इनकम टैक्स एक्ट में नगद पेमेंट करने की लिमिट क्या होती है ? cash transaction section 40A(3)

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cash transaction section 40A(3)

cash transaction section 40A(3) – वर्तमान में गवर्नमेंट नकद में किये गए ट्रांजेक्शनों को कम करने और उन पर अपनी नजर बनाये रखने के लिए काफी कोशिशें कर रही है।

क्योकि, किसी भी पर्सन द्धारा नकद में किये गए ट्रांजेक्शन सरकार की नजरो में आ नहीं पाते है, जिससे गवर्नमेंट किसी पर्सन का सही से टैक्स असेसमेंट नहीं कर पाती है और इस वजह से सरकार को टैक्स का कम कलेक्शन हो पाता है।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 में भी सरकार द्वारा कई ऐसे सेक्शन लाये गए है, जो कि कैश में ट्रांजैक्शन करने की लिमिट को बताते है और अगर बतायी गयी लिमिट से ज्यादा का कैश ट्रांजैक्शन किया जाता है, तो उस ट्रांजैक्शन पर पेनल्टी या अन्य कोई चार्जेज लगाए जा सकते है।

इसी तरह का एक इम्पोर्टेन्ट सेक्शन इनकम टैक्स एक्ट 1961 में जोड़ा गया है, जो कि एक पर्सन के नकद में पेमेंट करने की लिमिट को बताता है और उस लिमिट से ज्यादा का नकद में पेमेंट करने पर इनकम टैक्स एक्ट के कौनसे रूल्स उस पर्सन पर एप्लीकेबल होंगे के बारे में भी बताता है।

इनकम टैक्स एक्ट के इस सेक्शन का नाम है सेक्शन 40A(3) .

आज के हमारे आर्टिकल (cash transaction section 40A(3)) में हम कैश ट्रांजेक्शन से जुड़े रूल्स के बारे में जानेंगे।

सेक्शन 40A(3) – cash transaction section 40A(3)

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 40A(3) में एक बिज़नेस पर्सन द्धारा नकद में किये गए ट्रांजेक्शनों के रूल्स और लिमिट के बारे में बताया गया है। यह सेक्शन सभी पर्सन पर एप्लीकेबल होता है, जैसे – इंडिविजुअल, फर्म, LLP, कंपनी etc.

section 40A(3) के अनुसार यदि कोई भी पर्सन किसी अन्य पर्सन को एक दिन में 10 हजार से अधिक का कोई भी पेमेंट कैश में करता है, तो उसे उस खर्चे की छूट नहीं मिलेगी।

यानि कि एक पर्सन, एक दिन और 10,000 की लिमिट।

जैसे – आपने किसी अन्य पर्सन से 45 हजार के कोई गुड्स ख़रीदे। 45 हजार का आपने कैश में उसी दिन पेमेंट किया, तो आपके द्वारा किया गया यह 45 हजार का पेमेंट disallow कर दिया जायेगा। यानि इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से यह आपकी इनकम की कम्प्यूटेशन में यह आपका खर्चा नहीं माना जायेगा और इसको आपकी इनकम में से घटाया नहीं जायेगा।

इसलिए अगर आप 10 हजार से अधिक कोई पेमेंट कर रहे है, तो इसे अकॉउंट पेयी चेक, अकॉउंट पेयी बैंक ड्राफ्ट, इंटरनेट बैंकिंग या निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड से ही करे।

निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड कौनसे है – 
  • क्रेडिट कार्ड
  • डेबिट कार्ड
  • नेट बैंकिंग
  • IMPS( Immediate Payment Service )
  • UPI (Unified Payment Interface )
  • RTGS ( Real Time Gross Settlement)
  • NEFT ( National Electronic Fund Transfer )
  • BHIM (Bharat Interface for Money )
  • Aadhaar Pay
10 हजार के नकद पेमेंट की लिमिट कब एप्लीकेबल नहीं होगी ?

अगर, आप किसी गुड्स के plying, hiring या लीजिंग के लिए किसी पर्सन को भाड़ा चुकाते हो, तो कैश पेमेंट की लिमिट 10 हजार नहीं होकर Rs 35,000 मानी जायेगी।

लेकिन कुछ खास तरह की सिचुएशन में आप 10 हजार से अधिक का पेमेंट कैश में कर सकते है। इन खास सिचुएशन को rule 6DD में बताया गया है।


rule 6DD 

सेक्शन 40A(3) कुछ खास सिचुएशन में एप्लीकेबल नहीं होता है, जिन्हे rule 6DD में बताया गया है। यानि इन सिचुएशन में आप 10,000 से अधिक का कैश में पेमेंट करते है, तो वह पेमेंट आपका मान्य होगा।

rule 6DD की सिचुएशन है –

  • यदि आप किसी बैंक या अन्य क्रेडिट इंस्टीट्यूशन को पेमेंट करते है , जैसे – आर बी आई, कमर्शियल बैंक , को – ऑपरेटिव सोसाइटी, lic etc .
  • सरकार को,
  • पेमेंट बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से किया गया हो, जैसे -(लेटर ऑफ़ क्रेडिट, मेल या टेलीग्राफिक ट्रांसफर, bills of एक्सचेंज, एक बैंक अकाउंट का किसी अन्य बैंक अकाउंट से बुक एडजस्टमेंट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा,etc .
  • जब पेमेंट किसी गुड्स या सर्विसेज के सप्लायर की किसी अन्य लायबिलिटी को आपस में सेट ऑफ करके किया जा रहा हो,
  • पेमेंट किसी ऐसे पर्सन को किया जा रहा हो जो किसी ऐसे गांव या कस्बे में रहता या बिज़नेस करता हो जहाँ कोई बैंक नहीं हो,


  • यदि किसी किसान, उत्पादक या निर्माता को निम्न के लिए पेमेंट किया गया हो
    • एग्रीकल्चरल या फारेस्ट उत्पाद के लिए
    • animal husbandry के उत्पाद के लिए (लाइव स्टॉक, मीट, hides और skins भी शामिल ) या डेयरी या poultry फार्मिंग के लिए,
    • मछली या मछली के उत्पादों के लिए,
    • मधुमक्खी पालन या बाग़वानी के सम्बन्ध में
  • जब किसी कॉटेज इंडस्ट्रीज के producer को ऐसे उत्पादों के लिए भुगतान किया जा रहा हो, जो कि बिना पावर की सहायता के बने हो,
  • जब किसी एम्प्लायर द्वारा अपने एम्प्लोयी को सेक्शन 192 के अनुसार टीडीएस काटने के बाद निम्न केस में पेमेंट किया जा रहा हो,
    • अस्थायी रूप से लगातार 15 दिन या अधिक के लिए अपनी ड्यूटी की जगह से किसी अन्य जगह या शिप में कार्य करने पर और
    • उस जगह या शिप पर उसका कोई बैंक अकाउंट नहीं होने पर
  • किसी एम्प्लोयी को रिटायरमेंट, छटनी या डेथ होने पर gratuity या रिटायरमेंट कंपनसेशन या कोई अन्य बेनिफिट देने पर जो कि 50,000 से अधिक नहीं हो,
  • यदि कोई ऐसा पेमेंट हो जो कि बैंक हॉलिडे या स्ट्राइक के दिन किया गया हो और यह पेमेंट उसी दिन किया जाना जरुरी हो,
  • किसी पर्सन द्वारा अपने एजेंट को किया गया पेमेंट जो कि उस पर्सन के behalf पर गुड्स और सर्विसेज का कैश में पेमेंट करता हो,
  • जब authorised डीलर या मनी changer के द्वारा फॉरेन करेंसी या ट्रैवलर्स चेक को खरीदने के लिए किया गया भुगतान।

rule 6DD के इन सिचुएशन में अगर कोई पर्सन 10 हजार से अधिक का कैश में पेमेंट करता है, तो उस खर्चे की छूट ली जा सकती है।

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