या insurance आदि पर कोई अमाउंट खर्च करता है, तो इसकी छूट उसे इनकम टैक्स में प्राप्त होती है।

एक करदाता को अपने बच्चो की वजह से कई तरह के टैक्स बेनिफिट्स प्राप्त होते है, जिनमे से कुछ इनकम टैक्स बेनिफिट्स सिर्फ सैलरीड एम्प्लोयी को प्राप्त होते है और कुछ बेनिफिट्स सैलरीड और बिज़नेस या प्रोफेशन करने वाले करदाता, दोनों को प्राप्त होते है।

आज के आर्टिकल(tax benefits on children education allowance) में हम एक करदाता को अपने बच्चो पर मिलने वाले अलग -अलग टैक्स बेनिफिट्स के बारे में चर्चा करेंगे।

Children education & Hostel Allowance ( tax benefits on children education allowance) –   

चिल्ड्रन एजुकेशन और हॉस्टल अलाउंस की छूट सिर्फ एक सैलरीड एम्प्लोयी को प्राप्त होती है।

सैलरीड एम्प्लोयी को मिलने वाले चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस को सबसे पहले एम्प्लोयी की इनकम में शामिल किया जाता है और इसके बाद eligible अमाउंट की exemption दी जाती है।

children education & hostel allowance की छूट इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10(14 ) के हिसाब से दी जाती है, जो कि नीचे बताये गए अनुसार दी जायेगी –

  • चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस – इस अलाउंस की छूट अधिकतम 2 बच्चो के लिए दी जायेगी, जो कि 100 रुपये प्रति महीना प्रति बच्चा होगी। यानि कि एक वर्ष में एक बच्चे की अधिकतम 1200 रुपये और 2 बच्चो की 2400 रुपये की वार्षिक छूट ली जा सकती है।
  • हॉस्टल expenditure अलाउंस – बच्चो के हॉस्टल से जुड़े खर्चो की छूट इसमें क्लेम की जा सकती है, यदि एम्प्लोयी को हॉस्टल एक्सपेंडिचर अलाउंस प्राप्त होता है तो।  इसमें भी अधिकतम 2 बच्चों की छूट प्राप्त की जा सकती है और 300 रुपये प्रति महीने प्रति बच्चे की छूट प्राप्त की जा सकती है, यानि की वार्षिक एक बच्चे की 3600 रुपये।

ट्यूशन फीस के भुगतान की छूट – 

ट्यूशन फीस के पेमेंट की छूट सेक्शन 80 सी में क्लेम की जा सकती है। एक सैलरीड और बिज़नेस या प्रोफेशनल दोनों तरह के करदाता द्धारा tuition fees के पेमेंट की छूट क्लेम की जा सकती है।

बच्चो की ट्यूशन फीस के पेमेंट की छूट पेरेंट्स द्धारा ली जा सकती है। तलाकशुदा या अनमैरिड व्यक्ति द्धारा भी बच्चो की ट्यूशन फीस की छूट ली जा सकती है। गोद लिए गए बच्चे की भी फीस के पेमेंट की छूट ली जा सकती है।

एक पेरेंट्स द्धारा अधिकतम 2 बच्चो की ट्यूशन फीस की डिडक्शन क्लेम की जा सकती है। 2 बच्चो की लिमिट प्रति इंडिविजुअल पर लागू होगी। यानि माता और पिता द्धारा कुल 4 बच्चो की फीस के पेमेंट की छूट क्लेम की जा सकती है।

ट्यूशन फीस के पेमेंट की अधिकतम छूट 1.5 लाख तक की प्राप्त की जा सकती है, जो कि सेक्शन 80c की लिमिट में प्राप्त होगी। यानि कि सेक्शन 80c की कुल छूट (tuition fees को मिलाकर ) 1.5 लाख से अधिक नहीं होगी।

Tuition fees deduction rules – 

ट्यूशन फीस की डिडक्शन को लेने के लिए कुछ रूल्स फॉलो करने होते है, जो कि है –

  • सिर्फ tuition fees की छूट दी जायेगी, डेवलपमेंट फीस, हॉस्टल या मेस फीस, डोनेशन, प्राइवेट कोचिंग सेंटर फीस या इसी तरह की कोई अन्य फीस की छूट नहीं दी जायेगी।
  • सिर्फ फुल टाइम कोर्स के पेमेंट की छूट दी जाएगी, पार्ट टाइम कोर्स की कोई छूट नहीं दी जाएगी।
  • भारत में की गयी एजुकेशन की ही छूट दी जाएगी।
  • छूट सिर्फ बच्चो के एजुकेशन पर किये गए खर्चे की दी जायेगी, करदाता के खुद, वाइफ, भाई या बहिन, माता -पिता या किसी रिश्तेदार के एजुकेशन खर्चे की कोई छूट नहीं दी जाएगी।

एजुकेशन लोन पर भुगतान किये गए ब्याज की डिडक्शन – 

एक इंडिविजुअल द्धारा अपने बच्चो की एजुकेशन पर लिए गए लोन के इंटरेस्ट पेमेंट की इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80E में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है। सिर्फ लोन के इंटरेस्ट अमाउंट की छूट दी जायेगी, प्रिंसिपल अमाउंट की कोई छूट नहीं दी जाएगी।

इस सेक्शन में छूट तब भी दी जाएगी, जब लोन आपने खुद के या जीवनसाथी की हायर एजुकेशन पर लिया हो और उसके इंटरेस्ट का पेमेंट किया हो।

हायर एजुकेशन से मतलब 12th के बाद आगे की पढ़ाई से है, यह भारत के बाहर के लिए भी हो सकती है। हालाँकि यह लोन सिर्फ बैंक, फाइनेंसियल इंस्टीटूशन या किसी एप्रूव्ड चैरिटेबल इंस्टीटूशन से ही लिया गया होना चाहिए।

सेक्शन 80E में अधिकतम छूट लेने की कोई लिमिट नहीं है, यानि कि जितने अमाउंट के इंटरेस्ट का पेमेंट किया है, उसकी छूट क्लेम की जा सकती है।

Life Insurance Policy के भुगतान की छूट – 

एक करदाता द्धारा अपने बच्चो के जीवन पर ली गयी बीमा पॉलिसीज की सेक्शन 80C में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।

करदाता द्धारा अपने major, minor, married या unmarried बच्चो के जीवन बीमा के प्रीमियम के पेमेंट की छूट क्लेम की जा सकती है। अधिकतम छूट 1.5 लाख तक के पेमेंट की क्लेम की जा सकती है, जो कि सेक्शन 80 सी की लिमिट में प्राप्त होगी।

Medical Insurance पॉलिसी के प्रीमियम के पेमेंट की छूट – 

पेरेंट्स द्धारा अपने बच्चो की हेल्थ पर ली गयी पालिसी के प्रीमियम की इनकम टैक्स में छूट क्लेम की जा सकती है। मेडिकल हेल्थ पालिसी के प्रीमियम की इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80 डी में छूट क्लेम की जा सकती है।

करदाता द्धारा अपने खुद के, जीवनसाथी और बच्चो की हेल्थ पालिसी पर अधिकतम 25000 की छूट क्लेम की जा सकती है। हालाँकि बच्चों की हेल्थ पालिसी पर सेक्शन 80d में डिडक्शन प्राप्त करने के लिए जरुरी है , कि बच्चे आप पर डिपेंडेंट हो।

अगर बच्चे डिपेंडेंट नहीं है तो उनके हेल्थ प्रीमियम के पैमेंट की आपको छूट नहीं दी जाएगी।

 

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