क्या प्रोविडेंट फण्ड से पैसे निकालने पर इनकम टैक्स लगाया जा सकता है ? income tax on epf withdrawal

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income tax on epf withdrawal

income tax on epf withdrawal – प्रोविडेंट फण्ड किसी भी पर्सन की रिटायरमेंट प्लानिंग का अहम् हिस्सा होता है। प्रोविडेंट फण्ड में इन्वेस्टमेंट से आप न केवल इनकम टैक्स में डिडक्शन प्राप्त कर सकते है, बल्कि अपने रिटायरमेंट के बाद की लाइफ को सिक्योर भी कर सकते है।

फिक्स्ड डिपाजिट और प्रोविडेंट फण्ड दोनों ऐसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, जिनमे एक आम आदमी अपनी लाइफ में सबसे अधिक इन्वेस्टमेंट करता है। ये दोनों ही तरह के इन्वेस्टमेंट आपको फिक्स्ड रिटर्न देते है, लेकिन दोनों में सबसे इंपोर्टेंट डिफरेंस टैक्सेशन का होता है।

क्योकि, फिक्स्ड डिपाजिट से प्राप्त इंटरेस्ट टैक्सेबल होता है, जबकि provident fund (PF ) से प्राप्त रिटर्न टैक्स फ्री होता है।

लेकिन, प्रोविडेंट फण्ड से पैसे निकालते समय अगर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के रूल्स को फॉलो नहीं किया जाता है, तो यही इन्वेस्टमेंट आपके लिए टैक्सेबल भी हो सकता है।

इसलिए प्रोविडेंट फण्ड से पैसे निकालते समय इनकम टैक्स के कुछ नियमो का पालन जरूर करे, अन्यथा आपको बाद में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

आज के आर्टिकल (income tax on epf withdrawal) में हम PF Withdrawal Rules के बारे में चर्चा करेंगे।

Types of Provident Fund – प्रोविडेंट फण्ड कितने टाइप्स के होते है ?

प्रोविडेंट फण्ड में इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपका यह जानना जरुरी है, कि आप किस टाइप्स के फण्ड में इन्वेस्टमेंट कर रहे है। क्योकि प्रोविडेंट फण्ड के टाइप्स के आधार पर ही यह निर्धारित होता है, कि आपको प्राप्त इंटरेस्ट और contribution टैक्सेबल होगा या नहीं।

Provident Fund को 4 टाइप्स में divide किया जाता है –

  1. Recognised Provident Fund(RPF ) – इस तरह के फण्ड इनकम टैक्स कमिशनर द्धारा मान्यता प्राप्त होते है। इन फंड्स में एम्प्लायर और एम्प्लोयी दोनों द्धारा इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है।
  2. Unrecognised Provident Fund (URPF ) – इन फंड्स को मान्यता प्राप्त नहीं होती है। इसमें भी एम्प्लायर -एम्प्लोयी, दोनों द्धारा इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है।
  3. Statutory Provident fund (SPF ) – इन फण्ड पर प्रोविडेंट फण्ड एक्ट, 1925 लागू होता है। यह गवर्नमेंट, सेमी – गवर्नमेंट इंस्टीटूशन, रेलवे, लोकल बॉडीज, यूनिवर्सिटीज़ और सभी तरह के recognised एजुकेशनल इंस्टीटूशन के employees के लिए होता है।
  4. Public Provident Fund (PPF ) – यह पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड एक्ट, 1968 के द्धारा ऑपरेट किया जाता है। इसमें सैलरीड और बिज़नेस पर्सन किसी के द्धारा भी इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। इसमें मिनिमम 500 का इन्वेस्टमेंट किया जाना जरुरी है।

क्या प्रोविडेंट फण्ड में इन्वेस्टमेंट की इनकम टैक्स में डिडक्शन ली जा सकती है ? 

Provident Fund में इन्वेस्टमेंट की इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है। अधिकतम डिडक्शन 1 लाख 50 हजार की ली जा सकती है, जो कि 80 सी की लिमिट में दी जाएगी।

इनकम टैक्स डिडक्शन देने के लिए सबसे पहले यह देखा जायेगा, कि कोनसे प्रोविडेंट फण्ड में इन्वेस्टमेंट किया गया है –

Deduction Available
Recognised provident fund Unrecognised provident fund Statutory provident fund Public Provident Fund
Section 80C deduction सिर्फ employee के contribution की डिडक्शन दी जाएगी कोई डिडक्शन नहीं दी जाएगी सिर्फ employee के contribution की Deduction  दी जाएगी Deduction Available

 

Provident Fund में जमा राशि निकालने पर टैक्स किस प्रकार लगाया जायेगा ? income tax on epf withdrawal

प्रोविडेंट फण्ड में जमा राशि को withdrawal करने पर टैक्स के ट्रीटमेंट को हम फंड्स के टाइप्स के आधार पर डिस्कस करेंगे।

 Recognised Provident Fund (RPF ) – 

इस फण्ड में एम्प्लोयी और एम्प्लायर दोनों द्धारा contribution किया जाता है। जितना contribution एम्प्लोयी द्धारा इस फण्ड में किया जाता है, नॉर्मली एम्प्लायर द्धारा भी उतने ही अमाउंट का योगदान दिया जाता है।

एम्प्लोयी को खुद के contribution की सेक्शन 80 C में डिडक्शन प्राप्त होती है, जबकि एम्प्लायर के कंट्रीब्यूशन की कोई डिडक्शन प्राप्त नहीं होती है।

RPF withdrawal को 4 टाइप्स में अलग किया जाता है –

  • Employee contribution – सेक्शन 80सी में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है।
  • Interest on employee contribution – maturity पर प्राप्त इंटरेस्ट टैक्स फ्री होता है।
  • Employer contribution – एम्प्लायर द्धारा सैलरी के 12 % से ज्यादा का कंट्रीब्यूशन किया जाता है, तो 12 % से अधिक राशि सैलरी हेड में टैक्सेबल होगी। प्रोविडेंट फण्ड के maturity पर प्राप्त राशि टैक्स फ्री होगी।
  • Interest on employer contribution – 9.5 % P.A . से अधिक प्राप्त इंटरेस्ट टैक्सेबल होगा। maturity पर प्राप्त इंटरेस्ट टैक्स फ्री होगा।

नोट : सैलरी में बेसिक सैलरी + DA (forming part of retirement benefits ) + % ऑफ़ टर्नओवर ( if any ) को लिया जायेगा।

RPF से 5 वर्ष पहले पैसा निकलवाने पर टैक्स ट्रीटमेंट क्या होगा ?

Recognized Provident Fund से पैसे निकालने पर एम्प्लोयी और एम्प्लायर का कंट्रीब्यूशन और उस पर कमाया गया इंटरेस्ट टैक्स फ्री होता है।

लेकिन, अगर एम्प्लोयी लगातार 5 वर्ष की सर्विस करने से पहले इसमें से पैसे निकालता है, तो इस केस में प्राप्त maturity का पैसा नीचे बताये गए अनुसार टैक्सेबल होगा –

  • एम्प्लोयी कंट्रीब्यूशन – employee contribution टैक्सेबल नहीं होगा, लेकिन अगर एम्प्लोयी ने इसकी पहले सेक्शन 80c में डिडक्शन क्लेम की थी तो एम्प्लोयी को उन वर्षो के लिए एडिशनल टैक्स का पेमेंट करना होगा, जिनमे 80c की डिडक्शन क्लेम की गयी थी।
  • एम्प्लायर कंट्रीब्यूशन और इसका इंटरेस्ट – यह “सैलरी “ हेड में टैक्सेबल होगा।
  • employee contribution पर कमाया गया इंटरेस्ट – ” income from other source “ हेड में टैक्सेबल होगा।
एम्प्लोयी की 5 वर्ष की सर्विस कैसे कैलकुलेट की जाएगी ?

अगर कोई एम्प्लोयी एक नौकरी को छोड़ने के बाद दूसरी नौकरी ज्वाइन करता है और प्रोविडेंट फण्ड के बैलेंस को नए एम्प्लायर के पास मेन्टेन किये जाने वाले प्रोविडेंट फण्ड में ट्रांसफर कर देता है,

तो एम्प्लोयी द्धारा पुराने एम्प्लायर के पास की गयी नौकरी के पीरियड को भी 5 वर्ष की सर्विस में जोड़ा जायेगा।

 Unrecognized Provident Fund (RPF )

इस तरह के फण्ड के maturity पर प्राप्त राशि पूरी तरह से टैक्सेबल होगी, इसमें 5 वर्ष का रूल फॉलो नहीं किया जायेगा।

टैक्सेशन इस प्रकार से किया जायेगा –

  • एम्प्लोयी कंट्रीब्यूशन – टैक्सेबल नहीं होगा और इस इन्वेस्टमेंट की इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C में छूट भी नहीं दी जाएगी।
  • Employer contribution और interest – “सैलरी” हेड में टैक्सेबल।
  • Interest on employee contribution – ” income from other source” हेड में टैक्सेबल।
Statutory Provident Fund (SPF ) & Public Provident Fund(PPF ) –

इन दोनों फण्ड में इन्वेस्ट की गयी राशि की सेक्शन 80 सी में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है और इनकी maturity पर प्राप्त राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। 5 वर्ष की कोई भी लिमिट नहीं होती है।

क्या एम्प्लोयी प्रोविडेंट फण्ड से पैसे निकलवाने पर टीडीएस भी काटा जा सकता है ?TDS on EPF Withdrawal – 

Employees Provident Fund में एम्प्लायर और एम्प्लोयी दोनों के द्धारा कंट्रीब्यूशन किया जाता है। बहुत से लोगो का यह मानना होता है कि EPF Withdrawal टीडीएस के प्रावधानों से exempt होते है, लेकिन ऐसा नहीं है।

एम्प्लाइज प्रोविडेंट फण्ड से पैसे निकालने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 192A में टीडीएस काटा जाता है, अगर कुछ कंडीशन पूरी हो जाती है तो।

ये कंडीशंस है –

  • employee द्धारा 5 वर्ष की लगातार सर्विस पूरी किये बगैर employees provident fund से पैसे निकलवाये जाते है; और
  • निकाली गई राशि 50 हजार से अधिक की हो।

अगर, ये दोनों कंडीशन पूरी होती है, तो सेक्शन 192A में टीडीएस काटा जायेगा। 5 वर्ष की मिनिमम इन्वेस्टमेंट की सीमा इसलिए तय की गयी है, कि कर्मचारी लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए प्रेरित हो सके।

tds rate and other rules – income tax on epf withdrawal
  • टीडीएस 10 % की रेट से काटा जायेगा।
  • एम्प्लोयी द्धारा पैन नंबर नहीं देने के केस में maximum marginal rate से टीडीएस डिडक्ट किया जायेगा।
  • 50 हजार से कम राशि निकालने पर कोई टीडीएस नहीं लगाया जायेगा।
  • एम्प्लोयी को पेमेंट के समय tds काटा जायेगा।

 

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