इनकम टैक्स रिटर्न last date के बाद फाइल करने पर कितना इंटरेस्ट और पेनल्टी लगायी जायेगी ?

10
7010
interest and penalty for late filing of itr u/s 234A & 234F in hindi

interest and penalty for late filing of itr u/s 234A & 234F in hindi – इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करने की एक लास्ट डेट होती है, अगर टैक्सपेयर द्वारा इस लास्ट डेट से पहले अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल कर दी जाती है, तो उसे काफी फायदे होते है ।

लेकिन, इस लास्ट डेट के बाद आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करते है, तो आपको कुछ नुकसान उठाने पड़ सकते है ।

इनकम टैक्स एक्ट 1961 में 1 अप्रैल 2018 से एक नया सेक्शन जोड़ा गया, इस सेक्शन का नाम था सेक्शन 234F ।

सेक्शन 234F उन टैक्सपेयर्स पर लागू होता है, जिन्होंने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को Due date से पहले फ़ाइल नही किया है । इस सेक्शन के अनुसार अगर आप अपनी रिटर्न को Due Date के बाद फ़ाइल करते है, तो रिटर्न फाइलिंग के समय आपसे लेट फीस चार्ज की जाएगी ।

बिना इस लेट फीस के आप अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही कर सकते है । 

इसी तरह अगर आपकी कुछ टैक्स लायबिलिटी बन रही है और आप अपनी रिटर्न को निर्धारित तारीख के बाद में फ़ाइल करते है, तो आपकी टैक्स लायबिलिटी पर सेक्शन 234A में आपसे ब्याज भी चार्ज किया जाएगा ।

सेक्शन 234A और सेक्शन 234F में आपको कितना ब्याज और लेट फीस देनी होगी और किन पर्सन पर यह दोनों सेक्शन एप्लीकेबल होंगे, के बारे में हम आगे चर्चा करेंगे ।

इनकम टैक्स और जीएसटी से सम्बंधित जानकारी और अपडेट्स के लिए व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़े – व्हाट्सअप ग्रुप 

यह भी देखे –

सेक्शन 234A क्या है और इसमे टैक्सपेयर पर कितना ब्याज लगाया जा सकता है ?

सेक्शन 234A ऐसे टैक्सपेयर्स पर एप्लीकेबल होता है, जिन्होंने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न को समय से फ़ाइल नही किया है और उनका कुछ बकाया टैक्स है, जिसे उन्हें जमा करवाना है ।

अगर इनकम टैक्स रिटर्न समय से फ़ाइल कर दी जाती है, तो सेक्शन 234A में लगने वाला ब्याज टैक्सपेयर पर एप्लीकेबल नही होगा ।

जैसे – मोहन एक सैलरीड एम्प्लोयी है और उनको असेसमेंट ईयर 2023-24 की इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई 2023 तक जमा करनी है । मोहन का उसकी टोटल इनकम पर 10 हजार का टैक्स बन रहा है । इस केस में मोहन 31 जुलाई 2023 के बाद अपनी रिटर्न फ़ाइल करते है, तो उन्हें सेक्शन 234A में ब्याज का सामना करना पड़ेगा ।

इसके अलावा अगर मोहन 31 जुलाई 2023 को या उससे पहले अपनी रिटर्न फ़ाइल करते है, तो उन्हें सेक्शन 234A में कुछ भी ब्याज नही देना होगा ।

इसलिए सेक्शन 234A के ब्याज से बचने के लिए भी अपनी आईटीआर को Due date से पहले जमा करे ।

ध्यान रखिये सेक्शन 234A का ब्याज सभी तरह के टैक्सपेयर्स पर एप्लीकेबल होता है, जैसे – इंडिविजुअल, HUF, कंपनी, फर्म आदि ।

यह भी देखे –

Section 234A में कितना ब्याज  लगाया जा सकता है ?

सेक्शन 234A में साधारण ब्याज ( सिंपल इंटरेस्ट ) की रेट से ब्याज लगाया जाता है, जो कि 1% प्रति महीने की रेट से होती है । यानि कि 12% वार्षिक रेट होती है । महीने के पार्ट को भी पूरा महीना माना जायेगा और 1 % कि रेट से ब्याज चार्ज किया जाएगा ।

जैसे – सोहन को असेसमेंट ईयर 2023-24 की इनकम टैक्स रिटर्न 31 जुलाई 2023 को फ़ाइल करनी है, इस केस में सोहन लास्ट डेट से चूक जाते है और 5 अगस्त को अपनी रिटर्न फ़ाइल करते है, इस केस में सोहन को सिर्फ 5 दिन की ही देरी हुई है, लेकिन सेक्शन 234A में उनसे पूरे महीने का ब्याज (1% प्रति महीना ) की रेट से लिया जाएगा ।

इसी तरह अगर सोहन 5 अगस्त को रिटर्न फ़ाइल नही करके 5 सितंबर को करते है तो इस केस में उन्हें 1 महीने और 5 दिन की देरी हुई है, तो सोहन को सेक्शन 234A में 2 महीने का ब्याज देना होगा, जो कि 2% (1 %प्रति महीने की रेट से ) होगा ।

ध्यान रखिये सोहन को सेक्शन 234A में ब्याज तभी देना होगा जब उनका कुछ टैक्स बन रहा है । 

सेक्शन 234A में ब्याज की कैलकुलेशन कैसे की जाएगी । 

सेक्शन 234A में ब्याज इनकम टैक्स रिटर्न को निर्धारित तारीख के बाद फ़ाइल करने पर लगाया जाता है । यह ब्याज रिटर्न फ़ाइल करने के दौरान बकाया टैक्स पर लगाया जाता है ।

सेक्शन 234A में ब्याज लगाने के लिए बकाया टैक्स राशि निकालने का तरीका –

Tax determined u/s 143(1) or on Assessment u/s 143(3)/144/147/153A ***
Less: TDS/TCS ***
Less: Advance Tax ***
Less: Self Assessment tax paid ***
Less: Relief of tax u/s 89/90/90A/91 ***
Less: MAT Credit u/s 115AA ***
Less: AMT Credit u/s 115JD ***
Remaining Tax (After due date) *** (राशि पर 234A में इंटरेस्ट लगाया जायेगा )

 

बकाया टैक्स राशि निकालने के बाद जितने महीनों की देरी रहती है, उतने पीरियड का ब्याज लगाया जाता है। यह ब्याज कंपल्सरी होता है, इससे बचा नही जा सकता है ।

जैसे – मोहन का 1 लाख का टैक्स बन रहा है । इसमे से मोहन का 50,000 का टीडीएस कट चुका है और मोहन ने 40,000 का एडवांस टैक्स जमा कर दिया है । इस केस में मोहन के 1 लाख के टैक्स में से 50,000 (टीडीएस) और 40,000 (एडवांस टैक्स ) को कम कर दिया जाएगा और बैलेंस 10,000 पर सेक्शन 234A में ब्याज लगा दिया जाएगा ।

इनकम टैक्स रिटर्न को Due डेट के बाद फ़ाइल करने पर सेक्शन 234F में कितनी लेट फीस चार्ज की जाएगी ?

असेसमेंट ईयर 2018-19 से पहले इनकम टैक्स रिटर्न को देरी से फ़ाइल करने पर किसी भी तरह की कोई लेट फीस जमा नही करवानी पड़ती थी ।

 लेकिन, 1 अप्रैल 2018 से सेक्शन 234F को एप्लीकेबल किया गया, जिसके अनुसार अगर कोई टैक्सपेयर अपनी आईटीआर को Due डेट के बाद फ़ाइल करता है, तो उसे सेक्शन 234F में लेट फीस जमा करवानी होगी ।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की Due Dates क्या है ?

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की Due Dates अलग – अलग टैक्सपेयर्स के लिए अलग – अलग होती है ।

income tax return filing Due Dates for assessment year 2023-24

टैक्सपेयर टाइप

Due Dates
नार्मल टैक्सपेयर 31 जुलाई 2023
कंपनी, फर्म, LLP, ऐसे पर्सन जिनकी ऑडिट होनी है  31 अक्टूबर 2023
सेक्शन 92E में रिपोर्ट जमा करवाने वाले टैक्सपेयर (इंटरनेशनल या निर्धारित डोमेस्टिक ट्रांजेक्शन के केस में ) 30 नवंबर 2023

 

नोट – ऊपर बताई गई due dates इनकम टैक्स रिटर्न को फ़ाइल करने की Due dates है, लास्ट डेट नही । टैक्सपेयर due date के बाद भी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न लेट फीस के साथ जमा कर सकता है, लेकिन लास्ट डेट के बाद लेट फीस के साथ भी रिटर्न जमा नही की जा सकती है ।

असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की लास्ट डेट 31 दिसंबर 2023 है, इस डेट के बाद टैक्सपेयर द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल नही की जा सकेगी ।

यह भी देखे –

असेसमेंट ईयर 2023-24 में सेक्शन 234F में कितनी लेट फीस चार्ज की जा सकती है ?  

सेक्शन 234F में लेट फीस चार्ज करने के लिए टैक्सपेयर को 2 टाइप्स में अलग किया जाता है – 

  • क्या टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य है ? 
  • क्या टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य नही है ? 

अगर टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य होता है, तो उसे सेक्शन 234F में 5,000 की लेट फीस का पेमेंट करना होगा ।

इसी तरह अगर टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य नही है, तो सेक्शन 234F में उसे कुछ भी लेट फीस का पेमेंट नही करना होगा । चाहे उसने due date के बाद अपनी रिटर्न फ़ाइल की हो ।

जैसे – असेसमेंट ईयर (A. Y. ) 2023-24 में मोहन की कुल इनकम 2 लाख की है और उसका इस इनकम पर 10,000 का टैक्स कट गया है । मोहन द्वारा 1 दिसंबर 2023 को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल की जाती है ।

नार्मल टैक्सपेयर को 31 जुलाई 2023 तक अपनी रिटर्न फ़ाइल करनी होती है, लेकिन मोहन द्वारा due डेट के बाद (1 दिसंबर 2023) को अपनी रिटर्न फ़ाइल की जाती है, तो भी मोहन को सेक्शन 234F में लेट फीस का पेमेंट नही करना होगा । क्योंकि इस केस में मोहन को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य नही था ।

नोट – एक फाइनेंसियल ईयर में कुल इनकम 2.50 लाख से कम होने पर (60 वर्ष से कम उम्र के इंडिविजुअल के लिए ) इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य नही होता है ।

60 वर्ष से ज्यादा लेकिन 80 वर्ष से कम उम्र के केस में यह लिमिट 3 लाख की होगी और 80 वर्ष से ज्यादा के केस में यह लिमिट 5 लाख की होगी ।

ध्यान रखे कुछ ऐसे भी केसेज होते है, जिनमे 2.50 लाख से कम इनकम होने पर भी इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करना अनिवार्य होता है और इन केसेज में रिटर्न due date के बाद फ़ाइल करने पर सेक्शन 234F में लेट फीस जमा करवानी होगी ।

इसलिए 2.50 लाख से कम इनकम होने के केस में भी सेक्शन 234F की लेट फीस के बारे में सतर्क रहें और इन रूल्स को भी जाने जहां 2.50 लाख से कम इनकम पर रिटर्न फ़ाइल करना जरूरी होता है ।

अगर आपको हमारा आर्टिकल (interest and penalty for late filing of itr u/s 234A & 234F in hindi ) अच्छा लगा हो तो इसे आगे शेयर जरूर करे।

 

यह भी जाने :

 

 

 

 

 

 

10 COMMENTS

  1. मे यह जानना चाहता हू ि‍कि अगर डीडीओ ने ि‍विᾛఀाागीय इनकम टेक्‍स फाईल करा ि‍दिया है तो क्‍या ि‍किसी कर्मचारी को व्‍यक्तिगत तौर पर भी इनकम टेक्‍स ि‍रिर्टन फाईल करना पडेगा

    • अगर DDO ने केवल कर्मचारी का टीडीएस काट कर उसे जमा करवाया है तो कर्मचारी को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी पड़ेगी और यदि DDO ने कर्मचारी की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की है तो कर्मचारी को इसे फाइल नहीं करना पड़ेगा।

  2. My DDO’s office has filed my ITR on 30.7.2018 with e-filling acknowledgement no.-955500930300718 but I have submitted the revise ITR on 26/09/2018 with e-filling acknowledgement no. – 307265750260918. I found a intimation under section 143(1) of IT ACT, 1961 that a penalty of rupees 5000/-is levied on me under section 234F. So, I want to know that what is the reason of this penalty because I have claimed a refund of Rs. 3830/- in my revised ITR. I request you please informed me immediately.

    • 234F me penalty lagayi hai to ye ho sakta hai ki apki original return( 30.07.2018) verify nahi hui hogi . isliye jab aapne revise return file ki to uski filing ki date 26-09-2018 consider ki gayi ho.
      aap apni original return ka status check karo ki wo verify hai ya nahi.

  3. sir hmne 31 august 2018 ke bad return jama krne ki date badhne ke bad 5 october 2018 ko return file kiya tha , sir mujhe 5000 penalty ka latter 17 march 2019 ko prapt hua h , to me jann chahta hu ki mujhe penaly 5000 kyu lagi .

  4. sir mene apni return file 05/10/2018 ko file ki thi kyuki 31/o8/2018 ke bad return file jama krne ki date badhai gyi thi , mene badhi date ke phle hi form submit kr diye the , parantu mujhe 5000 penalty ka latter 17/03/2019 ko prapt hua h , atah aap is samasya ka samadhan kare……..

    • असेसमेंट ईयर 2018 -19 की जो इनकम टैक्स रिटर्न की बढ़ी हुई डेट थी वो 31 अगस्त 2018 थी। आपने 5 अक्टूबर 2018 को रिटर्न फाइल की, जो कि देय तिथि के बाद की डेट है , इसलिए आपके पास पेनल्टी का नोटिस आया है।

  5. सर मेरा एक सवाल है . मैने पिछले साल टैक्स फाइल किया था, लेकिन अब सालाना २ लाख से भी कम इनकम होने की वजह से रिटर्न फ़ाइल नहीं करना चाहता . तो क्या इसमें कोई दिक्कत आ सकती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here