बैंक में जमा करवा रहे है तो इस इनकम टैक्स सेक्शन को जरूर समझे – unexplained cash credit section 68 of income tax act

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unexplained cash credit section 68 of income tax act

unexplained cash credit section 68 of income tax act – आज के समय में भारत में काफी लोग कैश के ट्रांजैक्शन करने में लगे हुए है, ताकि वह अपने कैश के इन ट्रांजैक्शनों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजरों से बचा सके।

cash के ट्रांजैक्शनों को अधिकतर लोग अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में रिपोर्ट नहीं करते, जिसकी वजह से बाद में उन्हें आयकर विभाग की पूछताछ का सामना करना पड़ता है।

आज के आर्टिकल में हम income tax act के section 68 के बारे में जानेंगे। इस सेक्शन में बताया गया है कि कैसे किसी व्यक्ति के अपने अकाउंट में जमा की गयी राशि के बारे में सही जानकारी नहीं देने से उस पर टैक्स और पेनल्टी लगायी जा सकती है।

unexplained cash credit क्या होती है ? section 68 of income tax act 

सेक्शन 68 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के अकाउंटस में कोई राशि क्रेडिट की जाती है और उसके पास उस राशि का कोई ब्यौरा नहीं है कि वह राशि कहाँ से आयी है। तो वह राशि unexplained cash credit कहलाती है और इस राशि पर पेनल्टी भी लगायी जाएगी।

जैसे – आपने अपने बैंक अकाउंट में एक वर्ष में कुल 4 लाख की राशि कैश में जमा करवायी और उस राशि के बारे में अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में कोई इनफार्मेशन नहीं दी।

इसी तरह आपने अपने बैंक अकाउंट में कोई चेक प्राप्त किया और इसकी भी आपने कोई जानकारी अपनी रिटर्न में नहीं दी। जैसे –  जो चेक आपको मिला है वह लोन है या आपकी कोई इनकम है या आपने कोई प्रॉपर्टी का ट्रांजैक्शन किया हो जिससे आपको चेक से कोई अमाउंट मिला है।

अगर आपके अकाउंटस में ऐसे ट्रांजैक्शन होते है और कभी आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई नोटिस प्राप्त होता है। तो निश्चित रूप से इनकम टैक्स ऑफिसर द्वारा आपको इन ट्रांजैक्शनों के बारे में सवाल किये जायेंगे।

अगर आप इन ट्रांजैक्शनों के “nature & source “ नहीं बता पाते, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर में ये “unexplained cash credit “ मानी जाएगी और आप पेनल्टी के लिए उत्तरदायी होंगे।

section 68 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति –
  • assessing officer को अपने एकाउंट्स में जमा राशि के “nature & source ” नहीं बता पाता या
  • assessing officer की राय में आपके द्वारा बताए गए ” nature & source ” संतुष्टिपूर्ण नहीं है

तो ऐसी जमा राशि unexplained cash credit मानी जायेगी।

यदि ऐसी कोई क्रेडिट आपके अकाउंटस में होती है, तो इस क्रेडिट के सम्बन्ध में आपसे कोई भी डाक्यूमेंट्स मंगवाये जा सकते है। यदि आपके बैंक में जमा किए जाने वाली राशि कोई अन्य पर्सन जमा करवा रहा है, तो उस अन्य व्यक्ति के भी डाक्यूमेंट्स मंगवाये जा सकते है।


unexplained cash credit के सम्बन्ध में टैक्स की रेट क्या होगी ? 

जब भी अकाउंटस में कोई जमा की एंट्री मिलती है, तो यह उस वर्ष में टैक्सेबल होगी , जब यह accounts में क्रेडिट की गयी थी।

unexplained cash credit की राशि 60 % की रेट से टैक्सेबल होगी। 60 % की रेट पूरे cash credit के अमाउंट पर लागू होगी , इसमें स्लैब रेट की कोई छूट नहीं दी जाएगी। साथ ही किसी भी तरह की कोई इनकम टैक्स डिडक्शन और खर्चो की छूट नहीं दी जाएगी।

60 % की टैक्स रेट में सरचार्ज, सेस और पेनल्टी भी जोड़ी जायेगी।

unexplained cash credit से बचने के लिए क्या करे ?

जब भी आप किसी से कैश लेते है, तो बाद में उस कैश देने वाले की आइडेंटिटी को साबित करना मुश्किल हो जाता है। क्योकि कभी भी कोई व्यक्ति इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लफड़े में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए कैश देने वाला व्यक्ति कभी यह नहीं कहेगा कि उसने आपको कोई cash दिया था।

इसलिए सभी ट्रांजैक्शनों को अकाउंट पेयी चेक, या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से ही करे, ताकि बाद में कभी भी आप इन ट्रांजैक्शनों को प्रूव कर सके।

इसके अलावा आप जब भी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करे, तो अपने बैंक स्टेटमेंट को जरूर देखें। उसमे यदि कोई ऐसे ट्रांजैक्शन आ रहे है तो उनको अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में शामिल करे और उन पर टैक्स दे।

ताकि बाद में ऐसे कोई ट्रांजैक्शन टैक्स लगने से छूट न जाये , जिससे आपको बाद में परेशानी हो।

यदि, आपकी कोई रेंट की इनकम आ रही है तो उसको भी अपनी रिटर्न में दिखाए और जिन किरायेदारों से आपको यह इनकम आ रही है उनकी आइडेंटिटी अपने पास रखें। ताकि बाद में कभी आपको प्रूव करना हो तो आप बता सके कि इन लोगों से आपको रेंट की इनकम प्राप्त हुई थी।

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